चूरू. वसुंधरा राजे का Pre Bday सेलिब्रेशन शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है. 8 मार्च को होली है इसलिए रंगोत्सव से पहले समर्थक अपनी नेत्री को विधि विधान के साथ जन्मदिन की शुभकामनाएं देना चाहते हैं. करीब 1 महीने से राजे समर्थकों की तैयारियों का दौर जारी है. प्रदेश भर से जिलेवार राजे समर्थको ने न सिर्फ सालासर में जुड़ने के लिए पीले चावल बांट निमंत्रण दिया, बल्कि सालासर चलो नारे के जरिए ज्यादा से ज्यादा ताकत दिखाने की कोशिश भी जारी है. आपको बता दें कि प्रदेश के हर संभाग से वसुंधरा राजे के समर्थक नेता सालासर पहुंचकर उन्हें जन्मदिन की बधाई देंगे.
जन्मदिन कार्यक्रम- यह पहला मौका है कि जब वसुंधरा समर्थक 8 मार्च से पहले ही एक भव्य समारोह के जरिए अपनी चहेती नेता को जन्मदिन की बधाई देने जा रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी समर्थकों का पूरा सम्मान करते हुए सालासर पहुंचेंगी. जन्मदिन कार्यक्रम में करीब 3 घंटे मंदिर परिसर में पूजा के लिए बताएंगी. वह सुबह 8:30 बजे से लेकर 11:00 बजे तक पूजा में व्यस्त रहेगी. उसके बाद मंदिर में संतों का आशीर्वाद लेंगी. इसके बाद सुबह 11 :30 से शाम 4 बजे तक उनकी अभिनंदन सभा रखी गई है. इसके बाद शाम 5 बजे से फागोत्सव का आयोजन किया गया है. राजे समर्थकों का दावा है कि प्रदेश भर से करीब एक लाख लोग सालासर में जुटेंगे और अपनी नेता को जन्मदिन से पूर्व शुभकामनाएं देंगे. सालासर में इस भव्य कार्यक्रम की तैयारियों का जिम्मा भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी और पूर्व मंत्री यूनुस खान के साथ-साथ राजपाल सिंह शेखावत ने संभाला है.
यह हो सकते हैं राजनीतिक मायने- चूरू जिले में स्थित सालासर धाम शेखावाटी का हिस्सा है और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ-साथ नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ का गृह जिला भी है. वसुंधरा राजे राजस्थान की राजनीति में सक्रिय होने के बाद से ही हाड़ौती संभाग का एक बड़ा सक्रिय चेहरा रही है. हर दफा उनके समर्थक झालावाड़, कोटा संभाग या फिर राजधानी जयपुर में ही उनके जन्मदिन के मौके पर प्रदेश में एक संदेश देने की कोशिश करते हैं. लेकिन ये पहली है कि वसुंधरा राजे शेखावाटी में अपना जन्मदिन मना रही हैं. विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी शेखावाटी में पिछड़ गई थी. माना जा रहा है कि यही वजह है कि इस बार राजे समर्थकों ने संगठन के अंदर और बाहर अपनी नेता की ताकत दिखाने के लिए जन्मदिन के बहाने एक भव्य आयोजन किया है.
क्या पार्टी का कंफ्यूजन होगा दूर!- आने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री कौन होगा? इस बात को लेकर भाजपा के अंदर पशोपेश की स्थिति नजर आती है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय के बाहर लगने वाले मुख्य बैनर से बाहर हुई राजे ने बीते दिनों पोस्टर पर वापसी की थी, तब भी उनके नाम की चर्चा पूरे प्रदेश में की गई. बजट सत्र से पहले प्रदेश में राजे के दौरे और उनकी सक्रियता के भी मायने चुनावी साल के नजरिए से देखे जा रहे हैं. इन सब तस्वीरों के बीच मौजूदा बजट सत्र में मुख्यमंत्री की ओर से बजट भाषण की शुरुआत में पढ़े गए पुराने अंशों पर भी विवाद में राजे ने सदन में गहलोत को जिस अंदाज में चुनौती दी थी, इशारा था कि राजस्थान की राजनीति में भाजपा की सिरमौर वही हैं.
पिछले साल केशवरायपाटन में किया था शक्ति प्रदर्शन- राजस्थान की भाजपा को धड़े बंदी में बांटने वाले नजरिए से अगर देखा जाए, तो इस मर्तबा संगठन के समीकरणों में गुलाब चंद कटारिया के राज्यपाल बनने के बाद स्थानीय भाजपा में वसुंधरा राजे और संघ समर्थक धड़े के रूप में सतीश पूनिया गुट नजर आता है. पिछले साल भी जब वसुंधरा राजे समर्थक नेताओं ने अपने पसंदीदा नेता के स्वागत को लेकर बूंदी के केशवरायपाटन में जन्मदिन का जलसा रखा था. तब विधानसभा में बजट सत्र जारी था. ऐसे में संगठन की ओर से आह्वान के बावजूद 50 से ज्यादा विधायकों ने उस कार्यक्रम में शिरकत की थी. तब भी माना गया था कि भाजपा में राजे समर्थक और विरोधियों के दो गुट हैं.