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चूरूः शिक्षकों समेत छात्र-छात्राओं ने भी प्लास्टिक मुक्त गांव बनाने का लिया संकल्प

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Published : Jan 8, 2020, 10:37 PM IST

चूरू के सरदारशहर में माध्यमिक विद्यालय के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की ओर से गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया. इस अवसर पर संस्था के प्रधानाचार्य रामलाल मेहरा ने कहा कि पॉलीथिन व प्लास्टिक कचरे पर नियंत्रण एक बड़ी चुनौती है.

प्लास्टिक मुक्त गांव का संकल्प, oath for plastic free village
प्लास्टिक मुक्त गांव का संकल्प

सरदारशहर (चूरू). मेलूसर बीकान के राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय में बुधवार को छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की ओर से गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया. इस अवसर पर संस्था के प्रधानाचार्य रामलाल मेहरा ने कहा कि पॉलीथिन व प्लास्टिक कचरे पर नियंत्रण एक बड़ी चुनौती है.

उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के उपयोग से प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. इसका ज्यादा दुष्प्रभाव मानव जीवन पर पड़ा है. प्लास्टिक युक्त समान के इस्तेमाल से इंसानों में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी हो सकती है. उन्होंने लोगों से अपील की कि पॉलीथिन का उपयोग नहीं करें और नालों के साथ खुले स्थान पर पॉलीथिन न फेंके. इससे जल भराव की समस्या पैदा होती है तथा बेजुबान पशुओं को भी बीमारियों का सामना करना पड़ता है.

प्लास्टिक मुक्त गांव बनाने का लिया संकल्प

पढ़ें: सावधान! Facebook पर नाबालिग से की दोस्ती, फिर बंधक बनाकर 2 महीने तक करता रहा दुष्कर्म

शिक्षकों ने बताया की पॉलिथीन की थैलियों की जगह कपड़े या जूट की थैलियां इस्तेमाल में लाएं. स्थानीय प्रशासन भी पॉलिथीन के उपयोग पर रोक लगाए और इसका कड़ाई से पालन करे. साथ ही पॉलिथीन देने वालों और लेने वालों दोनों पर जुर्माना किया जाए. जैसा कि कुछ राज्यों में किया भी जा रहा है.

हम आप सभी से अनुरोध करना चाहते हैं कि अपने शहर में लोगों को पोलिथिन के इस्तेमाल के नुकसान के बारे में बताएं और उन्हें जूट के बैग इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करें. हम स्वस्थ्य होंगे, तभी हम अपने पर्यावरण को भी स्वस्थ्य रख पाएंगे.

सरदारशहर (चूरू). मेलूसर बीकान के राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय में बुधवार को छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की ओर से गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया. इस अवसर पर संस्था के प्रधानाचार्य रामलाल मेहरा ने कहा कि पॉलीथिन व प्लास्टिक कचरे पर नियंत्रण एक बड़ी चुनौती है.

उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के उपयोग से प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. इसका ज्यादा दुष्प्रभाव मानव जीवन पर पड़ा है. प्लास्टिक युक्त समान के इस्तेमाल से इंसानों में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी हो सकती है. उन्होंने लोगों से अपील की कि पॉलीथिन का उपयोग नहीं करें और नालों के साथ खुले स्थान पर पॉलीथिन न फेंके. इससे जल भराव की समस्या पैदा होती है तथा बेजुबान पशुओं को भी बीमारियों का सामना करना पड़ता है.

प्लास्टिक मुक्त गांव बनाने का लिया संकल्प

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शिक्षकों ने बताया की पॉलिथीन की थैलियों की जगह कपड़े या जूट की थैलियां इस्तेमाल में लाएं. स्थानीय प्रशासन भी पॉलिथीन के उपयोग पर रोक लगाए और इसका कड़ाई से पालन करे. साथ ही पॉलिथीन देने वालों और लेने वालों दोनों पर जुर्माना किया जाए. जैसा कि कुछ राज्यों में किया भी जा रहा है.

हम आप सभी से अनुरोध करना चाहते हैं कि अपने शहर में लोगों को पोलिथिन के इस्तेमाल के नुकसान के बारे में बताएं और उन्हें जूट के बैग इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करें. हम स्वस्थ्य होंगे, तभी हम अपने पर्यावरण को भी स्वस्थ्य रख पाएंगे.

Intro:सरदारशहर. राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय, मेलूसर बीकान में आज छात्र-छात्राओं व शिक्षकों की ओर से गांव को प्लास्टिक व पॉलिथीन मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया। इस अवसर पर संस्था के प्रधानाचार्य रामलाल मेहरा ने कहा कि पॉलीथिन व प्लास्टिक कचरे पर नियंत्रण एक बड़ी चुनौती है। प्लास्टिक के उपयोग से प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। इसका ज्यादा दुष्प्रभाव मानव जीवन पर पड़ा है। प्लास्टिकयुक्त समान के इस्तेमाल से इंसानों में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी हो सकती है। उन्होंने लोगों से अपील की कि पॉलीथिन का उपयोग नहीं करें एवं नालों एवं खुले स्थान पर पॉलीथिन न फेंके, इससे जल भराव की समस्या पैदा होती है तथा बेजुबान पशुओं को भी बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इस अवसर पर डा.प्रभा पारीक, अनुपसिंह राठौड़, मालचन्द प्रजापत, जयचन्द कड़वासरा, सुर्मिला, अंजू धारीवाल, नन्दलाल सारण, मोहनलाल ने विचार व्यक्त किए।Body:शिक्षकों ने बताया की पॉलिथीन की थैलियों की जगह कपड़े या जूट की थैलियां इस्तेमाल में लाएं. स्थानीय प्रशासन भी पॉलिथीन के उपयोग पर रोक लगाएं और इसका कड़ाई से पालन करें. पॉलिथीन देने वालों और लेने वालों दोनों पर जुर्माना किया जाए, जैसा कि कुछ राज्यों में किया भी जा रहा है. हम आप सभी से अनुरोध करना चाहते हैं कि अपने शहर में लोगों को पोलिथिन के इस्तेमाल के नुकसान के बारे में बताएं और उन्हें जूट के बैग इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करें. हम स्वस्थ्य होंगे, तभी हम अपने पर्यावरण को भी स्वस्थ्य रख पायेंगेConclusion:बाईट- 1 डॉ प्रभा पारीक, अध्यापिका
बाईट- 2 साक्षी सैनी, छात्रा
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