ETV Bharat / state

चूरू में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन..प्रदेश सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा - Rajasthan Adjusted Education Workers Association

चूरू में शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट पर राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ के बैनर तले शिक्षकों ने धरना-प्रदर्शन कर विरोध जताया. जिसमें लंबे समय से चल रही अपनी लंबित मांगों के समर्थन में एक दिन का उपवास कर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया गया है.

churu news, rajasthan news, चूरू न्यूज, राजस्थान न्यूज
पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन
author img

By

Published : Jan 15, 2021, 10:52 PM IST

चूरू. जिले में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ के बैनर तले जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया गया. इसके अलावा जल्द मांगे नहीं माने जाने पर शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा के सीकर जिले में 30 जनवरी से राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी क्रमिक अनशन पर बैठेंगे.

पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन

बता दें कि चूरू में जिला कलेक्ट्रेट पर राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ के बैनर तले शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया है. इसके साथ ही लंबे समय से चल रही अपनी लंबित मांगों के समर्थन में एक दिन का उपवास कर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. संघ के जिलाध्यक्ष ने बताया कि 2011 में अनुदानित संस्थाओं से राजकीय विद्यालयों और महाविद्यालयों से समायोजित शिक्षा कर्मियों की ओर से पुरानी पेंशन हेतू उच्च न्यायालय जोधपुर खंडपीठ में 2012 में याचिका दायर की गई.

जिसपर उच्च न्यायालय जोधपुर खंड पीठ ने 1 फरवरी 2018 को समायोजित कार्मिकों को 2004 से पूर्व का मानते हुए पुरानी पेंशन योजना का अधिकारी मानकर पक्ष में निर्णय दिया था. उच्चतम न्यायालय ने साल 2018 को राज्य सरकार की ओर से दायर एस एल पी को खारिज कर उच्चतम न्यायालय जोधपुर की ओर से दिए गए पुरानी पेंशन के आदेश को न्यायोचित ठहराया था.

पढ़ें: संवरेगी झीलों की नगरी उदयपुर के पर्यटन की तस्वीर...नाइट टूरिज्म को बढ़ावा देने पर विचार

वहीं, प्रदर्शन कर रहे कार्मिकों ने कहा कि न्यायालय के फैसले को आए आज 2 वर्ष का समय बीतने पर भी राज्य सरकार ने उक्त आदेश को लागू नहीं किया है. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरुद्ध राजस्थान उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करना यह साबित करता है कि राज्य सरकार पुरानी पेंशन के आदेश को लागू न कर मामले को लंबित कर उलझाना चाहती है. जबकि उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरुद्ध किसी भी न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करना उचित नहीं. उन्होंने कहा कि सत्ता के मद और घमंड में चूर राज्य सरकार लोक कल्याणकारी सिद्धांतों को भूलकर हजारों सेवानिवृत्त कार्मिकों को परेशान कर रही है.

चूरू. जिले में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ के बैनर तले जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया गया. इसके अलावा जल्द मांगे नहीं माने जाने पर शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा के सीकर जिले में 30 जनवरी से राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी क्रमिक अनशन पर बैठेंगे.

पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन

बता दें कि चूरू में जिला कलेक्ट्रेट पर राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ के बैनर तले शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया है. इसके साथ ही लंबे समय से चल रही अपनी लंबित मांगों के समर्थन में एक दिन का उपवास कर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. संघ के जिलाध्यक्ष ने बताया कि 2011 में अनुदानित संस्थाओं से राजकीय विद्यालयों और महाविद्यालयों से समायोजित शिक्षा कर्मियों की ओर से पुरानी पेंशन हेतू उच्च न्यायालय जोधपुर खंडपीठ में 2012 में याचिका दायर की गई.

जिसपर उच्च न्यायालय जोधपुर खंड पीठ ने 1 फरवरी 2018 को समायोजित कार्मिकों को 2004 से पूर्व का मानते हुए पुरानी पेंशन योजना का अधिकारी मानकर पक्ष में निर्णय दिया था. उच्चतम न्यायालय ने साल 2018 को राज्य सरकार की ओर से दायर एस एल पी को खारिज कर उच्चतम न्यायालय जोधपुर की ओर से दिए गए पुरानी पेंशन के आदेश को न्यायोचित ठहराया था.

पढ़ें: संवरेगी झीलों की नगरी उदयपुर के पर्यटन की तस्वीर...नाइट टूरिज्म को बढ़ावा देने पर विचार

वहीं, प्रदर्शन कर रहे कार्मिकों ने कहा कि न्यायालय के फैसले को आए आज 2 वर्ष का समय बीतने पर भी राज्य सरकार ने उक्त आदेश को लागू नहीं किया है. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरुद्ध राजस्थान उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करना यह साबित करता है कि राज्य सरकार पुरानी पेंशन के आदेश को लागू न कर मामले को लंबित कर उलझाना चाहती है. जबकि उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरुद्ध किसी भी न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करना उचित नहीं. उन्होंने कहा कि सत्ता के मद और घमंड में चूर राज्य सरकार लोक कल्याणकारी सिद्धांतों को भूलकर हजारों सेवानिवृत्त कार्मिकों को परेशान कर रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.