चूरू. पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से जिले में मौसम ने फिर से अपना मिजाज बदला है. गुरुवार की रात को जिले के कई स्थानों पर तेज बारिश और ओलावृष्टि हुई. ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी जीरे और इसबगोल की फसल को सर्वाधिक नुकसान हुआ है. बारिश और ओलावृष्टि से सरसों, गेहूं, जौ, चना, मेथी, की फसलें भी जमीन पर गिर गई. सबसे अधिक ओलावृष्टि क्षेत्र के रतनगढ़ में हुई है. हालांकि ओलावृष्टि से सादुलपुर, सरदारशहर, तारानगर, साहवा और चूरू तहसील के क्षेत्र में भी नुकसान हुआ है.
जिला कलेक्टर संदेश नायक ने कहा, कि मौसम में परिवर्तन आने की वजह से जिले में कई जगह ओलावृष्टि होने से फसलों को नुकसान होने की सूचना है. इस पर हमने हमारे अधिकारियों को निर्देशित किया है, कि मौके पर जाए और जहां ओलावृष्टि से फसलें नष्ट हुई है उनके आकलन करने की व्यवस्था करे. साथ एक प्राथमिक आंकलन कर हमें तुरंत प्रभाव से रिपोर्ट पेश करें.
जिला कलेक्टर ने कहा कि हमारे सभी अधिकारी पटवारी गिरदावर और तहसीलदार ओलावृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में हैं. इन सभी से हम एक सर्वे करवाकर जो नुकसान हुआ है उसकी एक रिपोर्ट बनाकर हम गवर्नमेंट को भेजेंगे. जिला कलेक्टर संदेश नायक ने कहा कि मौसम विभाग ने अभी एक-दो दिन और अलर्ट जारी कर रखा है.
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मौसम विभाग का अलर्ट...
मौसम विभाग की माने तो जिले में शुक्रवार को भी बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है. जानकारों का मानना है, कि पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के चलते बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है. गुरुवार को यहां का अधिकतम तापमान 29.4 और न्यूनतम 13.6 डिग्री रहा.