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आशा सहयोगिनियों ने दी भूख हड़ताल पर बैठने की चेतावनी

चूरू में स्थायीकरण और मानदेय वृद्धि की मांग को लेकर आशा सहयोगिनी गहलोत सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रही हैं. ऐसे में मांगें नहीं माने जाने से नाराज आशाओं ने भूख हड़ताल की चेतावनी दी है.

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Published : Jul 29, 2019, 7:31 PM IST

चूरू. जिला कलेक्ट्रेट के आगे अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 17 जुलाई से आशा सहयोगिनी धरना प्रदर्शन कर रही हैं. प्रदर्शन कर रही आशा सहयोगिनियों ने सोमवार को अपनी मांगें नहीं माने जाने पर आक्रोशित हो कलेक्ट्रेट परिसर की सड़क जाम कर दिया.

गहलोत सरकार मांगें नहीं मानी तो करेंगे भूख हड़ताल

ऐसे में कलेक्ट्रेट के अंदर भारी संख्या में एक साथ आशाओं के सड़क जाम करने के बाद परिसर में घुस गईं. वहीं एक बार तो इनको संभालने में पुलिस के भी हाथ पांव फूल गए. आक्रोशित आशाएं नारेबाजी करते हुए जिला कलेक्टर के चैम्बर की और बढ़ने लगीं. लेकिन पुलिसकर्मियों द्वारा कई घन्टो की समझाइश के बाद आशाएं कलक्ट्रेट परिसर की सड़क पर ही बैठ गईं. इसके बाद सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगी.

यह भी पढ़ेंः चूरू के सरकारी अस्पताल में कैंसर जांच शिविर, 80 लोगों की हुई जांच

प्रदर्शन कर रही आशाओं ने कहा कि अगर अगले दो दिन में उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो वे भूख हड़ताल पर बैठेंगी. गौरतलब हो कि धरने पर बैठी आशाओं की मांग है कि इन्हें स्थाई किया जाए. इनको 2500 रुपए महीना मानदेय मिल रहा है, जिसे बढ़ाकर 18 हजार रुपए महीना किया जाए. साथ ही दो विभागों में से हटाकर इन्हें एक विभाग में किया जाए.

चूरू. जिला कलेक्ट्रेट के आगे अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 17 जुलाई से आशा सहयोगिनी धरना प्रदर्शन कर रही हैं. प्रदर्शन कर रही आशा सहयोगिनियों ने सोमवार को अपनी मांगें नहीं माने जाने पर आक्रोशित हो कलेक्ट्रेट परिसर की सड़क जाम कर दिया.

गहलोत सरकार मांगें नहीं मानी तो करेंगे भूख हड़ताल

ऐसे में कलेक्ट्रेट के अंदर भारी संख्या में एक साथ आशाओं के सड़क जाम करने के बाद परिसर में घुस गईं. वहीं एक बार तो इनको संभालने में पुलिस के भी हाथ पांव फूल गए. आक्रोशित आशाएं नारेबाजी करते हुए जिला कलेक्टर के चैम्बर की और बढ़ने लगीं. लेकिन पुलिसकर्मियों द्वारा कई घन्टो की समझाइश के बाद आशाएं कलक्ट्रेट परिसर की सड़क पर ही बैठ गईं. इसके बाद सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगी.

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प्रदर्शन कर रही आशाओं ने कहा कि अगर अगले दो दिन में उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो वे भूख हड़ताल पर बैठेंगी. गौरतलब हो कि धरने पर बैठी आशाओं की मांग है कि इन्हें स्थाई किया जाए. इनको 2500 रुपए महीना मानदेय मिल रहा है, जिसे बढ़ाकर 18 हजार रुपए महीना किया जाए. साथ ही दो विभागों में से हटाकर इन्हें एक विभाग में किया जाए.

Intro:चूरू_ स्थायीकरण और मानदेय वृद्धि की मांग को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ ताल ठोके आशा सहयोगिनी अब अपनी मांगे नही माने जाने पर भूख हड़ताल पर बैठेगी।


Body:चूरू जिला कलेक्ट्रेट के आगे अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 17 जुलाई से धरना प्रदर्शन कर रही आशा सहयोगिनी ने सोमवार को अपनी मांगे नही माने जाने पर आक्रोशित हो कलेक्ट्रेट परिसर की सड़क को जाम कर दिया. जिला कलेक्ट्रेट के अंदर भारी संख्या में एक साथ आशाओं के सड़क जाम करने के बाद एक बारगी कलेक्ट्रेट में दाखिल पुलिस के भी हाथ पांव फूल गए आक्रोशित आशाएं नारेबाजी करते हुए जिला कलेक्टर के चेम्बर की और बढ़ने लगी लेकिन पुलिसकर्मियों की कई घन्टो की समझाइस के बाद आक्रोशित आशाएं कलक्ट्रेट परिसर की सड़क पर ही बैठ गयी औऱ प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगी प्रदर्शन कर रही आशाओं ने कहा अगर अगले दो दिन में हमारी मांगे नही मानी जाती है तो हम समस्त आशाएं भूख हड़ताल पर बैठेगी।



Conclusion:बता दे 17 जुलाई से धरने पर बैठी आशाओं की मांग है कि इन्हें स्थाई किया जाए व अभी इनको 2500 रुपए महीना मानदेय मिल रहा है जिसे बढाकर 18 हजार रुपए महीना किया जाए व दो विभागों से हटाकर इन्हें एक विभाग मे किया जाए

बाईट_संगीता शर्मा प्रदर्शन कर रही आशा सहयोगिनी
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