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22 जुलाई से शुरू होगा रूबेला अभियान, चूरू जिले के 6 लाख 70 हजार बच्चों के लगेगा टीका

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Published : Jun 26, 2019, 8:45 PM IST

चूरू जिले में 22 जुलाई से रूबेला और खसरा रोग से बच्चों को बचाने के लिए खसरा रूबेला अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत जिला कलेक्टर संदेश नायक ने जिले में नवाचार करते हुए खसरा रूबेला अभियान को लेकर जिले में नौ माह से 15 साल तक के बच्चों के अभिभावकों के नाम संदेश पत्र जारी किए हैं. इस अभियान के तहत 9 माह से 15 बरस तक के सभी बच्चों को यह टिका लगाया जाएगा.

बच्चों को रूबेला और खसरा रोग से बचाव के लिए 22 जुलाई से शुरू होगा अभियान

चूरू. इस अभियान की सफलता के लिए और आमजन में जागरूकता का एक माहौल बन सके. इसके लिए बुधवार को जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुनील जांदू और डब्ल्यूएचओ के डॉ. अमय धात्रक ने प्रेस वार्ता कर अभियान की जानकारी और उपयोगिता बताई.

बच्चों को रूबेला और खसरा रोग से बचाव के लिए 22 जुलाई से शुरू होगा अभियान

डॉ. सुनील जांदू ने बताया की इस टीके से बच्चों में जन्मजात बीमारी दूर होगी. बहरापन, मोतियाबिंद और हृदय रोग से जुड़ी बीमारियों से छुटकारा मिलेगा. उन्होंने बताया कि जिले में छह लाख 70 हजार से अधिक बच्चों को यह टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है. अभियान में पहले दो से तीन सप्ताह स्कूलों में चौथे और 5वें सप्ताह गांव और शहरी क्षेत्रों में मोबाइल टीमों द्वारा स्कूल न जाने वाले बच्चों को व जो छूटे हुए बच्चे हैं, उनका टीकाकरण किया जाएगा.

जिला कलेक्टर संदेश नायक ने जिले में नवाचार करते हुए खसरा रूबेला अभियान को लेकर जिले में नौ माह से 15 साल तक के बच्चों के अभिभावकों के नाम संदेश पत्र जारी किए हैं. सभी अभिभावकों तक रूबेला और खसरा रोग से बचाव के लिए टीके लगवाने की अपील भिजवाई जा रही है. इसके अलावा एनजीओ और स्वयंसेवी संगठनों को भी अभियान से जोड़ा जा रहा है.

इसलिए जरूरी है यह टीका?
डॉ. सुनील जांदू ने बताया कि खसरा वायरस जनित जानलेवा रोग है. इसमें बुखार, खांसी, जुखाम और आंखे लाल होना आदि लक्षण दिखते हैं. बच्चों में खसरे के कारण विकलांगता और अनहोनी का खतरा रहता है. खसरे के चकत्ते बुखार आने के दो दिन बाद दिखते हैं. इसमें डायरिया, निमोनिया, मस्तिष्क की सूजन जैसे जटिलताएं भी हो सकती हैं. कुपोषित बच्चों को भी ये टीका लगाना है. क्योंकि इस प्रकार के बच्चों में संक्रमण की संभावना ज्यादा होती है. किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी तेज बुखार और गर्भावस्था में यह टीका नहीं लगाना है.

चूरू. इस अभियान की सफलता के लिए और आमजन में जागरूकता का एक माहौल बन सके. इसके लिए बुधवार को जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुनील जांदू और डब्ल्यूएचओ के डॉ. अमय धात्रक ने प्रेस वार्ता कर अभियान की जानकारी और उपयोगिता बताई.

बच्चों को रूबेला और खसरा रोग से बचाव के लिए 22 जुलाई से शुरू होगा अभियान

डॉ. सुनील जांदू ने बताया की इस टीके से बच्चों में जन्मजात बीमारी दूर होगी. बहरापन, मोतियाबिंद और हृदय रोग से जुड़ी बीमारियों से छुटकारा मिलेगा. उन्होंने बताया कि जिले में छह लाख 70 हजार से अधिक बच्चों को यह टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है. अभियान में पहले दो से तीन सप्ताह स्कूलों में चौथे और 5वें सप्ताह गांव और शहरी क्षेत्रों में मोबाइल टीमों द्वारा स्कूल न जाने वाले बच्चों को व जो छूटे हुए बच्चे हैं, उनका टीकाकरण किया जाएगा.

जिला कलेक्टर संदेश नायक ने जिले में नवाचार करते हुए खसरा रूबेला अभियान को लेकर जिले में नौ माह से 15 साल तक के बच्चों के अभिभावकों के नाम संदेश पत्र जारी किए हैं. सभी अभिभावकों तक रूबेला और खसरा रोग से बचाव के लिए टीके लगवाने की अपील भिजवाई जा रही है. इसके अलावा एनजीओ और स्वयंसेवी संगठनों को भी अभियान से जोड़ा जा रहा है.

इसलिए जरूरी है यह टीका?
डॉ. सुनील जांदू ने बताया कि खसरा वायरस जनित जानलेवा रोग है. इसमें बुखार, खांसी, जुखाम और आंखे लाल होना आदि लक्षण दिखते हैं. बच्चों में खसरे के कारण विकलांगता और अनहोनी का खतरा रहता है. खसरे के चकत्ते बुखार आने के दो दिन बाद दिखते हैं. इसमें डायरिया, निमोनिया, मस्तिष्क की सूजन जैसे जटिलताएं भी हो सकती हैं. कुपोषित बच्चों को भी ये टीका लगाना है. क्योंकि इस प्रकार के बच्चों में संक्रमण की संभावना ज्यादा होती है. किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी तेज बुखार और गर्भावस्था में यह टीका नहीं लगाना है.

Intro:चूरू_ जिले में 22 जुलाई से रूबेला और खसरा रोग से बच्चों को बचाने के लिए खसरा रूबेला अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत 9 माह से 15 बरस तक के सभी बच्चों को यह टिका लगाया जाएगा।अभियान की सफलता के लिए और आमजन में जागरूकता का एक माहौल बन सके इसके लिए बुधवार को जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर सुनील जांदू व डब्ल्यूएचओ के डॉक्टर अमय धात्रक ने प्रेस वार्ता कर अभियान की जानकारी व उयोगिता बताई।




Body:जिले के 6 लाख 70 हजार बच्चों को लगाया जाएगा यह टिका

जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर सुनील जादू ने बताया की इस टीके से बच्चों में जन्मजात बीमारी दूर होगी। बहरापन, मोतियाबिंद, व हृदय रोग से जुड़ी बीमारियों से छुटकारा मिलेगा। उन्होंने बताया कि जिले में 6 लाख 70 हजार से अधिक बच्चों को यह टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है। अभियान में पहले दो से तीन सप्ताह स्कूलों में चौथे और पांचवें सप्ताह गांव और शहरी क्षेत्रों में मोबाइल टीमों द्वारा स्कूल ना जाने वाले बच्चों को और जो छूटे हुए बच्चे हैं उनका टीकाकरण किया जाएगा।

जिला कलेक्टर ने अभिभावकों के नाम जारी किया संदेश

जिला कलेक्टर संदेश नायक ने जिले में नवाचार करते हुए खसरा रूबेला अभियान को लेकर जिले के 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों के अभिभावकों के नाम संदेश पत्र जारी किए हैं सभी अभिभावकों तक रूबेला व खसरा रोग से बचाव के लिए टीके लगवाने की अपील भिजवाई जा रही है इसके अलावा एनजीओ व स्वयमसेवी संगठनों को भी अभियान से जोड़ा जा रहा है


Conclusion:इसलिए जरूरी है यह टीका

जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर सुनील जादू ने बताया कि खसरा वायरस जनित जानलेवा रोग है इसमें बुखार, खांसी, जुखाम और आंखे लाल होना आदि लक्षण दिखते हैं। बच्चों में खसरे के कारण विकलांगता और अनहोनी का खतरा रहता है खसरे के चकत्ते बुखार आने के 2 दिन बाद दिखते हैं इसमें डायरिया, निमोनिया, मस्तिष्क की सूजन जैसे जटिलताएं भी हो सकती है कुपोषित बच्चों को भी है टीका लगाना है क्योंकि इस प्रकार के बच्चों में संक्रमण की संभावना ज्यादा होती है किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी तेज बुखार और गर्भावस्था में यह टीका नहीं लगाना है

बाईट_डॉक्टर सुनील जांदू,जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी
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