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चूरू: सरदारशहर कृषि मण्डी में लगाई गई ग्रेन मोरपोलाजी एवं ऑयल टेस्टिंग मशीन

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Published : Mar 16, 2021, 10:36 PM IST

सरदारशहर कृषि उपज मंडी में उपज की गुणवत्ता जांचने के लिए लाखों रुपए का बजट आवंटित किया गया है. ई-परियोजना के अंतर्गत मंडी में मूंग, चना, सरसों, गेहूं बाजरा, जीरा आदि की गुणवत्ता एवं उनकी शुद्धता की निशुल्क जांच करने के लिए आधुनिक ग्रेन मोरपोलाजी एवं ऑयल टेस्टिंग मशीन स्थापित की गई है.

Sardarshahar Agricultural Market, Churu News
सरदारशहर कृषि मण्डी

सरदारशहर (चूरू). एक देश एक बाजार की परिकल्पना को साकार करने के लिए सरकार सभी मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए करोड़ों रुपए के उपकरण उपलब्ध करवा रही है. इसीक्रम में सरदारशहर कृषि उपज मंडी में आने वाले किसानों को उपज की गुणवत्ता जांचने के लिए एवं उन्हें हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध हो इसके लिए लाखों रुपए का बजट आवंटित किया गया है. ई-परियोजना के अंतर्गत मंडी में मूंग, चना, सरसों, गेहूं बाजरा, जीरा आदि की गुणवत्ता एवं उनकी शुद्धता की निशुल्क जांच करने के लिए आधुनिक ग्रेन मोरपोलाजी एवं ऑयल टेस्टिंग मशीन स्थापित की गई है.

इसके अलावा ई-मित्र प्लस मशीन भी लगाई गई है. इन मशीनों को शीघ्र ही विधिवत रूप से शुभारंभ किया जाएगा. मण्डी के हंसराज ने बताया कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले इसके लिए उपज की गुणवत्ता की जांच के लिए यह उपकरण लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि ऑयल टेस्टिंग मशीन से सरसों, गेहूं व चने की जांच होगी. वही सरसों में नमी व तेल की मात्रा तथा गेहूं व मूंग में प्रोटीन व नमी की मात्रा मापी जाएगी. ग्रेन मोरपालाजी मशीन से जीरा, मूंग, बाजरा, उड़द, गेहूं आदि जिंस की भी जांच की जाएगी. इसमें कृषि जिंस की क्षतिग्रस्त अनाज अपरिपक्वता, खरपतवार के दाने और चमक आदि की जांच हो सकेगी.

पढ़ें- चूरू में 65 वर्षीय बुजुर्ग पर जानलेवा हमला, भाई ने किया कुल्हाड़ी से हमला

दरअसल, तेल की मात्रा और गुणवत्ता जांच के लिए यहां मंडी में ऑयल टेस्टिंग मशीन नहीं होने के कारण किसानों की सरसों का भाव व्यापारी तय कर रहे हैं. ऐसे में किसानों की फसल का सही दाम नहीं मिल रहा था. कृषि उपजमंडी में ऑयल टेस्टिंग की मशीन के अभाव में अधिकतर किसानों की मंडी में आ रही सरसों की फसल का व्यापारी जो भाव तय कर देते है किसान उसी में बेचकर चले जाते है. चाहे फिर किसान की सरसों की फसल 42 प्रतिशत ऑयल के साथ गुणवत्ता में नंबर वन ही क्यों न हो.

समर्थन मूल्य पर भी होने वाली सरसों की खरीद में भी कई बार देखने में आया है कि निरीक्षक किसानों की फसल की गुणवत्ता डाउन बताकर खरीदने से मना कर देते हैं. जिसके कारण किसानों को औने-पौनेे भाव में अपनी उपज बेचना पड़ता. अब मशीन लग जाने से किसानों को उसकी उपज का सही दाम मिलेगा.

सरदारशहर (चूरू). एक देश एक बाजार की परिकल्पना को साकार करने के लिए सरकार सभी मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए करोड़ों रुपए के उपकरण उपलब्ध करवा रही है. इसीक्रम में सरदारशहर कृषि उपज मंडी में आने वाले किसानों को उपज की गुणवत्ता जांचने के लिए एवं उन्हें हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध हो इसके लिए लाखों रुपए का बजट आवंटित किया गया है. ई-परियोजना के अंतर्गत मंडी में मूंग, चना, सरसों, गेहूं बाजरा, जीरा आदि की गुणवत्ता एवं उनकी शुद्धता की निशुल्क जांच करने के लिए आधुनिक ग्रेन मोरपोलाजी एवं ऑयल टेस्टिंग मशीन स्थापित की गई है.

इसके अलावा ई-मित्र प्लस मशीन भी लगाई गई है. इन मशीनों को शीघ्र ही विधिवत रूप से शुभारंभ किया जाएगा. मण्डी के हंसराज ने बताया कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले इसके लिए उपज की गुणवत्ता की जांच के लिए यह उपकरण लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि ऑयल टेस्टिंग मशीन से सरसों, गेहूं व चने की जांच होगी. वही सरसों में नमी व तेल की मात्रा तथा गेहूं व मूंग में प्रोटीन व नमी की मात्रा मापी जाएगी. ग्रेन मोरपालाजी मशीन से जीरा, मूंग, बाजरा, उड़द, गेहूं आदि जिंस की भी जांच की जाएगी. इसमें कृषि जिंस की क्षतिग्रस्त अनाज अपरिपक्वता, खरपतवार के दाने और चमक आदि की जांच हो सकेगी.

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दरअसल, तेल की मात्रा और गुणवत्ता जांच के लिए यहां मंडी में ऑयल टेस्टिंग मशीन नहीं होने के कारण किसानों की सरसों का भाव व्यापारी तय कर रहे हैं. ऐसे में किसानों की फसल का सही दाम नहीं मिल रहा था. कृषि उपजमंडी में ऑयल टेस्टिंग की मशीन के अभाव में अधिकतर किसानों की मंडी में आ रही सरसों की फसल का व्यापारी जो भाव तय कर देते है किसान उसी में बेचकर चले जाते है. चाहे फिर किसान की सरसों की फसल 42 प्रतिशत ऑयल के साथ गुणवत्ता में नंबर वन ही क्यों न हो.

समर्थन मूल्य पर भी होने वाली सरसों की खरीद में भी कई बार देखने में आया है कि निरीक्षक किसानों की फसल की गुणवत्ता डाउन बताकर खरीदने से मना कर देते हैं. जिसके कारण किसानों को औने-पौनेे भाव में अपनी उपज बेचना पड़ता. अब मशीन लग जाने से किसानों को उसकी उपज का सही दाम मिलेगा.

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