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Yoga Day Special: मिलिए 74 साल के 'शिव भगवान' से... जिन्हें योग ने दिलाई गंभीर बीमारियों से मुक्ति

कोई भी गंभीर बीमारी होने पर हम डॉक्टरों का सहारा ढूंढने लगते हैं. ना जाने कितने पैसे खर्च करते हैं लेकिन फिर भी कई बार स्वस्थ नहीं हो पाते. लेकिन चूरू के रहने वाले 74 वर्षीय शिव भगवान भाकर ने योग के सहारे अपने आप को ऐसा फिट बनाया कि लोग अब इनकी मिसाल देने लगे हैं. देखें योग दिवस पर स्पेशल रिपोर्ट...

योग के फायदे, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस विशेष, international yoga day, benefits of yoga
74 वर्षीय बुजुर्ग जो नहीं है एक युवा से कम
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Published : Jun 20, 2020, 6:51 PM IST

सरदारशहर (चूरू). कहते हैं योग में बड़ी ताकत होती है. योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है. यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है. मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है. विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है. स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है.

जैसे-जैसे हम विकास करते गए वैसे-वैसे हमारे शरीर में कई तरह की बीमारियों ने प्रवेश करना शुरू कर दिया. हालात ऐसे हैं कि लोग किसी न किसी बीमारी से ग्रसित हैं और बीमारी से मुक्ति पाने के लिए डॉक्टरों के यहां चक्कर लगाने के साथ मोटी रकम भी खर्च कर रहे हैं. आज हम आपको एक ऐसे शख्स से रूबरू कराने जा रहे हैं. जिन्होंने योग से ही सारी बीमारियों को मात दे दी है और दूसरों को भी योग करने की सलाह दे रहे हैं.

74 वर्षीय बुजुर्ग जो नहीं है एक युवा से कम

यह कहानी है सरदारशहर तहसील के गांव पिचकराई ताल के रहने वाले शिव भगवान भाकर की. 74 साल की उम्र पार कर चुके शिव भगवान आज भी ऐसी दौड़ लगाते हैं कि नौजवान तक को शर्म आ जाएगी. वो योग की ऐसी कठिन से कठिन मुद्राएं करते हैं, जिसे देखकर आप भी आश्चर्य में पड़ जाएंगे.

योग से हुए निरोग

एक समय में कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो चुके शिव भगवान को योग का ऐसा सहारा मिला कि वे आज पूरी तरह स्वस्थ हैं और लोगों को भी योग करने की सलाह दे रहे हैं. शिव भगवान के योग शुरू करने के पीछे भी एक दिलचस्प किस्सा है.

योग के फायदे, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस विशेष, international yoga day, benefits of yoga
योगासन करते शिव भगवान

यह भी पढ़ें- विश्व योग दिवसः इस बार मैदान में नहीं सोशल मीडिया के जरिए घरों पर ही होगा योग

दरअसल, 2001 में शिव भगवान भाकर को 2 बार हार्ट अटैक आया. जिसके बाद उनका जीवन दवाइयों पर ही निर्भर हो गया. साथ ही डॉक्टरों ने कई प्रकार की खाने-पीने की पाबंदी भी लगा दी थी. डॉक्टर ने यहां तक कह दिया कि अगर आपने कभी घी और 100 ग्राम से ज्यादा दूध का सेवन करना उनके लिए खतरनाक हो सकता है. उन्होंने हॉस्पिटल से छुट्टी के बाद 3 महीने तक दवाइयां ली. लेकिन कोई फायदा नहीं मिला और शरीर में जलन रहने लगी.

परेशान शिव भगवान बीमारी से निजात पाने के लिए दूसरा रास्ता ढूढ़ने लगे. इसके बाद रामदेव बाबा से प्रेरणा लेकर उन्होंने धीरे-धीरे घर पर ही योग करना शुरू कर दिया.

योग के फायदे, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस विशेष, international yoga day, benefits of yoga
ग्रामीणों को योग सिखाते बुजुर्ग

ऐसे बदल गई जिंदगी

बात 2007 की है. भाकर योग को अच्छी तरह से समझने और सीखने के लिए पतंजलि योग शिविर गए और वहां जाकर तो जैसे उनकी जिंदगी बदल ही गई. 2007 के बाद भाकर नियमित रूप से सुबह 4 बजे उठकर प्रतिदिन 2 किलोमीटर दौड़ते हैं. रोज 3 घंटे योगासन के साथ-साथ खूब उठक-बैठक लगाते हैं.

शिव भगवान कहते हैं कि अब जब वे योग करते हैं तो उन्हें किसी भी चीज से परहेज करने की जरूरत नहीं पड़ती है. भाकर का कहना है कि वे हर दिन 2 से 3 किलो दूध पीते हैं और जमकर घी भी खाते हैं.

योग ने अपना ऐसा चमत्कार दिखाया कि अब भाकर ने अपनी सभी बीमारियों से पीछा छुड़ा लिया है. अब शिव भगवान किसी प्रकार की कोई दवा नहीं लेते हैं. हार्ट की प्रॉब्लम तो बहुत दूर की बात है. अब उन्हें खांसी-जुकाम तक नहीं होता है.

यह भी पढे़ं- अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले योग की प्रैक्टिस करते दिखे लोग

शिव भगवान बताते हैं कि उन्हें 38 साल की उम्र से ही तीन नंबर का चश्मा लगा हुआ था. जो अब हट चुका है. इतना ही नहीं उन्हें आंखों में जलन और पानी आने की समस्या थी. योग से वो भी अब दूर हो चुकी है. शिव भगवान अब योग के फायदे ग्रामीणों को भी बताते हैं और योग सिखाते भी हैं.

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74 की उम्र करते हैं खेती

आज भी युवाओं से तेज दौड़ते हैं

ग्रामीण बताते हैं कि शिव भगवान आस-पास के गांव में होने वाली दौड़ प्रतियोगिता में भी हिस्सा लेते हैं. जिसमें जवान लड़कों को भी भाकर पछाड़ देते हैं. शिव भगवान इस उम्र में भी खेती बाड़ी का काम पूरे जोश और उत्साह के साथ करते हैं. इन्हें अपनी गायों से भी बहुत प्रेम है.

युवाओं को योग करने के लिए करते हैं प्रेरित

आज के समय में बढ़ते मानसिक तनाव को दूर करने के लिए शिव भगवान लोगों को योग करने की सलाह देते हैं. शिव भगवान स्थानीय युवाओं को समझाते हैं कि योग करना क्यों आवश्यक है और कौन से योग हैं, जो आपके मानसिक तनाव को दूर कर सकते हैं. गांव में अब तो युवा भी बड़े चाव से योग करते हैं. आसपास के कई क्षेत्रों में शिव कुमार योग सिखाने के लिए जाते हैं और इसी लिए इस वर्ष उपखंड स्तर पर भी शिव भगवान को सम्मानित किया गया था. 21 जून को योग दिवस पूरे विश्व में मनाया जाना है. ऐसे में शिव भगवान सभी से योग अपनाने की अपील कर रहे हैं.

21 जून को ही क्यों मनाया जाता है योग दिवस ?

क्या आप जानते हैं, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है. इसके पीछे भी एक बहुत खास वजह छिपी हुई है. जानकारी के मुताबिक 21 जून उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति भी कहा जाता है.

यह भी पढ़ें- विश्व योग दिवस पर विवेक विहार में होगा ऑनलाइन योग कार्यक्रम

भारतीय परंपरा के मुताबिक ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है. मान्यता है कि सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी होता है. इसी वजह से 21 जून को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' के रूप में मनाते हैं

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भाकर में है नौजवानों से ज्यादा स्फूर्ति

हर दिन करना चाहिए 1 घंटे योग

लोगों को योग सिखाने वाले शिव भगवान का मानना है कि अगर हर वर्ग के लोग रोजाना 1 घंटे योग करें तो कोई भी बीमारी उनको नहीं होगी.

बता दें कि हर साल 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस साल सामूहिक तौर पर योग दिवस नहीं मनाया जाएगा. बल्कि लोगों से अपील की गई है कि योग दिवस के दिन सभी अपने-अपने घरों में योग जरूर करें.

सरदारशहर (चूरू). कहते हैं योग में बड़ी ताकत होती है. योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है. यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है. मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है. विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है. स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है.

जैसे-जैसे हम विकास करते गए वैसे-वैसे हमारे शरीर में कई तरह की बीमारियों ने प्रवेश करना शुरू कर दिया. हालात ऐसे हैं कि लोग किसी न किसी बीमारी से ग्रसित हैं और बीमारी से मुक्ति पाने के लिए डॉक्टरों के यहां चक्कर लगाने के साथ मोटी रकम भी खर्च कर रहे हैं. आज हम आपको एक ऐसे शख्स से रूबरू कराने जा रहे हैं. जिन्होंने योग से ही सारी बीमारियों को मात दे दी है और दूसरों को भी योग करने की सलाह दे रहे हैं.

74 वर्षीय बुजुर्ग जो नहीं है एक युवा से कम

यह कहानी है सरदारशहर तहसील के गांव पिचकराई ताल के रहने वाले शिव भगवान भाकर की. 74 साल की उम्र पार कर चुके शिव भगवान आज भी ऐसी दौड़ लगाते हैं कि नौजवान तक को शर्म आ जाएगी. वो योग की ऐसी कठिन से कठिन मुद्राएं करते हैं, जिसे देखकर आप भी आश्चर्य में पड़ जाएंगे.

योग से हुए निरोग

एक समय में कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो चुके शिव भगवान को योग का ऐसा सहारा मिला कि वे आज पूरी तरह स्वस्थ हैं और लोगों को भी योग करने की सलाह दे रहे हैं. शिव भगवान के योग शुरू करने के पीछे भी एक दिलचस्प किस्सा है.

योग के फायदे, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस विशेष, international yoga day, benefits of yoga
योगासन करते शिव भगवान

यह भी पढ़ें- विश्व योग दिवसः इस बार मैदान में नहीं सोशल मीडिया के जरिए घरों पर ही होगा योग

दरअसल, 2001 में शिव भगवान भाकर को 2 बार हार्ट अटैक आया. जिसके बाद उनका जीवन दवाइयों पर ही निर्भर हो गया. साथ ही डॉक्टरों ने कई प्रकार की खाने-पीने की पाबंदी भी लगा दी थी. डॉक्टर ने यहां तक कह दिया कि अगर आपने कभी घी और 100 ग्राम से ज्यादा दूध का सेवन करना उनके लिए खतरनाक हो सकता है. उन्होंने हॉस्पिटल से छुट्टी के बाद 3 महीने तक दवाइयां ली. लेकिन कोई फायदा नहीं मिला और शरीर में जलन रहने लगी.

परेशान शिव भगवान बीमारी से निजात पाने के लिए दूसरा रास्ता ढूढ़ने लगे. इसके बाद रामदेव बाबा से प्रेरणा लेकर उन्होंने धीरे-धीरे घर पर ही योग करना शुरू कर दिया.

योग के फायदे, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस विशेष, international yoga day, benefits of yoga
ग्रामीणों को योग सिखाते बुजुर्ग

ऐसे बदल गई जिंदगी

बात 2007 की है. भाकर योग को अच्छी तरह से समझने और सीखने के लिए पतंजलि योग शिविर गए और वहां जाकर तो जैसे उनकी जिंदगी बदल ही गई. 2007 के बाद भाकर नियमित रूप से सुबह 4 बजे उठकर प्रतिदिन 2 किलोमीटर दौड़ते हैं. रोज 3 घंटे योगासन के साथ-साथ खूब उठक-बैठक लगाते हैं.

शिव भगवान कहते हैं कि अब जब वे योग करते हैं तो उन्हें किसी भी चीज से परहेज करने की जरूरत नहीं पड़ती है. भाकर का कहना है कि वे हर दिन 2 से 3 किलो दूध पीते हैं और जमकर घी भी खाते हैं.

योग ने अपना ऐसा चमत्कार दिखाया कि अब भाकर ने अपनी सभी बीमारियों से पीछा छुड़ा लिया है. अब शिव भगवान किसी प्रकार की कोई दवा नहीं लेते हैं. हार्ट की प्रॉब्लम तो बहुत दूर की बात है. अब उन्हें खांसी-जुकाम तक नहीं होता है.

यह भी पढे़ं- अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले योग की प्रैक्टिस करते दिखे लोग

शिव भगवान बताते हैं कि उन्हें 38 साल की उम्र से ही तीन नंबर का चश्मा लगा हुआ था. जो अब हट चुका है. इतना ही नहीं उन्हें आंखों में जलन और पानी आने की समस्या थी. योग से वो भी अब दूर हो चुकी है. शिव भगवान अब योग के फायदे ग्रामीणों को भी बताते हैं और योग सिखाते भी हैं.

योग के फायदे, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस विशेष, international yoga day, benefits of yoga
74 की उम्र करते हैं खेती

आज भी युवाओं से तेज दौड़ते हैं

ग्रामीण बताते हैं कि शिव भगवान आस-पास के गांव में होने वाली दौड़ प्रतियोगिता में भी हिस्सा लेते हैं. जिसमें जवान लड़कों को भी भाकर पछाड़ देते हैं. शिव भगवान इस उम्र में भी खेती बाड़ी का काम पूरे जोश और उत्साह के साथ करते हैं. इन्हें अपनी गायों से भी बहुत प्रेम है.

युवाओं को योग करने के लिए करते हैं प्रेरित

आज के समय में बढ़ते मानसिक तनाव को दूर करने के लिए शिव भगवान लोगों को योग करने की सलाह देते हैं. शिव भगवान स्थानीय युवाओं को समझाते हैं कि योग करना क्यों आवश्यक है और कौन से योग हैं, जो आपके मानसिक तनाव को दूर कर सकते हैं. गांव में अब तो युवा भी बड़े चाव से योग करते हैं. आसपास के कई क्षेत्रों में शिव कुमार योग सिखाने के लिए जाते हैं और इसी लिए इस वर्ष उपखंड स्तर पर भी शिव भगवान को सम्मानित किया गया था. 21 जून को योग दिवस पूरे विश्व में मनाया जाना है. ऐसे में शिव भगवान सभी से योग अपनाने की अपील कर रहे हैं.

21 जून को ही क्यों मनाया जाता है योग दिवस ?

क्या आप जानते हैं, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है. इसके पीछे भी एक बहुत खास वजह छिपी हुई है. जानकारी के मुताबिक 21 जून उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति भी कहा जाता है.

यह भी पढ़ें- विश्व योग दिवस पर विवेक विहार में होगा ऑनलाइन योग कार्यक्रम

भारतीय परंपरा के मुताबिक ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है. मान्यता है कि सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी होता है. इसी वजह से 21 जून को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' के रूप में मनाते हैं

योग के फायदे, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस विशेष, international yoga day, benefits of yoga
भाकर में है नौजवानों से ज्यादा स्फूर्ति

हर दिन करना चाहिए 1 घंटे योग

लोगों को योग सिखाने वाले शिव भगवान का मानना है कि अगर हर वर्ग के लोग रोजाना 1 घंटे योग करें तो कोई भी बीमारी उनको नहीं होगी.

बता दें कि हर साल 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस साल सामूहिक तौर पर योग दिवस नहीं मनाया जाएगा. बल्कि लोगों से अपील की गई है कि योग दिवस के दिन सभी अपने-अपने घरों में योग जरूर करें.

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