टोंक : राजस्थान के देवली-उनियारा सीट पर उपचुनाव के दौरान समरावता में मतदान बहिष्कार ले बाद नरेश मीणा की एंट्री और उसके बाद मतदान केंद्र में मालपुरा एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद बवाल हो गया. वहीं, मतदान समाप्ति के बाद जब नरेश मीणा के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन किया जा रहा था, इसी दौरान प्रदर्शनकारी और पुलिस में झड़प हुई और देखते ही देखते घटनास्थल पर आगजनी और तोड़फोड़ शुरू हो गई. जिसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों में लाठी-भाटा जंग शुरू हो हुई, जिसमें पुलिस वालों सहित कई लोगों के घायल होने की खबर है. वहीं, एसपी विकास सांगवान ने जानकारी दी कि आरोपी नरेश मीणा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है, उसके खिलाफ विधि सम्मत आगे की कार्रवाई का जाएगी.
मंत्री किरोड़ी मीणा ने की शांती की अपील : इस घटना को लेकर मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने लोगों से शांति की अपील की है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए मीणा ने लिखा, 'समरावता गांव (देवली-उनयारा) प्रकरण को लेकर मैंने अभी पुलिस महानिदेशक एवं टोंक जिला कलेक्टर से फोन पर वार्ता कर स्थिति का जायजा लिया . आप सभी से मेरी अपील है कि कृपया शांति और धैर्य बनाए रखें.
समरावता गांव (देवली -उनयारा) प्रकरण को लेकर मैंने अभी पुलिस महानिदेशक एवं टोंक जिला कलेक्टर से फोन पर वार्ता कर स्थिति का जायजा लिया l
— Dr. Kirodi Lal Meena (@DrKirodilalBJP) November 13, 2024
आप सभी से मेरी अपील है की कृपया शांति और धैर्य बनाएं रखें।
दरअसल, बुधवार की शाम के बाद रात में समरावता गांव में धरना-प्रदर्शन ने रात को हिंसक रूप ले लिया और प्रदर्शनकारियों द्वारा पत्थरबाजी किए जाने के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े. जिसके बाद प्रदर्शनकारी और ग्रामीण भड़क गए और उन्होंने वहां पर पुलिस के कई वाहनों के साथ अन्य गाड़ियों में भी आग लगा दी. इस घटना कर्म में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनका अलग-अलग जगहों पर इलाज जारी है.
घायलों में 3 एसटीएफ (आरएसी) जवान टोडाराय सिंह के जितेंद्र चांवला, टोंक निवासी महिपाल व मुकेश घायल हुए हैं, जिनको उनियारा से टोंक रेफर किया गया, जिनका उपचार जारी है. घायलों के अस्पताल पहुंचने की सूचना पर सीएमएचओ डॉ. अशोक यादव, अस्पताल पीएमओ डॉ. बीएल मीणा मेडिकल टीम के साथ अलर्ट दिखे.
यह है पूरा मामला : बुधवार को देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के समरावत्ता में ग्रामीणों द्वारा अपनी मांगों को लेकर वोटिंग बहिष्कार से शुरू हुआ था. इसके बाद वहां पहुंचे निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा द्वारा वोटिंग मशीन चेक करने के बाद एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया. समझाइश के बाद प्रदर्शनकारियों ने मतदान स्थल से थोड़ी दूरी पर धरना दिया. करीब 4 घंटे के बाद दोपहर 3:30 बजे ग्रामीण मतदान के लिए तो राजी हो गए, लेकिन मतदान करने के बाद वह नरेश मीणा के साथ वापस धरने पर बैठ गए.
मैं ठीक हूँ...
— Naresh Meena (@NareshMeena__) November 13, 2024
ना डरे थे ना डरेंगे,
आगे की रणनीति बता दी जायेगी!
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नरेश मीणा को पकड़ने गए तो भड़के प्रदर्शनकारी : धरना स्थल पर प्रदर्शन नाच-गाकर समय बिता रहे थे. इसी बीच पुलिस ने निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को गिरफ्तार करने का प्रयास शुरू किया तो मीणा समर्थकों और वहां मौजूद प्रदर्शनकारियों ने हंगामा कर दिया. पुलिस पर समर्थकों ने पत्थरबाजी कर दी. जिसके बाद पुलिस को लाठी चार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ कर भीड़ तीतर बितर करनी पड़ी. इससे गुस्साई भीड़ ने पुलिस के कुछ वाहनों में आग लगा दी और मौके पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया. इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर नरेश मीणा कहां है, क्योंकि किसी भी अधिकारी ने अभी तक नरेश मीणा को लेकर कुछ भी नहीं कहा है.
एसडीएम को क्यों मारा था थप्पड़ ? : टोंक जिले की देवली-उनियारा सीट पर हो रहे उपचुनाव के दौरान कांग्रेस के बागी और निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने मालपुरा के एसडीएम अमित कुमार चौधरी को थप्पड़ मार दिया. दरअसल, नरेश मीणा लगातार चुनाव आयोग पर आरोप लगा रहे थे कि उनकी ईवीएम मशीन पर चुनाव चिन्ह ठीक से नजर नहीं आ रहा और वह हल्का दिखाई दे रहा था. इस मुद्दे को लेकर एसडीएम और मीणा के बीच तीखी कहासुनी भी हुई, जिसके बाद नरेश मीणा ने अपना आपा खो दिया और एसडीएम को थप्पड़ जड़ दिया. यह घटना उपचुनाव के दौरान प्रशासन और प्रत्याशियों के बीच बढ़ते तनाव को और बढ़ा दिया था और बुधवार देर रात में हिंसा भड़क गई.
समरावता गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात: समरावता गांव में हालात बिगड़ने की सूचना पर एसपी विकास सांगवान भी मौके पर पहुंच गए. उनसे पहले एडिशनल एसपी ब्रजेन्द्र सिंह भाटी के नेतृत्व में भारी पुलिस बल और अर्ध सैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया था. समरावता में पहले बहिष्कार और एसडीएम के थप्पड़ मारने के बाद पूरे गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया जा चुका था.
कांग्रेस से टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे थे नरेश : पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के खास माने जाने वाले नरेश मीणा को उम्मीद थी कि कांग्रेस उन्हें देवली-उनियारा के उपचुनाव में पार्टी से टिकट देगी, जिसकी वह मांग भी कर रहे थे, लेकिन उनकी जगह कांग्रेस ने केसी मीणा को टिकट दे दिया. इसके बाद नरेश मीणा ने पार्टी से बगावत कर यहीं से निर्दलीय पर्चा भर दिया. कुछ दिन बाद कांग्रेस ने उन्हें निष्कासित कर दिया. हालांकि, नरेश की दावेदारी के कारण देवली-उनियारा विधानसभा में मीणा, कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया.