चूरू. कोरोना काल में एक्शन मोड में रहने वाला चिकित्सा महकमा इन दिनों सुस्त पड़ा हुआ है. जहां देश और प्रदेश में अब कोरोना महामारी की दूसरी लहर शुरू हो चुकी है, वहीं चूरू में भी कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इसके बावजूद जिले का चिकित्सा महकमा कछुए की चाल से काम कर रहा है. या यूं कहे कि कोरोना काल में चिकित्सा व्यवस्था भगवान भरोसे है. जहां जिले की पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेडिकल कॉलेज लैब की जांच क्षमता प्रतिदिन तीन हजार की है. वहां कोविड-19 की 500 जांचें भी हर रोज बड़ी मुश्किल से हो रही हैं.
जिले में तीन जांच मशीनें, सात कोविड सेंटर
सीएमएचओ मनमोहन गुप्ता ने बताया कि जिले में कुल 18 सैंपल कलेक्शन सेंटर संचालित हो रहे हैं. जिले में कोविड-19 की जांच के लिए तीन आरटी,पीसीआर मशीनें मेडिकल कॉलेज में लगी है. भर्तिया अस्पताल को डिस्टिक कोविड अस्पताल बनाया गया है. जिले की रतनगढ़ और सुजानगढ़ तहसील में एक-एक डिस्टिक कोविड हेल्थ सेंटर है. जिले में सात कोविड सेंटर है. एक चूरू में, एक सरदारशर में, तीन राजगढ़ में एक तारानगर में और एक रतनगढ़ में है.
मॉनिटरिंग की कमी
कोरोना काल में सुस्त पड़े चिकित्सा विभाग की मॉनिटरिंग की कमी भी सैंपलिंग कम की एक बड़ी मुख्य वजह है. जिले भर से अभी रोज 500 सैंपल भी जांच के लिए नहीं लिए जा रहे है. चूरू को छोड़ दे, तो बाकी सभी तहसीलों के एक जैसे हालात है. यहां भी सैंपलिंग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
5 हजार के करीब पहुंचा संक्रमितों का जिले में आंकड़ा
जिले में एक नवंबर से 20 नवंबर तक 960 कोरोना के नए मरीज सामने आ चुके है. आठ लोगों की अबतक इस माह जान जा चुकी है. वहीं 720 लोग रिकवर भी हो चुके है. जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 4 हजार 966 पर पहुंच गया है.