चूरू. लॉकडाउन में राजस्थान के कोटा में फंसे यूपी के हजारों कोचिंग छात्रों के लिए जिस प्रकार यूपी सरकार ने इन बच्चों को अपने घर तक पहुंचाने का कदम उठाया, इस पर अलग-अलग प्रतिक्रिया सामने आ रही है. राजनीतिक दलों ने अब कोचिंग संस्थानों में पढ़ने आए कोटा के इन छात्रों पर भी राजनीतिक बयान बाजी शुरू कर दी है.
कोरोना के इस संक्रमण काल में राजनीति के केंद्र बने राजस्थान के कोटा में यूपी के हजारों छात्र थे. जिन्हें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी से बसों को कोटा भेज इन छात्रों को यूपी बुला लिया और इन छात्रों को अपने-अपने घरों तक पहुंचा दिया.
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ऐसे में अब राजस्थान में विपक्ष में बैठे भाजपा नेताओं का भी राजस्थान के अलग-अलग शहरों से कोटा में फंसे छात्रों के लिए दिल पसीजा है. तभी तो विधानसभा में उपेनता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने प्रदेश की गहलोत सरकार को यूपी की तर्ज पर राजस्थान में भी यह मॉडल अपनाने की बात कही.
राठौड़ ने यूपी सरकार के द्वारा राजस्थान के कोटा में फंसे कोचिंग इंस्टिट्यूट में पढ़ने वाले बच्चों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए यूपी सरकार के उठाए गए, इस कदम को सराहते हुए प्रदेश की कांग्रेस सरकार से भी राजस्थान में इसी मॉडल को अपनाने की बात कही है.
राठौड़ ने कहा कि गहलोत सरकार को भी इसी मॉडल को अपनाते हुए राजस्थान के जो विद्यार्थी कोटा और अन्य जगहों पर फंसे हैं. उन विद्यार्थियों को भी इसी मॉडल की तर्ज पर अपने-अपने गतंव्य स्थानों तक भेजने की व्यवस्था करनी चाहिए.
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राठौड़ ने इस दौरान यूपी सरकार के उठाए गए कदम के बाद हो रही बयानबाजी को लेकर कहा कि इसकी आलोचना करने की आवश्यकता नहीं, अगर किन्ही चीजों की कमी है तो उन कमियों को दूर करके यह मॉडल अपनाकर अगर कोई विद्यार्थी प्रदेश में किसी जगह फंसा है और वह अगर-अपने घर लौटना चाह रहा है तो उसके लिए सरकार व्यवस्था करें. राठौड़ ने कहा कि एक लोक कल्याणकारी सरकार का कर्तव्य है.