चूरू. अंचल में गुरुवार के दिन उत्तरी पश्चिमी दिशा से उठे रेतीली मिट्टी के गुब्बार ने देखते ही देखते पूरे शहर को अपने आगोश में ले लिया. कोई कुछ समझ पाता उससे पहले ही आसमान में रेत का गुब्बार और अंधेरा छा गया.
उत्तर पश्चिमी दिशा से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आई इस रेतीले आंधी के बाद अंचल में दृश्यता शून्य दिखाई पड़ी. तो वहीं तेज रफ्तार के साथ आई रेतीली आंधी के बाद सड़कों पर दौड़ रहे वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लग गए. तो वहीं लाइटों के सहारे वाहनों को रेंगना पड़ा.
आंधी के बाद जहां जिसे के तापमान में गिरावट दर्ज की गई. तो वहीं मामूली बूंदाबांदी के बाद अंचल के लोगों को उसम भरी गर्मी से राहत मिली. साथ ही मौसम भी खुशनुमा हो गया. उतर पश्चिमी दिशा से आई काली पीली इस आंधी ने सबसे पहले जिले की सरदारशहर तहसील को अपने आगोश में लिया. फिर उसके कुछ ही मिनटों के बाद यह रेतीली आंधी का गुब्बार चूरू और रतनगढ़ में देखा गया. अचानक से मौसम में हुए इस बदलाव के बाद पांच मिनट तक शहर में एक दम से अंधेरा छा गया.
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उत्तर पश्चिमी दिशा से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आई इस रेतीले आंधी की वजह से जनजीवन प्रभावित हुआ. आंधी की वजह से जहां चारों तरफ अंधेरा छा गया. जिससे रात का अहसास होने लगा. इसका असर मुख्य बाजारों पर भी पड़ा. लोगों के वाहनों के पहिए वहीं थम गए. अंधेरा इतना ज्यादा था कि कहीं रेत के कारण कुछ नजर नहीं आ रहा था. वहीं करीब 2 घंटे के बाद सूर्यदेव के दर्शन हुए.