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गर्भवती महिला की मौत का मामलाः परिजनों और ग्रामीणों का धरना-प्रदर्शन जारी, ये है मांग - मुआवजे की मांग

चूरू में गर्भवती महिला की मौत का मामला अब राजनतिक रंग लेता नजर आ रहा है. घटना के 72 घंटे से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी गांव में अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन जारी है. बता दें कि परिजन दस लाख रुपए मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

गर्भवती महिला की मौत का मामला, Case of pregnant woman death
ग्रामीणों का धरना-प्रदर्शन जारी
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Published : Oct 12, 2020, 3:16 PM IST

चूरू. जिले के रामपुरा गांव में बीते 9 अक्टूबर को हुई गर्भवती महिला की मौत के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. जहां घटना के 72 घंटे से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी शव का अंतिम संस्कार करने को परिजन राजी नहीं हुए और गांव में अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन की घोषणा कर दी.

ग्रामीणों का धरना-प्रदर्शन जारी

पूरे मामले ने अब राजनतिक रंग लेना शुरू कर दिया है. परिजनों और ग्रामीणों के साथ राजनतिक दलों से जुड़े कई नेता भी धरना स्थल पर बैठे हैं. वहीं प्रसाशन लगातार पीड़ित पक्ष से वार्ता कर रहा है, लेकिन अभी तक इस ओर कोई सहमति नहीं बनी हैं. परिजन और ग्रामीण दस लाख रुपए के मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

पढ़ेंः राजस्थान शर्मसार! चूरू में 40 साल की महिला से हैवानियत, दुष्कर्मियों ने दांतों से काटा चेहरा

रामपुरा गांव में रविवार को उग्र प्रदर्शन के बाद गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. राजगढ़ सर्किल के पुलिस थानों के जाब्ते सहित चूरू पुलिस लाइन से भी अतिरिक्त पुलिस जाब्ता मौके पर लगाया गया है.

रविवार को हुआ था उग्र प्रदर्शन...

गर्भवती महिला की मौत मामले में गांव रामपुरा में हो रहे धरने-प्रदर्शन में रविवार को पुलिस और ग्रामीण आमने-सामने हो गए और पत्थरबाजी शुरू हो गई. गांव रामपुरा में हुई इस पत्थरबाजी की घटना में सादुलपुर थानाधिकारी गुरु भूपेंद्र सिंह भी घायल हो गए थे. एसपी ने बताया कि पुलिस ने अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया है. वीडियोग्राफी के आधार पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

प्रतिनिधिमंडल में राठौड़ भी शामिल...

प्रशासन से वार्ता करने के लिए एक प्रतिनिधि मंडल का गठन किया गया है. जिसमें 11 सदस्य हैं. उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, राजगढ़ के पूर्व बसपा विधायक मनोज न्यागली, निवर्तमान जिला प्रमुख हरलाल सहारण सहित गांव के कुछ लोगों को शामिल किया गया है.

पढ़ेंः बाड़मेर के पूनमाराम सुथार ने खोखो खेल लिखित परीक्षा में पाई ऑल इंडिया में 6वीं रैंक

यह था मामला...

दरअसल गांव रामपुरा की 25 वर्षीय गर्भवती महिला को उसके परिजन रामपुरा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे थे. जहां कार्यरत चिकित्सक ने गर्भवती महिला की तबियत ठीक बता उसे घर भेज दिया. घर जाने के बाद जब गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हुई, तो परिजन फिर से गर्भवती महिला को रामपुरा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे. जहां चिकित्सक ने महिला के एक इंजेक्शन लगाया. जिसके बाद गर्भवती महिला की तबियत बिगड़ने लगी. चिकित्सक ने महिला को राजगढ़ अस्पताल के लिए रेफर कर दिया और राजगढ़ अस्पताल के चिकित्सकों ने महिला को चूरू अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. यहां लाने पर जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने 25 वर्षीय गर्भवती महिला को मृत घोषित कर दिया था.

चूरू. जिले के रामपुरा गांव में बीते 9 अक्टूबर को हुई गर्भवती महिला की मौत के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. जहां घटना के 72 घंटे से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी शव का अंतिम संस्कार करने को परिजन राजी नहीं हुए और गांव में अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन की घोषणा कर दी.

ग्रामीणों का धरना-प्रदर्शन जारी

पूरे मामले ने अब राजनतिक रंग लेना शुरू कर दिया है. परिजनों और ग्रामीणों के साथ राजनतिक दलों से जुड़े कई नेता भी धरना स्थल पर बैठे हैं. वहीं प्रसाशन लगातार पीड़ित पक्ष से वार्ता कर रहा है, लेकिन अभी तक इस ओर कोई सहमति नहीं बनी हैं. परिजन और ग्रामीण दस लाख रुपए के मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

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रामपुरा गांव में रविवार को उग्र प्रदर्शन के बाद गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. राजगढ़ सर्किल के पुलिस थानों के जाब्ते सहित चूरू पुलिस लाइन से भी अतिरिक्त पुलिस जाब्ता मौके पर लगाया गया है.

रविवार को हुआ था उग्र प्रदर्शन...

गर्भवती महिला की मौत मामले में गांव रामपुरा में हो रहे धरने-प्रदर्शन में रविवार को पुलिस और ग्रामीण आमने-सामने हो गए और पत्थरबाजी शुरू हो गई. गांव रामपुरा में हुई इस पत्थरबाजी की घटना में सादुलपुर थानाधिकारी गुरु भूपेंद्र सिंह भी घायल हो गए थे. एसपी ने बताया कि पुलिस ने अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया है. वीडियोग्राफी के आधार पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

प्रतिनिधिमंडल में राठौड़ भी शामिल...

प्रशासन से वार्ता करने के लिए एक प्रतिनिधि मंडल का गठन किया गया है. जिसमें 11 सदस्य हैं. उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, राजगढ़ के पूर्व बसपा विधायक मनोज न्यागली, निवर्तमान जिला प्रमुख हरलाल सहारण सहित गांव के कुछ लोगों को शामिल किया गया है.

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यह था मामला...

दरअसल गांव रामपुरा की 25 वर्षीय गर्भवती महिला को उसके परिजन रामपुरा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे थे. जहां कार्यरत चिकित्सक ने गर्भवती महिला की तबियत ठीक बता उसे घर भेज दिया. घर जाने के बाद जब गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हुई, तो परिजन फिर से गर्भवती महिला को रामपुरा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे. जहां चिकित्सक ने महिला के एक इंजेक्शन लगाया. जिसके बाद गर्भवती महिला की तबियत बिगड़ने लगी. चिकित्सक ने महिला को राजगढ़ अस्पताल के लिए रेफर कर दिया और राजगढ़ अस्पताल के चिकित्सकों ने महिला को चूरू अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. यहां लाने पर जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने 25 वर्षीय गर्भवती महिला को मृत घोषित कर दिया था.

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