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Corona Effect: नेताओं के जनता दरबार पर भी लॉकडाउन

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Published : Apr 12, 2020, 3:43 PM IST

चूरू में लॉकडाउन का असर हर तरफ है, हर समय समर्थकों से घिरे रहने वाले और जनसुनवाई में व्यस्त रहने वाले जनप्रतिनिधियों का जनता दरबार भी सूने है.

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जनता दरबार पर भी लॉकडाउन

चूरू. कोरोना वायरस के फैल रहे संक्रमण की चैन तोड़ने और ब्रेक लगाने के मकसद से प्रदेश में 22 मार्च से लॉकडाउन है. चूरू में एक अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद 11 दिन से कर्फ्यू है. लॉकडाउन का असर हर तरफ है, हर समय समर्थकों से घिरे रहने वाले और जनसुनवाई में व्यस्त रहने वाले जनप्रतिनिधियों का जनता दरबार भी सूने हैं.

लॉकडाउन के चलते जिले के सांसद, विधायकों और प्रमुख दलों के राजनेताओं के बंगले इन दिनों सूने हैं. उपनेता प्रतिपक्ष और चूरू से विधायक राजेंद्र राठौड़ ने तो अपने चूरू स्थित आवास पर सूचना बोर्ड तक चस्पा करवा दिया है कि कोरोना महामारी के चलते मैं व्यक्तिगत जनसुनवाई नहीं कर सकूंगा, किसी भी समस्या के लिए फोन पर ही संपर्क करें.

नेताओं के जनता दरबार पर भी लॉकडाउन

पढ़ेंः Coron Effect : लंबी लड़ाई के लिए प्रशासन ने कसी कमर, लिए कई अहम फैसले

प्रमुख दलों के दफ्तर भी सूने

लॉकडाउन के चलते ना केवल जनप्रतिनिधियों के जनता दरबार बंद है, जबकि भाजपा और कांग्रेस सहित कई प्रमुख दलों के दफ्तर भी अब सूने है. पिछले 20 दिनों में इन पार्टी कार्यालयों में कोई जिला स्तरीय व बड़ी बैठक नहीं हुई है. चूरू जिला मुख्यालय पर तारानगर विधायक नरेंद्र बुडानिया, जिला प्रमुख हरलाल सहारण और कांग्रेसी नेता रफीक मंडेलिया के आवास से भी रौनक गायब हैं.

कार्यकता ही आते है जनप्रतिनिधियों के घर

आम लोगों के लिए जनता दरबार पूरी तरह बंद है. हालांकि चूरू में लॉकडाउन के दौरान जनप्रतिनिधियों की ओर से जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री बांटी जा रही है तो शहर को सैनिटाइज करने में मदद की जा रही है. पार्टी कार्यकर्ता खाद्य सामग्री और सैनिटाइजर लेने के लिए जरूर कुछ समय के लिए नेताओं के घर आते हैं.

कोरोना के खिलाफ मैदान में

लॉकडाउन के चलते जनप्रतिनिधि हालांकि अपने आवास पर तो जनसुनवाई तो नहीं कर रहे है, लेकिन कोरोना के खिलाफ मैदान में डटे हुए है. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ जहां जरूरतमंदों को शहर में खाद्य सामग्री का वितरण कर चुके हैं तो वहीं शहर के कई इलाकों में सैनिटाइज में भी सहयोग कर चुके हैं.

पढ़ेंः दूदू की 18 ग्राम पंचायतों में जरूरतमंदों को राशन की 7 हजार किट वितरित

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि लॉकडाउन के कारण व्यक्तिगत जनसुनवाई बंद कर दी गई है. पिछले 30 साल से चूरू की जनता का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं. इसलिए उनकी हर समस्या का समाधान अब फोन पर किया जा रहा है. वहीं सभापति पायल सैनी भी लगातार जरूरतमंदों को भोजन और दूसरी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए शहर के दौरे पर रहती है.

चूरू. कोरोना वायरस के फैल रहे संक्रमण की चैन तोड़ने और ब्रेक लगाने के मकसद से प्रदेश में 22 मार्च से लॉकडाउन है. चूरू में एक अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद 11 दिन से कर्फ्यू है. लॉकडाउन का असर हर तरफ है, हर समय समर्थकों से घिरे रहने वाले और जनसुनवाई में व्यस्त रहने वाले जनप्रतिनिधियों का जनता दरबार भी सूने हैं.

लॉकडाउन के चलते जिले के सांसद, विधायकों और प्रमुख दलों के राजनेताओं के बंगले इन दिनों सूने हैं. उपनेता प्रतिपक्ष और चूरू से विधायक राजेंद्र राठौड़ ने तो अपने चूरू स्थित आवास पर सूचना बोर्ड तक चस्पा करवा दिया है कि कोरोना महामारी के चलते मैं व्यक्तिगत जनसुनवाई नहीं कर सकूंगा, किसी भी समस्या के लिए फोन पर ही संपर्क करें.

नेताओं के जनता दरबार पर भी लॉकडाउन

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प्रमुख दलों के दफ्तर भी सूने

लॉकडाउन के चलते ना केवल जनप्रतिनिधियों के जनता दरबार बंद है, जबकि भाजपा और कांग्रेस सहित कई प्रमुख दलों के दफ्तर भी अब सूने है. पिछले 20 दिनों में इन पार्टी कार्यालयों में कोई जिला स्तरीय व बड़ी बैठक नहीं हुई है. चूरू जिला मुख्यालय पर तारानगर विधायक नरेंद्र बुडानिया, जिला प्रमुख हरलाल सहारण और कांग्रेसी नेता रफीक मंडेलिया के आवास से भी रौनक गायब हैं.

कार्यकता ही आते है जनप्रतिनिधियों के घर

आम लोगों के लिए जनता दरबार पूरी तरह बंद है. हालांकि चूरू में लॉकडाउन के दौरान जनप्रतिनिधियों की ओर से जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री बांटी जा रही है तो शहर को सैनिटाइज करने में मदद की जा रही है. पार्टी कार्यकर्ता खाद्य सामग्री और सैनिटाइजर लेने के लिए जरूर कुछ समय के लिए नेताओं के घर आते हैं.

कोरोना के खिलाफ मैदान में

लॉकडाउन के चलते जनप्रतिनिधि हालांकि अपने आवास पर तो जनसुनवाई तो नहीं कर रहे है, लेकिन कोरोना के खिलाफ मैदान में डटे हुए है. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ जहां जरूरतमंदों को शहर में खाद्य सामग्री का वितरण कर चुके हैं तो वहीं शहर के कई इलाकों में सैनिटाइज में भी सहयोग कर चुके हैं.

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उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि लॉकडाउन के कारण व्यक्तिगत जनसुनवाई बंद कर दी गई है. पिछले 30 साल से चूरू की जनता का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं. इसलिए उनकी हर समस्या का समाधान अब फोन पर किया जा रहा है. वहीं सभापति पायल सैनी भी लगातार जरूरतमंदों को भोजन और दूसरी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए शहर के दौरे पर रहती है.

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