चूरू. जिले में खासकर वे इलाकें, जहां बारिश के पानी की वजह से रास्तें बंद हो जाते हों. जल भराव की समस्या हो या वन्य जीव अभयारण्यों के आस-पास बसे हुए गांवों में पशुओं के प्राथमिकता से टीकाकरण के निर्देश पशुपालन निदेशालय की ओर से दिए गए हैं. जिले की गोशालाओं में भी टीकाकरण किया जा रहा है.
पशुपालन विभाग चूरू के संयुक्त निदेशक डॉ. जगदीश बरवड़ ने बताया कि गोवंश व भैस वंशीय पशुओं में मानसून के दौरान ही गलघोंटू रोग प्रकोप आशंका रहती है. मुख्य रूप से इसी से बचाव के लिए यह टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है. इस रोग के कारण पशुपालकों को आर्थिक नुकसान होता है. गलघोंटू रोग से ग्रसित पशुओं में गले मे सूजन के साथ-साथ, तेज बुखार आना, पशुओं द्वारा खाना पीना छोड़ दिया जाता है और अंत में सांस रुकने के कारण पशु की मौत हो जाती है. इसी वजह से टीकाकरण जरूरी है.
![churu news vaccination of animals monsoon disease in animals churu veterinary hospital anti-inflammatory disease](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-chr-01-pashutikakaran-visl-7206502_16052020190536_1605f_02815_432.jpg)
यह भी पढ़ेंः चूरूः लॉकडाउन में फंसे कश्मीरियों को मंजिल तक पहुंचाएगा यह व्हाट्सएप ग्रुप
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. जगदीश बरवड़ ने सभी पशुपालकों व टीकाकरण करने वाले चिकित्सा कार्मिकों को भी निर्देश दिए हैं कि वे टीकाकरण के दौरान कोविड- 19 के संबंध में जारी की गई गाइडलाइन व निर्देशों का पालन करें. टीकाकरण के कारण सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करने व मास्क का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं. जिले में पशुपालन निदेशालय के निर्देशानुसार पशुओं में गलघोंटू रोग से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है. इस संबंध में संबंधित पशु चिकित्सालय के अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं.