चूरू. बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व विजयादशमी के दिन मंगलवार को चूरू शहर में रेलवे कॉलोनी में 65 फीट लंबा रावण का पुतला जलाया गया. रावण दहन के कार्यक्रम की शुरुआत उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने रावण के पुतले में तीर लगाकर किया. इससे पहले यहां पर आधे घंटे तक प्रतीकात्मक रूप से श्रीराम व रावण की सेना के बीच युद्ध भी हुआ.
वहीं, रावण दहन से पहले 15 मिनट तक जोरदार तरीके से आतिशबाजी भी की गई. कार्यक्रम में सभापति विजय शर्मा सहित हजारों की संख्या में शहरवासी मौजूद थे. बता दें कि चूरू में रेलवे कॉलोनी के इसी मैदान पर साल 1968 में 30 फिट लंबा रावण का पुतला बनाया गया था. जबकि मंगलवार को जलाया गया पुतला 65 फीट का था. वहीं, इस वर्ष रावण के पुतले को बनाने में 80 हजार रुपये से ज्यादा खर्च हुए हैं. जबकि पहली बार रावण का पुतला वर्ष 1968 में मात्र 150 रुपए में बनकर तैयार किया गया था.
आधे घंटे तक हुआ श्री राम-रावण का युद्ध
रावण दहन से पहले यहां पर करीब आधे घंटे तक श्री राम और रावण की सेना के बीच में युद्ध हुआ. बता दें कि इसी मैदान पर रामलीला का मंचन भी किया गया है. रामलीला का मंचन और रावण के पुतले का दहन श्री हनुमान मंदिर सेवा समिति की ओर से जन सहयोग के जरिए किया गया है.
आतिशबाजी का उठाया लुफ्त
बता दें कि इस बार रावण के पुतले के चेहरे को काफी आकर्षक बनाया गया था. पुतला दहन से पहले ही यहां की गई जोरदार आतिशबाजी का लोगों ने जमकर लुफ्त उठाया. पुतला दहन को देखने के लिए बड़ी संख्या में शहरवासी मौजूद रहे.
पुतले को खड़ा करने में करनी पड़ी मशक्कत
65 फिट लंबे इस पुतले को खड़ा करने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ी. पुतले को क्रेन के जरिए खड़ा किया गया. वहीं, सैकड़ों लोगों ने भी सहयोग किया. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि दशहरे का पर्व है बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.