कोटा. नगर निगम चुनाव में भाजपा के प्रदेश सरकार के खिलाफ जारी किए ब्लैक पेपर पर नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने जवाब दिया है. मंत्री शांति धारीवाल का कहना है कि भाजपा कोटा नेतृत्व के पास नेता ही नहीं है. ऐसे में निगम के छोटे चुनाव (कोटा नगर निगम चुनाव 2020) में भी संचालन में प्रचार के लिए जयपुर से नेता बुला रहे हैं. वहीं यह सभी नेता एक ही गुट का सपोर्ट कर रहे हैं और गुटबाजी को बढ़ावा भी दे रहे हैं.
वहीं शांति धारीवाल ने राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष पर तंज कसते हुए टिप्पणी की और कहा कि राजेंद्र राठौड़ चूरू में तो नगरपालिका का चुनाव नहीं जीता पाए और कोटा में नगर निगम के चुनाव को जिताने के लिए समन्वयक बन कर आए हुए हैं.
जिनके चेहरे काले वे ब्लैक पेपर जारी कर रहे
यूडीएच मंत्री धारीवाल यहीं नहीं रुके. उन्होंने काला पेपर जारी करने वाली भाजपा के नेताओं पर ही चेहरे काले होने का आरोप लगा दिया. धारीवाल ने कहा कि जिन नेताओं के चेहरे काले हैं, वही काला पेपर बांटते फिर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि 1994 के बाद कांग्रेस का एक बार बोर्ड नगर निगम में बना है. जिसमें घोटाले या भ्रष्टाचार का कोई मामला नहीं आया है. जबकि भाजपा के शासन में हुए भ्रष्टाचार की हर बार चर्चा रही है.
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यूडीएच मंत्री ने यह भी आरोप लगाया है कि बीजेपी का प्रदेश नेतृत्व कोटा शहर में हो रहे विकास कार्यों से चल रहा है. जबकि इन के शासन में कोटा सांड सिटी और कचरा पात्र बन गया था. कोटा शहर का सत्यानाश भाजपा के शासन में ही हुआ है.
कांग्रेस ने एक भी आदमी को नहीं निकाला, टिकट बांटने में गलती भी हो जाती है
धारीवाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी गुटों में बंटी हुई है. भाजपा ने 23 लोगों को चुनाव लड़ने पर पार्टी से निकाल दिया गया है. इसमें भी धारीवाल ने कहा कि छोटे बछड़ों को पार्टी से निकाल दिया है, जबकि बड़े सांड अभी भी खुलेगी बगावत करते घूम रहे हैं. जबकि हमने एक भी व्यक्ति को नहीं निकाला है, जो हमारे प्रत्याशियों के सामने खड़े हैं, वे भी हमारे ही है, क्योंकि टिकट बांटने में भी हमसे गलती हो जाती है.