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ओह हो! नसबंदी का Operation फेल, 5 साल में 410 मामले आए सामने

चूरू के राजकीय अस्पताल में चार साल पहले करवाया गया नसबंदी का ऑपरेशन फेल हो गया. जिसके कारण आर्थिक रूप से कमजोर दम्पति को ढाई माह की गर्भवती महिला के साथ अस्पताल के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. वहीं बाल कल्याण विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले 5 सालों में 410 नसबंदी के ऑपरेशन फेल हो चुके हैं.

नसबंदी का ऑपरेशन फेल, sterilization operation failed
नसबंदी का ऑपरेशन फेल
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Published : Feb 4, 2020, 11:56 AM IST

चूरू. महंगाई और बेरोजगारी के इस दौर में जहां हम जनसंख्या नियंत्रण और परिवार कल्याण के कार्यक्रमों के प्रभावी प्रचार-प्रसार की बात कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर चूरू के राजकीय अस्पताल में चार साल पहले करवाई गई नसबंदी के फेल हो जाने से प्रभावित दंपति को ढाई महीने की गर्भवती महिला के साथ अस्पताल के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.

चूरू के राजकीय अस्पताल में नसबंदी का ऑपरेशन हुआ फेल

बता दें कि राजकीय भर्तिया अस्पताल में पिछले 5 साल में नसबंदी के 410 ऑपरेशन फेल हुए हैं. आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस दम्पति का कहना है कि हम तीन बच्चों को ही नहीं पढ़ा-लिखा पा रहे हैं. ऐसे में चौथे बच्चे की परवरिश कैसे करेंगे.

पढ़ें: झालावाड़: राता देवी मंदिर में जा रहे श्रद्धालुओं की ट्रॉली पलटी, 3 महिलाएं गंभीर घायल

दरअसल, करीब 4 साल पहले नवंबर 2016 में चूरू के राजकीय भर्तिया अस्पताल में नसबंदी कराने वाली परसनेऊ निवासी महिला और उसके पति गोपाल को चौथे प्रसव में महिला की जान जोखिम में डालने का खतरा लग रहा है. क्योंकि महिला के पहले दो बच्चे ऑपरेशन से हुए थे.

चूरू. महंगाई और बेरोजगारी के इस दौर में जहां हम जनसंख्या नियंत्रण और परिवार कल्याण के कार्यक्रमों के प्रभावी प्रचार-प्रसार की बात कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर चूरू के राजकीय अस्पताल में चार साल पहले करवाई गई नसबंदी के फेल हो जाने से प्रभावित दंपति को ढाई महीने की गर्भवती महिला के साथ अस्पताल के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.

चूरू के राजकीय अस्पताल में नसबंदी का ऑपरेशन हुआ फेल

बता दें कि राजकीय भर्तिया अस्पताल में पिछले 5 साल में नसबंदी के 410 ऑपरेशन फेल हुए हैं. आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस दम्पति का कहना है कि हम तीन बच्चों को ही नहीं पढ़ा-लिखा पा रहे हैं. ऐसे में चौथे बच्चे की परवरिश कैसे करेंगे.

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दरअसल, करीब 4 साल पहले नवंबर 2016 में चूरू के राजकीय भर्तिया अस्पताल में नसबंदी कराने वाली परसनेऊ निवासी महिला और उसके पति गोपाल को चौथे प्रसव में महिला की जान जोखिम में डालने का खतरा लग रहा है. क्योंकि महिला के पहले दो बच्चे ऑपरेशन से हुए थे.

Intro:चूरू_राजकीय अस्पताल में चार साल पहले करवाया नसबंदी का ऑपरेशन हुआ फैल.आर्थिक रूप से कमजोर दम्पति बोला कैसे करूंगा बच्चे का भरण पोषण.ढाई माह की गर्भवती महिला को लिए अस्पताल के चक्कर काट रहा है पति.राजकीय अस्पताल में हुए पिछले 5 साल के नसबंदी के ऑपरेशनों में 410 नसबंदी के ऑपरेशन हुए हैं फैल।


Body:चूरू महंगाई और बेरोजगारी के इस दौर में जहा हम जनसख्या नियंत्रण और परिवार कल्याण के कार्यक्रमो के प्रभावी प्रचार प्रसार की जहा एक और बात कर रहे हैं वही दूसरी और चूरू के राजकीय अस्पताल में चार वर्ष पूर्व करवाई नसबंदी के फैल हो जाने के बाद ढाई माह की गर्भवती महिला के पति को महंगाई और बेरोजेगारी के इस जमाने मे चौथे बच्चे के भरण पोषण की चिंता सताई जा रही है.आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस दम्पति का अब यही कहना है कि जब हम तीन बच्चों को ही नही पढा लिखा पा रहे हैं ऐसे में चौथे बच्चे की परवरिश कैसे करेंगे। दरसल करीब 4 साल पहले नवंबर 2016 में चूरू के राजकीय भर्तिया अस्पताल में नसबंदी कराने वाली महिला और उसके पति को अब नसबंदी ऑपरेशन फेल हो जाने की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.पहले से ही 3 बच्चों की मां गांव परसनेऊ की इस महिला को अब चौथे प्रसव में जान जोखिम में डालने का खतरा लग रहा है। क्योंकि महिला के दो बच्चे ऑपरेशन से हुए थे।


Conclusion:आर्थिक रूप से कमजोर इस दंपति का कहना है कि 3 बच्चों को पालना ही मुश्किल हो रहा है ऐसे में अब चौथे बच्चे का भरण पोषण हम कैसे करेंगे. परेशान दंपति अब अस्पताल के चक्कर लगाने को मजबूर है।रतनगढ़ के परसनेऊ गांव की इस महिला के पति ने बताया कि 4 साल पहले नवंबर 2016 में पत्नी का नसबंदी का ऑपरेशन कराया था महिला ने बताया कि उसका पहला प्रसव नॉर्मल हुआ था इसके बाद उसके दो और प्रसव हुए यह दोनों ही प्रसव ऑपरेशन से हुए इसके बाद नसबंदी करवा ली थी शारीरिक रूप से कमजोर होने के चलते अब यह महिला बच्चा और नहीं चाहती आपको बता दें कि राजकीय भर्तिया अस्पताल में हुए पिछले 5 साल के नसबंदी के ऑपरेशनों में 410 नसबंदी के ऑपरेशन फैल हुए हैं। वर्ष 2016-17 716 पुरुष नसबंदी 8 हजार 194 महिला वर्ष 2017-18 463 पुरुष 6933 महिला वर्ष 2018-19 425 पुरुष 7 हजार 22 महिला बाईट_राजू देवी,परिजन बाईट_गीता बुगालिया,मातृ एव शिशु अस्पताल,कर्मचारी बाईट_गोपाल,महिला का पति
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