चूरू. चूरू नगर परिषद और राजगढ़ नगर पालिका के चुनाव परिणाम मंगलवार को यानी 19 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. इन दोनों ही जगह मौजूदा बोर्ड भाजपा के हैं. ऐसे में कल के परिणाम बताएंगे कि चूरू व राजगढ़ में फिर से कमल खिलेगा या सत्ता की चाबी कांग्रेस के हाथ में आएगी. इन दोनों ही जगह बड़ी संख्या में निर्दलीय पार्षद प्रत्याशी भी मैदान में थे. ऐसे में चर्चा यह भी है कि निर्दलीय बाजी पलट सकते हैं.
जिताऊ प्रत्याशियों पर हैं बड़े नेताओं की नजरें
इस चुनाव में जिन पार्षद प्रत्याशियों की जीत पक्की मानी जा रही है या कोई पार्टी का प्रत्याशी जो इधर-उधर हो सकता है, उन पर बड़े नेताओं की नजरें टिकी हैं. यही वजह है कि भाजपा और कांग्रेस ने चूरू में अपने पार्षद प्रत्याशियों की बाड़ीबंदी कर दी है.
इन नेताओं की है प्रतिष्ठा दांव पर
दोनों ही नगर निकाय के चुनाव स्थानीय माने जा रहे हैं. लेकिन चूरू और राजगढ़ दोनों जगह बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है. चूरू नगर परिषद में जहां पूरे चुनाव की कमान बीजेपी के कद्दावर नेता और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के हाथ में रही तो वही कांग्रेस की कमान वरिष्ठ नेता रफीक मंडेलिया और पूर्व विधायक मकबूल मंडेलिया के हाथों में रही.
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इसी तरह राजगढ़ में कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया की प्रतिष्ठा दांव पर है तो वहीं राजगढ़ से ही भाजपा के सांसद राहुल कस्वां और पूर्व सांसद रामसिंह कस्वा की प्रतिष्ठा दांव पर है.
26 को मिलेगा शहरी सरकार का नया मुखिया
चूरू और राजगढ़ नगर निकाय के पार्षद प्रत्याशियों का परिणाम कल 19 नवंबर को आएगा. उसके बाद में पार्षद प्रत्याशी 26 नवंबर को शहरी सरकार के नए मुखिया को चुनेंगे. चूरू में मौजूदा सभापति विजय कुमार शर्मा है तो वहीं राजगढ़ में नगरपालिका के अध्यक्ष जगदीश बैरासरिया. यह दोनों ही बोर्ड बीजेपी के पास हैं.