सादुलपुर (चूरू). जिले में नगरपालिका सफाई कर्मचारियों की ओर से विभिन्न मांगों को लेकर नगरपालिका के सामने तीसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन और अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा. साथ ही धरने में शहर में सफाई कार्य का बहिष्कार भी किया जा रहा है. वहीं, बसपा नेता व पूर्व विधायक मनोज न्यांगली ने धरना स्थल पर पहुंचकर सफाई कर्मचारियों की मांग का समर्थन किया, जिसके बाद वह धरने पर बैठ गए.अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस के बैनर तले सफाई कर्मचारी नगरपालिका के सामने पहुंचे और नौ सूत्री मांग-पत्र को लेकर जमकर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया.
कर्मचारियों ने रोष जताते हुए कहा कि शहर में जिम्मेदारी के साथ सफाई करते हैं, फिर भी उनके साथ भेदभाव किया जाता है. जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. साथ ही सफाई कार्मिकों का कहना है कि कोरोना काल के समय जो श्रमिक अस्थाई तौर पर लगे हुए हैं, उनको अभी तक तीन महिने से मजदूरी नहीं मिल रही है.
साथ ही उनका कहना है कि वाल्मीकि समाज का शोषण किया जा रहा है और ठेका श्रमिकों का 327 रुपये प्रति दिन के हिसाब से दिया जा रहा है. लेकिन नगरपालिका पुरुष सफाईकर्मी को 285 और महिला सफाई कर्मी को 185 रुपये ही दिया जा रहा है. साथ ही सफाई कर्मचारियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगों का निराकरण नहीं किया जाएगा, तब तक सफाई कार्य के बहिष्कार के साथ अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा.
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न्यांगली ने दिया समर्थन...
सफाई कर्मचारियों की मांग को बसपा नेता और पूर्व विधायक मनोज न्यांगली ने जायज बताते हुए उनका समर्थन किया है. इस अवसर पर न्यांगली ने ठेके पर सफाई कर्मचारियों की गत माह के भुगतान और सफाई ठेके में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने की मांग की है. साथ ही सफाई कर्मचारियों को हर संभव सहयोग का आश्वासन भी दिया है.
ये है मांग...
नगरपालिका अधिशासी अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर वर्ष 2018 में जो सफाई कर्मचारी के पद पर नियुक्त हुए हैं. वह सफाई का कार्य न करके अन्य कार्यों में लगे हुए हैं. साथ ही वर्ष 2018 में जो नई भर्ती हुई है, उन सफाई कर्मचारियों को स्थायी करने और नई भर्ती में नियुक्त आठ ऐसे कर्मचारी जिन्होंने अभी तक ज्वाॅइन नहीं की है, उनकी नियुक्ति को खारिज करने, सफाई कर्मचारियों के वरिष्ठता के आधार पर सफाई जमादार के पद पर पदोन्नत करने, अस्थायी सफाई श्रमिक कर्मचारियों का वेतन बढाने की मांग, कोरोना महामारी के दौरान जिन अस्थाई सफाई कर्मचारियों ने सफाई का कार्य किया है, उन्हें स्थायी करने का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजने, ड्राइवर कर्मचारियों में अस्थायी श्रमिक हैं, उनका भुगतान शीघ्र करवाने की मांग की गई है.