चूरू. महंगाई और बेरोजगारी के इस दौर में जहां हम जनसंख्या नियंत्रण और परिवार कल्याण के कार्यक्रमों के प्रभावी प्रचार-प्रसार की बात कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर चूरू के राजकीय अस्पताल में चार साल पहले करवाई गई नसबंदी के फेल हो जाने से प्रभावित दंपति को ढाई महीने की गर्भवती महिला के साथ अस्पताल के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.
बता दें कि राजकीय भर्तिया अस्पताल में पिछले 5 साल में नसबंदी के 410 ऑपरेशन फेल हुए हैं. आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस दम्पति का कहना है कि हम तीन बच्चों को ही नहीं पढ़ा-लिखा पा रहे हैं. ऐसे में चौथे बच्चे की परवरिश कैसे करेंगे.
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दरअसल, करीब 4 साल पहले नवंबर 2016 में चूरू के राजकीय भर्तिया अस्पताल में नसबंदी कराने वाली परसनेऊ निवासी महिला और उसके पति गोपाल को चौथे प्रसव में महिला की जान जोखिम में डालने का खतरा लग रहा है. क्योंकि महिला के पहले दो बच्चे ऑपरेशन से हुए थे.