चूरू: जयपुर में दोहराई गई चूरू चुनाव की रणनीति (Churu Strategy Repeated)! जी हां भले ही ये सुनने में थोड़ा अटपटा सा लगे परंतु यह सत्य है. सोमवार को जयपुर जिला प्रमुख के हुए चुनावो में चूरू की राजनीतिक रणनीति दोहराई गयी. ऐसा इसलिए कि करीब 9 महीने पहले हुए चूरू पंचायत समिति सदस्यों के चुनावों में भाजपा (BJP) ने कांग्रेस को बहुमत मिलने के बाद भी यहां प्रधान की कुर्सी से दूर रखा और चूरू पंचायत समिति में भाजपा प्रधान बनाने में कामयाब रही.
सोशल मीडिया यूजर्स इस पटकथा के रचयिता, विधायक और राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को मान रहे हैं. लिख रहे हैं कि राजस्थान के अमित शाह हैं राठौड़. ठीक उसी तरह जैसे शाह के राजनीतिक कौशल या चुनावी मैनेजमेंट से बाजी को पलट दिया जाता है. लोग कह रहे हैं कि केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ही तरह राठौड़ ने रणनीतिक कौशल का परिचय दिया. और चूरू की ही तर्ज पर एक बार फिर जयपुर में भाजपा का जिला प्रमुख बना यह साबित कर दिया कि हारी बाजी को जीतने वाले को राजेंद्र राठौड़ कहते हैं.
यूं समझिए इस चुनावी रणनीति को
दिसंबर 2020 में हुए चूरू पंचायत समिति सदस्यों के चुनावों में 19 ब्लॉक सदस्यों में से कांग्रेस के 10 और भाजपा के 9 जीतकर आए. यहां आसानी से कांग्रेस अपना प्रधान बना सकती थी, लेकिन कांग्रेस की अंदरूनी कलह और भाजपा का बेहतर चुनावी मैनजमेंट (Management Skill) ने यहां कांग्रेस को प्रधान की कुर्सी से दूर रखा और भाजपा ने एन वक्त पर कांग्रेस से बागी होने वाले दीपचंद राहड़ को अपना प्रधान प्रत्याशी घोषित कर दिया. इस प्रकार प्रधान की कुर्सी पर भाजपा ने बहुमत ना मिलने के बाद भी कब्जा जमा लिया.
ठीक ऐसा ही जयपुर जिला प्रमुख के चुनावों में देखने को मिला. भाजपा ने कांग्रेस से बागी रमा देवी को अपना जिला प्रमुख प्रत्याशी घोषित कर कुर्सी पर कब्जा कर लिया.
यूजर ने राठौड़ को कहा राजस्थान का शाह
जयपुर जिला प्रमुख चुनावो में राठौड़ के इस जलवे के बाद सोशल मीडिया (Social Media Users) पर राजेंद्र राठौड़ (MLA Rajendra Rathore) को यूज़र "राजस्थान का अमित शाह" (Amit Shah Of Rajasthan) कह रहे हैं, तो कोई इन्हें डबल शूटर कह रहा है. जयपुर जिला प्रमुख चुनाव के बाद सोशल मीडिया पर राठौड़ को बधाई देने वालो का तांता लग गया है.