चूरू. जिले में कुछ दिन पहले एक 8 साल के मासूम के बिना अपेंडिक्स हुए उसके ऑपरेशन की तैयारी करने का मामला सामने आया था. पूरे मामले को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया था. जिसके बाद पुलिस विभाग के उच्च अधिकारी होश में आए और सरकारी चिकित्सक,निजी जांच सेंटर संचालक और एक निजी चिकित्सक के खिलाफ कोतवाली थाने में धारा 420,406,120-b में मामला दर्ज हुआ.
पीड़ित पिता द्वारा दी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि कोतवाली थानाधिकारी ने चिकित्सक और निजी जांच सेंटर संचालक की ऊंची रसूख का हवाला देते हुए मामला दर्ज करने से इनकार किया था.
यह था पूरा मामला..
दरअसल, चूरू के गांधी कॉलोनी निवासी रामकिशोर ख्यालिया ने बताया था कि उसके 8 साल के बेटे सचिन के पेट में दर्द होने पर वह राजकीय भर्तियां अस्पताल में कार्यरत डॉ संदीप अग्रवाल के पास अस्पताल पहुंचे. चिकित्सक ने अपेंडिक्स का अंदेशा जताते हुए अस्पताल के बजाए बाहर से सोनोग्राफी जांच करवाने भेजा.
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जांच रिपोर्ट में सचिन के अपेंडिक्स होने की बात कही गई. वापस चिकित्सक के पास गए तो निजी स्तर पर ऑपरेशन करवाने पर 15 हजार रुपए का चिकित्सक ने खर्च बताया. बेटे की तकलीफ देखकर पिता रामकिशोर इसके लिए पहले राजी हो गया. पीड़ित ने बताया कि बेटे के ऑपरेशन के लिए रुपए की व्यवस्था के लिए परिचित को फोन किया. इस पर परिचितों ने उसे दोबारा जांच करवाने की सलाह दी और दूसरे चिकित्सक को दिखाने की सलाह दी.
जिसके बाद पीड़ित बच्चे को जांच के लिए दूसरे निजी डायग्नोस्टिक सेंटर पर ले जाया गया. यहां उसकी जांच रिपोर्ट नॉर्मल आई. यहां भी 8 साल के बेटे के पिता का मन नहीं माना तो उसने तीसरी जगह जांच शहर के अन्य डायग्नोस्टिक पर करवाई, वहां भी रिपोर्ट नॉर्मल आई. जिसके बाद जब बालक के पिता ने डॉक्टर संदीप अग्रवाल को फिर फोन किया तो उन्होंने संक्रमण फैलने का खतरा बताते हुए शीघ्र ऑपरेशन के लिए कहा. जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई.