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किसानों का पड़ाव पांचवे दिन भी जारी, उपखण्ड कार्यालय का किया घेराव

किसानों का मिनी सचिवालय के सामने पड़ाव पांचवें दिन जारी रहा. मिनी सचिवालय के मुख्य द्वार पर तैनात पुलिसकर्मियों आक्रोशित किसानों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन थानाधिकारी गुरभूपेन्द्र सिंह ने बीचबचाव कर मौके पर ही उपखण्ड अधिकारी को बुलाया, इसके बाद किसान पीछे हटे.

Farmers protest in front of Mini Secretariat, किसानों का प्रदर्शन
किसानों का पड़ाव पांचवे दिन भी जारी
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Published : Jan 22, 2021, 11:06 PM IST

सादुलपुर. नौजवान सभा के बैनर तले किसानों का मिनी सचिवालय के सामने पड़ाव पांचवें दिन जारी रहा. दोपहर को सैंकड़ों किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मिनी सचिवालय का घेराव किया. मिनी सचिवालय के मुख्य द्वार पर तैनात पुलिसकर्मियों आक्रोशित किसानों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन थानाधिकारी गुरभूपेन्द्र सिंह ने बीचबचाव कर मौके पर ही उपखण्ड अधिकारी को बुलाया. उपखण्ड अधिकारी ने धरना स्थल पर आकर वार्ता करने का आश्वासन दिया तो किसान पीछे हटे.

वहीं महापड़ाव को लेकर बस स्टैण्ड से सांखू तिराहे तक जाने वाली प्रमुख सड़क जाम रही तथा पड़ाव को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से भी कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था की गई. अपराह्न तीन बजे बाद उपखण्ड पंकज गढवाल, थानाधिकारी गुरभूपेन्द्र सिंह, तहसीलदार कमलेश सिंह तथा बैंक और बीमा कंपनी के अधिकारीगण सहित कृषि उपनिदेशक पीके सैनी आदि पड़ाव पर पहुंचे, लेकिन शाम पांच बजे तक वार्ता सफल नहीं रही. युवा किसान नेता सुनील पूनिया ने कहा कि बीमा कंपनी एवं बैंक अधिकारी वर्ष 2019-20 रबी फसल का क्लेम गबन करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे.

पढ़ें: गहलोत सरकार ने धारा 144 की अवधि 1 महीने और बढ़ाई, 21 फरवरी तक रहेगी लागू

पांच घंटे चली सभा

घेराव एवं प्रदर्शन से पहले पांच घंटे पड़ाव स्थल पर किसानों की सभा चली. इस अवसर पर बाढ़ पूनिया विकास संस्थान के अध्यक्ष भल्लेराम पूनिया ने कहा कि किसानों को देश में अन्नदाता कहा जाता है, लेकिन उनका दाता कोई नहीं रहा. उन्होंने किसान के अधिकारों के साथ खिलवाड़ नहीं करने को कहा तथा समय रहते कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलनात्मक कदम उठाने की चेतावनी दी.

युवा किसान नेता सुनील पूनिया ने बताया कि जिला कलेक्टर पड़ाव पर पहुंचकर किसानों को विस्तार से जानकारी दें कि उनको क्लेम कैसे मिला है. उन्होंने कहा कि जब तक किसान हित में वार्ता नहीं होगी, तब तक दिनरात पड़ाव जारी रहेगा। इस अवसर पर अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य कमेटी सदस्य माईचंद बागोरिया ने कहा कि प्रशासन और बीमा कंपनी के अधिकारी किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं.

सादुलपुर. नौजवान सभा के बैनर तले किसानों का मिनी सचिवालय के सामने पड़ाव पांचवें दिन जारी रहा. दोपहर को सैंकड़ों किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मिनी सचिवालय का घेराव किया. मिनी सचिवालय के मुख्य द्वार पर तैनात पुलिसकर्मियों आक्रोशित किसानों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन थानाधिकारी गुरभूपेन्द्र सिंह ने बीचबचाव कर मौके पर ही उपखण्ड अधिकारी को बुलाया. उपखण्ड अधिकारी ने धरना स्थल पर आकर वार्ता करने का आश्वासन दिया तो किसान पीछे हटे.

वहीं महापड़ाव को लेकर बस स्टैण्ड से सांखू तिराहे तक जाने वाली प्रमुख सड़क जाम रही तथा पड़ाव को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से भी कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था की गई. अपराह्न तीन बजे बाद उपखण्ड पंकज गढवाल, थानाधिकारी गुरभूपेन्द्र सिंह, तहसीलदार कमलेश सिंह तथा बैंक और बीमा कंपनी के अधिकारीगण सहित कृषि उपनिदेशक पीके सैनी आदि पड़ाव पर पहुंचे, लेकिन शाम पांच बजे तक वार्ता सफल नहीं रही. युवा किसान नेता सुनील पूनिया ने कहा कि बीमा कंपनी एवं बैंक अधिकारी वर्ष 2019-20 रबी फसल का क्लेम गबन करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे.

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पांच घंटे चली सभा

घेराव एवं प्रदर्शन से पहले पांच घंटे पड़ाव स्थल पर किसानों की सभा चली. इस अवसर पर बाढ़ पूनिया विकास संस्थान के अध्यक्ष भल्लेराम पूनिया ने कहा कि किसानों को देश में अन्नदाता कहा जाता है, लेकिन उनका दाता कोई नहीं रहा. उन्होंने किसान के अधिकारों के साथ खिलवाड़ नहीं करने को कहा तथा समय रहते कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलनात्मक कदम उठाने की चेतावनी दी.

युवा किसान नेता सुनील पूनिया ने बताया कि जिला कलेक्टर पड़ाव पर पहुंचकर किसानों को विस्तार से जानकारी दें कि उनको क्लेम कैसे मिला है. उन्होंने कहा कि जब तक किसान हित में वार्ता नहीं होगी, तब तक दिनरात पड़ाव जारी रहेगा। इस अवसर पर अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य कमेटी सदस्य माईचंद बागोरिया ने कहा कि प्रशासन और बीमा कंपनी के अधिकारी किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं.

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