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घर पहुंचा चैंपियन: गृह जिले में Paralympian झाझड़िया का भव्य स्वागत...राजनीति में Entry पर बोले ये!

टोक्यो पैरालम्पिक्स (Tokyo Paralympics 2021) में अपनी दम-खम का प्रदर्शन कर देश की झोली में सिल्वर मेडल लाने वाले राजस्थान के वीर देवेंद्र झाझड़िया (Devendra Jhanjharia) का, चूरू में आज भव्य स्वागत हुआ. देश का गौरव बनने के बाद वो पहली बार अपने गृह जिले पहुंचे. कई मुद्दों पर अपने विचार रखे. खेलों की बेहतरी के लिए आगे काम करते रहने की बात कही, Awards में पारदर्शिता लाने पर भी बोले और इसी को लेकर जब राजनीति में आने का सवाल किया गया तो उन्होंने अपनी चतुराई का भी प्रमाण दिया.

Paralympian in churu
घर पहुंचा चैंपियन
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Published : Sep 19, 2021, 12:36 PM IST

Updated : Sep 19, 2021, 1:40 PM IST

चूरू: टोक्यों पैरालम्पिक (Tokyo Paralympics 2021) में सिल्वर मेडल (Tokyo Paralympics 2021 Silver Medalist) जीतने के बाद पहली बार अपने गृह क्षेत्र पहुंचे देवेंद्र झाझड़िया (Devendra Jhanjharia) का ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत हुआ. चूरू जिले की सीमा में प्रवेश करते ही स्वागत सत्कार का शुरू हुआ दौर उनके गांव झाझड़ियो की ढाणी पहुंचने तक जारी रहा. अपने जिले के गौरव के लिए जगह-जगह स्वागत द्वार बनाए गए. जिले की हर सड़क, हर कोना, हर इलाका राजस्थान के इस वीर के सम्मान में सजा हुआ दिखा.

घर पहुंचा चैंपियन देवेंद्र

टोक्यो पैरालंपिक में मेडल विजेता खिलाड़ी पहुंचे जयपुर, एयरपोर्ट पर रिसीव करने पहुंचे अशोक चांदना

डीजे और ढोल नगाड़ों की थाप के साथ झाझड़िया (Devendra Jhanjharia) का फूल माला पहना स्वागत किया गया. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए झाझड़िया ने खेल और अवार्डों में पारदर्शिता लाने उनकी पहली प्राथमिकता रहेगी इसी उद्देश्य को लेकर आगे काम करूंगा.

'प्रतिभाओं को निखारने के लिए करूंगा हर संभव प्रयास'

झाझड़िया (Devendra Jhanjharia) ने खेलों को बेहतर कैसे बनाया जाए इस पर बहुत कुछ कहा. अवार्ड्स में पारदर्शिता क्यों जरूरी है इस पर भी बोले. कहा कि वह पूरी कोशिश करेंगे कि जिले से निकलने वाली खेल प्रतिभाओं को हर संभव मदद और सुविधाएं मिले. बोले- आज भारत बदल रहा है और बदलते भारत की तस्वीर अलग होगी. एक समय था जब खिलाड़ियों को संपूर्ण संसाधन उपलब्ध नही थे मगर अब मेरा यही प्रयास रहेगा कि खिलाड़ियों को ऐसा माहौल मिले जिससे वह मेहनत के साथ पूरी तैयारी करे.

राजनीति पर बोले ये...

जब उनसे राजनीति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बड़ी साफगोई से सवाल टाल दिया. कहा- टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics 2021) में सिल्वर मेडल जीतने के बाद वह पहली बार गांव आया हूं. इसलिए आज केवल खेल पर बात करें तो अच्छा लगेगा. खेल के अलावा आज और कुछ भी बात नहीं करूंगा.

साल 2004 में मां के गहने गिरवी रख देश के लिए खेलने गया था

झाझड़िया (Devendra Jhanjharia) ने कहा कि साल 2004 में Athens Olympic में चीन के खिलाड़ियों के पास 3 का स्टाफ होता था. उस समय मेरे पास कोच भी नही था. तब अपनी मां के गहने गिरवी रखकर मैं देश के लिए खेलने गया था. मगर अब हालात बदल गए हैं.

चूरू: टोक्यों पैरालम्पिक (Tokyo Paralympics 2021) में सिल्वर मेडल (Tokyo Paralympics 2021 Silver Medalist) जीतने के बाद पहली बार अपने गृह क्षेत्र पहुंचे देवेंद्र झाझड़िया (Devendra Jhanjharia) का ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत हुआ. चूरू जिले की सीमा में प्रवेश करते ही स्वागत सत्कार का शुरू हुआ दौर उनके गांव झाझड़ियो की ढाणी पहुंचने तक जारी रहा. अपने जिले के गौरव के लिए जगह-जगह स्वागत द्वार बनाए गए. जिले की हर सड़क, हर कोना, हर इलाका राजस्थान के इस वीर के सम्मान में सजा हुआ दिखा.

घर पहुंचा चैंपियन देवेंद्र

टोक्यो पैरालंपिक में मेडल विजेता खिलाड़ी पहुंचे जयपुर, एयरपोर्ट पर रिसीव करने पहुंचे अशोक चांदना

डीजे और ढोल नगाड़ों की थाप के साथ झाझड़िया (Devendra Jhanjharia) का फूल माला पहना स्वागत किया गया. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए झाझड़िया ने खेल और अवार्डों में पारदर्शिता लाने उनकी पहली प्राथमिकता रहेगी इसी उद्देश्य को लेकर आगे काम करूंगा.

'प्रतिभाओं को निखारने के लिए करूंगा हर संभव प्रयास'

झाझड़िया (Devendra Jhanjharia) ने खेलों को बेहतर कैसे बनाया जाए इस पर बहुत कुछ कहा. अवार्ड्स में पारदर्शिता क्यों जरूरी है इस पर भी बोले. कहा कि वह पूरी कोशिश करेंगे कि जिले से निकलने वाली खेल प्रतिभाओं को हर संभव मदद और सुविधाएं मिले. बोले- आज भारत बदल रहा है और बदलते भारत की तस्वीर अलग होगी. एक समय था जब खिलाड़ियों को संपूर्ण संसाधन उपलब्ध नही थे मगर अब मेरा यही प्रयास रहेगा कि खिलाड़ियों को ऐसा माहौल मिले जिससे वह मेहनत के साथ पूरी तैयारी करे.

राजनीति पर बोले ये...

जब उनसे राजनीति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बड़ी साफगोई से सवाल टाल दिया. कहा- टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics 2021) में सिल्वर मेडल जीतने के बाद वह पहली बार गांव आया हूं. इसलिए आज केवल खेल पर बात करें तो अच्छा लगेगा. खेल के अलावा आज और कुछ भी बात नहीं करूंगा.

साल 2004 में मां के गहने गिरवी रख देश के लिए खेलने गया था

झाझड़िया (Devendra Jhanjharia) ने कहा कि साल 2004 में Athens Olympic में चीन के खिलाड़ियों के पास 3 का स्टाफ होता था. उस समय मेरे पास कोच भी नही था. तब अपनी मां के गहने गिरवी रखकर मैं देश के लिए खेलने गया था. मगर अब हालात बदल गए हैं.

Last Updated : Sep 19, 2021, 1:40 PM IST
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