सरदारशहर (चूरू). लॉकडाउन के बीच पुलिस के अलग-अलग किस्से देशभर से सामने आ रहे हैं. इसी कड़ी में सरदारशहर पुलिस मानवता की नई मिसाल पेश की है. सरदारशहर में कैंसर से पीड़ित उत्तर प्रदेश के रहने वाला हरिओम और उसकी की पत्नी लॉकडाउन के चलते शहर में फंस गए थे.
हरिओम की कैंसर की दवा भी समाप्त हो चुकी थी, ऐसे में थानाधिकारी महेंद्र दत्त शर्मा को जब इस बात का पता चला तो थानाधिकारी ने पहल करते हुए कैंसर पीड़ित हरिओम को पहले तो दवा दिलवाई फिर जिला कलेक्टर संदेश नायक से हरिओम की उत्तर प्रदेश भेजने की परमिशन दिलवाई और हरिओम की समाजसेवियों की मदद से उत्तर प्रदेश जाने की व्यवस्था करवाई.
कैंसर पीड़ित हरिओम ने बताया, कि वह उत्तर प्रदेश के जालोंन जिले के कोसलपुर का रहने वाला है और सरदारशहर में रहकर गोलगप्पे का ठेला लगाकर अपना जीवन यापन करता है. जब वह अपने गांव से आया था तब कैंसर की दवा लेकर आया था, लेकिन लॉकडाउन के चलते वह यहां फंस गया और दवा समाप्त होने के चलते उसकी तकलीफ बढ़ गई. लेकिन जब उसने थानाधिकारी से संपर्क किया तो थानाधिकारी ने तुरंत उसकी मदद की. थानाअधिकारी ने हरिओम के दर्द को देखते हुए देर नहीं की और रात को ही उसके गांव के लिए रवाना कर दिया.
पढ़ेंः कोटा: पंखे से लटककर छात्रा ने दी जान, सुसाइड नोट में लिखा "मैं आपकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरी"
इस समय देशभर से पुलिसकर्मियों की बहादुरी और अच्छे कार्यों की तस्वीर सामने आ रही है, लेकिन किसी कैंसर पीड़ित को एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश भेजने का संभवत यह पहला मामला हैं. थानाधिकारी ने ना सिर्फ हरिओम की दवा की व्यवस्था की बल्कि उसके जाने के लिए जिला कलेक्टर से अनुमति भी दिलवाई और हरिओम को गांव भेजने के लिए भामाशाओं को तैयार किया. साथ ही साथ थानाधिकारी ने उसके गांव जाने के दौरान जेब खर्चे के भी पैसे दिए.
40 झुग्गी झोपड़ी को भी गोद ले रखा है...
वाकई में थानाधिकारी ने कोरोना महामारी के इस कठिन समय में मानवता की अनोखी मिसाल पेश की है. ऐसे दिल को छू जाने वाले किस्से बहुत कम देखने और सुनने को मिलते हैं. थानाधिकारी महेंद्र शर्मा ने लॉकडाउन के बाद 40 झुग्गी झोपड़ी वाले परिवारों को भी गोद ले रखा है, जिनके लिए वह राशन पहुंचाने और अन्य जरूरतमंद सुविधा उपलब्ध करवाने का कार्य कर रहे हैं.