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चूरू में मंडेलिया परिवार की चौथी हार...संकट में सियासत !

चूरू के लाेगों में राहुल कस्वां के जीत से अधिक रफीक मंडेलिया की हार चर्चा का कारण बनी हुई है. दरअसल, मंडेलिया परिवार के सदस्यों लगातार चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है.

पिछले पांच में से चार चुनाव हार चुका है मंडेलिया परिवार
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Published : May 24, 2019, 9:53 PM IST

चूरू. लोकसभा चुनाव का परिणाम मंडेलिया परिवार के सियासी भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है, क्योंकि मंडेलिया परिवार की यह चौथी हार है. कांग्रेस ने मंडेलिया परिवार को पांच बार टिकट दिया है. जिसमें दो बार सांसद के लिए और तीन बार विधायक का टिकट सम्मलित है. लेकिन परिवार के हाथ जीत एक ही बार लगी. उल्लेखनीय है कि मंडेलिया परिवार के हाजी मकबूल मंडेलिया को केवल एक बार विधायक बनने का मौका मिला है. वहीं, रफीक मंडेलिया की यह लगातार तीसरी हार है.

लगातार चुनाव हार रहा मंडेलिया परिवार

कांग्रेस प्रत्याशी रफीक मंडेलिया को पार्टी की ओर से लोकसभा और विधानसभा चुनाव में चूरू से तीन मौके मिले लेकिन मंडेलिया तीनों बार चुनाव हार गए और मौका उनके हाथ से फिसल गया. वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में मंडेलिया को करीब 13000 वोट से जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में चूरू से 1850 वोट से हार मिली थी. लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में इनको 3,30000 से ज्यादा वोट से हार का सामना करना पड़ा.

नवनिर्वाचित सांसद राहुल कस्वां के पिता रामसिंह से रफीक मंडेलिया 2009 में विधानसभा चुनाव हार गए थे. जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में मंडेलिया बीजेपी के राजेंद्र राठौड़ से चुनाव हार गए. रफीक मंडेलिया के पिता हाजी मकबूल मंडेलिया 2008 में कांग्रेस के टिकट पर चूरू से विधायक बने. लेकिन 2014 के चुनाव में चूरू से राजेंद्र राठौड़ के सामने विधानसभा चुनाव हार गए. ऐसे में लगातार चुनाव हारने को लेकर लोगों में चर्चा है कि मंडेलिया परिवार की सियासत अब संकट में है.

चूरू. लोकसभा चुनाव का परिणाम मंडेलिया परिवार के सियासी भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है, क्योंकि मंडेलिया परिवार की यह चौथी हार है. कांग्रेस ने मंडेलिया परिवार को पांच बार टिकट दिया है. जिसमें दो बार सांसद के लिए और तीन बार विधायक का टिकट सम्मलित है. लेकिन परिवार के हाथ जीत एक ही बार लगी. उल्लेखनीय है कि मंडेलिया परिवार के हाजी मकबूल मंडेलिया को केवल एक बार विधायक बनने का मौका मिला है. वहीं, रफीक मंडेलिया की यह लगातार तीसरी हार है.

लगातार चुनाव हार रहा मंडेलिया परिवार

कांग्रेस प्रत्याशी रफीक मंडेलिया को पार्टी की ओर से लोकसभा और विधानसभा चुनाव में चूरू से तीन मौके मिले लेकिन मंडेलिया तीनों बार चुनाव हार गए और मौका उनके हाथ से फिसल गया. वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में मंडेलिया को करीब 13000 वोट से जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में चूरू से 1850 वोट से हार मिली थी. लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में इनको 3,30000 से ज्यादा वोट से हार का सामना करना पड़ा.

नवनिर्वाचित सांसद राहुल कस्वां के पिता रामसिंह से रफीक मंडेलिया 2009 में विधानसभा चुनाव हार गए थे. जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में मंडेलिया बीजेपी के राजेंद्र राठौड़ से चुनाव हार गए. रफीक मंडेलिया के पिता हाजी मकबूल मंडेलिया 2008 में कांग्रेस के टिकट पर चूरू से विधायक बने. लेकिन 2014 के चुनाव में चूरू से राजेंद्र राठौड़ के सामने विधानसभा चुनाव हार गए. ऐसे में लगातार चुनाव हारने को लेकर लोगों में चर्चा है कि मंडेलिया परिवार की सियासत अब संकट में है.

Intro:चूरू। चूरू लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद कांग्रेस के मंडेलिया परिवार की सियासत पर संकट आ गया है। चूरू से मंडेलिया परिवार की यह चौथी हार है। कांग्रेस ने मंडेलिया परिवार को पांच बार पार्टी का टिकट दिया है। दो बार सांसद के लिए और तीन बार विधायक के लिए। लेकिन परिवार के हाथ जीत एक ही बार लगी।
उल्लेखनीय है कि मंडेलिया परिवार के हाजी मकबूल मंडेलिया को केवल एक बार विधायक बनने का मौका मिला है। मंडेलिया परिवार बाकी चार चुनावों में जीत से दूर रहे। रफीक मंडेलिया की यह लगातार तीसरी हार है।


Body:मंडेलिया परिवार की चार हार, रफीक मंडेलिया की हार की हैट्रिक
कांग्रेस प्रत्याशी रफीक मंडेलिया को पार्टी की ओर से लोकसभा और विधानसभा चुनाव में चूरू से तीन मौके मिले लेकिन मंडेलिया तीनों की बार चुनाव हार गए और मौका उनके हाथ से फिसल गया। 2009 के लोकसभा चुनाव में मंडेलिया करीब 13000 वोट से जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में चूरू से 1850 वोट से चुनाव हार गए थे। लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में इनको 330000 से ज्यादा वोट से हार का सामना करना पड़ा।


Conclusion:2009 में भाजपा के रामसिंह से मंडेलिया लोकसभा का चुनाव हार गए थे
सांसद राहुल कस्वा के पिता रामसिंह से रफीक मंडेलिया 2009 में विधानसभा चुनाव हार चुके है। 2018 के चुनाव में विधानसभा चुनाव में मंडेलिया बीजेपी के राजेंद्र राठौड़ से चुनाव हार गए।
रफीक मंडेलिया के पिता हाजी मकबूल मंडेलिया 2008 में कांग्रेस के टिकट पर चूरू से विधायक बने। लेकिन 2014 के चुनाव में चूरू से राजेंद्र राठौड़ के सामने विधानसभा चुनाव हार गए। ऐसे में लगातार चुनाव हारने को लेकर लोगों में चर्चा है कि मंडेलिया परिवार की सियासत संकट में है। हालांकि हाईकमान से उच्च स्तरीय संपर्क से मंडेलिया परिवार फिर से किसी न किसी पद पर मैदान में उतर सकते है।
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