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Special: इंसानियत की जीवंत मिसाल है सरदारशहर का सर्राफ परिवार

चूरू के सरदारशहर का सर्राफ परिवार कोरोना काल और उससे पहले से गरीबों और जरूरतमंदों को राशन किट वितरित करता आया है. परिवार जहां बिना भेदभाव के गरीबों की सेवा कर रहा है तो कोरोना में पीएम केयर में 1 करोड़ रुपए दान देकर चर्चा में भी आया था. पढ़े- सर्राफ परिवार की कहानी...

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सरदारशहर का सर्राफ परिवार
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Published : Oct 13, 2020, 11:24 PM IST

सरदारशहर(चूरू). राजस्थान को शूरवीरों की धरती कहा जाता है. यहां कई महान योद्धा हुए हैं. लेकिन इस मिट्टी ने भामाशाहों को भी पैदा किया है. राजस्थान के दानवीरों के किस्से इतिहास में तो दर्ज हैं ही वर्तमान में भी कुछ ऐसे भामाशाह हैं जो लोगों के लिए मिसाल बनते जा रहे हैं. ऐसा ही एक परिवार है चूरू का सर्राफ परिवार.

सर्राफ परिवार की कहानी

PM केयर में 1 करोड़ दान दिए

सर्राफ परिवार ने कोरोना में पीएम केयर फंड में 1 करोड़ की राशि दान दी. इसके साथ ही स्थानीय प्रशासन को जब भी लॉकडाउन में राशन की किटों की जरूरत होती थी तो वे सर्राफ परिवार से ही मदद मांगते थे और उनको परिवार की तरफ से राशन किट मुहैया करवाई जाती थी. लॉकडाउन में जहां लाखों करोड़ों परिवारों को दो वक्त की रोटी नसीब नहीं हो रही थी, ऐसे में इस परिवार ने जरूरतमंदों की मदद करने की ठानी.

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हर महीने 270 परिवारों को राशन किट बांटता है परिवार

सरदारशहर उपखंड अधिकारी रीना छिंपा ने बताया कि लॉकडाउन में प्रशासन को जरूरतमंद और गरीब परिवारों के लिए 2000 राशन किट की जरूरत थी, जिन्हें सर्राफ परिवार ने उपलब्ध करवाया. उपखंड अधिकारी ने बताया कि इलाके में जब भी किसी जरूरतमंद को मदद की आवश्यकता होती है तो यह परिवार सबसे पहले सामने आता है.

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सर्राफ परिवार पीएम केयर में 1 करोड़ रुपए डोनेट करके चर्चा में आया था

पढ़ें: Special: राजस्थान के इस गांव में दूसरी मंजिल नहीं बनाते ग्रामीण...500 साल पुरानी परंपरा आज भी कायम

नवंबर 2019 से दिया जा रहा है हर महीने राशन

सर्राफ परिवार की तरफ से नवंबर 2019 से हर महीने राशन किट का वितरण किया जा रहा है. हर महीने 267 परिवारों को राशन की किट उपलब्ध करवाई जाती है. परिवार के सदस्य सोनू सर्राफ ने बताया कि हमारे परिवार की परंपरा रही है कि जरूरतमंद लोगों की मदद करना. हमने हर परिस्थितियों में जरूरतमंद लोगों की मदद की है. विशेष रूप से कोरोना काल में जब गरीबों को सबसे अधिक नुकसान झेलना पड़ा तब परिवार की तरफ से मास्क और सैनिटाइजर का वितरण तो किया ही गया साथ ही गरीब, असहाय, विकलांगों को भी राशन किट मुहैया करवाई गई.

क्या-क्या होता है राशन किट में

अगर किसी परिवार में 2 से 3 लोग हैं तो उनको 15 किलो आटा, 1 लीटर तेल, आधा किलो घी, 500 ग्राम नमक, 2 किलो चीनी, 250 ग्राम चायपत्ती, 1 किलो चावल, 250 ग्राम जीरा, दाल इत्यादि सामान राशन किट में दिए जाते हैं. अगर किसी परिवार में 4 से 5 सदस्य हैं तो उनको इस राशन किट का डबल राशन दिया जाता है. हर महीने की 1, 2, 3 तारीख को शाम 4 से 6:30 के बीच राशन किट का वितरण किया जाता है.

पढ़ें: Special : भीलवाड़ा में किसानों के चेहरे पर खुशी, बोले- आमदनी बढ़ाने वाला है नया कृषि कानून

राशन लेने के लिए लगती हैं लंबी-लंबी लाइनें

महीने की शुरुआत में जब परिवार की तरफ से राशन वितरण किया जाता है तो जरूरतमंदों की लंबी-लंबी लाइनें सर्राफ परिवार के गोदाम के सामने लग जाती है. राशन जरूरतमंदों और जिसको सच में उसकी जरूरत है उसे ही मिले इसके लिए सिर्फ राशन लेने आने वालों से राशन कार्ड और आधार कार्ड मांगा जाता है. वहीं, जो परिवार नियमित रूप से राशन लेने आते हैं उनके लिए एक कार्ड बना कर दे रखा है, जिसे दिखाने के बाद उनको राशन मिलता है.

जहां लॉकडाउन में सरकारों ने गरीब लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया, ऐसे कठिन वक्त में सर्राफ परिवार जैसे भामाशाहों ने आगे आकर निःस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा की. गरीब लोगों को सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए तरह-तरह के कागज दिखाने पड़ते हैं, लेकिन यहां सिर्फ आपको अपना आधार और राशन कार्ड दिखाना पड़ता है और आपको राशन किट मिल जाती है. सर्राफ परिवार अपने आप में मनुष्यता का जीवंत उदाहरण है.

सरदारशहर(चूरू). राजस्थान को शूरवीरों की धरती कहा जाता है. यहां कई महान योद्धा हुए हैं. लेकिन इस मिट्टी ने भामाशाहों को भी पैदा किया है. राजस्थान के दानवीरों के किस्से इतिहास में तो दर्ज हैं ही वर्तमान में भी कुछ ऐसे भामाशाह हैं जो लोगों के लिए मिसाल बनते जा रहे हैं. ऐसा ही एक परिवार है चूरू का सर्राफ परिवार.

सर्राफ परिवार की कहानी

PM केयर में 1 करोड़ दान दिए

सर्राफ परिवार ने कोरोना में पीएम केयर फंड में 1 करोड़ की राशि दान दी. इसके साथ ही स्थानीय प्रशासन को जब भी लॉकडाउन में राशन की किटों की जरूरत होती थी तो वे सर्राफ परिवार से ही मदद मांगते थे और उनको परिवार की तरफ से राशन किट मुहैया करवाई जाती थी. लॉकडाउन में जहां लाखों करोड़ों परिवारों को दो वक्त की रोटी नसीब नहीं हो रही थी, ऐसे में इस परिवार ने जरूरतमंदों की मदद करने की ठानी.

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हर महीने 270 परिवारों को राशन किट बांटता है परिवार

सरदारशहर उपखंड अधिकारी रीना छिंपा ने बताया कि लॉकडाउन में प्रशासन को जरूरतमंद और गरीब परिवारों के लिए 2000 राशन किट की जरूरत थी, जिन्हें सर्राफ परिवार ने उपलब्ध करवाया. उपखंड अधिकारी ने बताया कि इलाके में जब भी किसी जरूरतमंद को मदद की आवश्यकता होती है तो यह परिवार सबसे पहले सामने आता है.

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सर्राफ परिवार पीएम केयर में 1 करोड़ रुपए डोनेट करके चर्चा में आया था

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नवंबर 2019 से दिया जा रहा है हर महीने राशन

सर्राफ परिवार की तरफ से नवंबर 2019 से हर महीने राशन किट का वितरण किया जा रहा है. हर महीने 267 परिवारों को राशन की किट उपलब्ध करवाई जाती है. परिवार के सदस्य सोनू सर्राफ ने बताया कि हमारे परिवार की परंपरा रही है कि जरूरतमंद लोगों की मदद करना. हमने हर परिस्थितियों में जरूरतमंद लोगों की मदद की है. विशेष रूप से कोरोना काल में जब गरीबों को सबसे अधिक नुकसान झेलना पड़ा तब परिवार की तरफ से मास्क और सैनिटाइजर का वितरण तो किया ही गया साथ ही गरीब, असहाय, विकलांगों को भी राशन किट मुहैया करवाई गई.

क्या-क्या होता है राशन किट में

अगर किसी परिवार में 2 से 3 लोग हैं तो उनको 15 किलो आटा, 1 लीटर तेल, आधा किलो घी, 500 ग्राम नमक, 2 किलो चीनी, 250 ग्राम चायपत्ती, 1 किलो चावल, 250 ग्राम जीरा, दाल इत्यादि सामान राशन किट में दिए जाते हैं. अगर किसी परिवार में 4 से 5 सदस्य हैं तो उनको इस राशन किट का डबल राशन दिया जाता है. हर महीने की 1, 2, 3 तारीख को शाम 4 से 6:30 के बीच राशन किट का वितरण किया जाता है.

पढ़ें: Special : भीलवाड़ा में किसानों के चेहरे पर खुशी, बोले- आमदनी बढ़ाने वाला है नया कृषि कानून

राशन लेने के लिए लगती हैं लंबी-लंबी लाइनें

महीने की शुरुआत में जब परिवार की तरफ से राशन वितरण किया जाता है तो जरूरतमंदों की लंबी-लंबी लाइनें सर्राफ परिवार के गोदाम के सामने लग जाती है. राशन जरूरतमंदों और जिसको सच में उसकी जरूरत है उसे ही मिले इसके लिए सिर्फ राशन लेने आने वालों से राशन कार्ड और आधार कार्ड मांगा जाता है. वहीं, जो परिवार नियमित रूप से राशन लेने आते हैं उनके लिए एक कार्ड बना कर दे रखा है, जिसे दिखाने के बाद उनको राशन मिलता है.

जहां लॉकडाउन में सरकारों ने गरीब लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया, ऐसे कठिन वक्त में सर्राफ परिवार जैसे भामाशाहों ने आगे आकर निःस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा की. गरीब लोगों को सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए तरह-तरह के कागज दिखाने पड़ते हैं, लेकिन यहां सिर्फ आपको अपना आधार और राशन कार्ड दिखाना पड़ता है और आपको राशन किट मिल जाती है. सर्राफ परिवार अपने आप में मनुष्यता का जीवंत उदाहरण है.

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