सुजानगढ़ (चूरू). क्षेत्र के निकटवर्ती गांव स्यानण में 2009 में हुए दोहरे हत्याकांड में एडीजे न्यायाधीश रामपाल जाट ने फैसला देते हुए पांच आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है, जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया है. मामले में न्यायालय ने आरोपी गोरधन, हरीराम, सुरेंद्र, राजेंद्र, विजयपाल को दोषसिद्ध करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
अपर लोक अभियोजक डॉ. करणीदान चारण ने बताया कि सालासर पुलिस थाने में 14 अगस्त 2009 की रात को सूचना मिली थी कि गणपतराम जाट के घर गांव स्यानण में झगड़ा हुआ था. जिस पर तत्कालीन थानाधिकारी कर्णसिंह मय जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे. वहां भगवाना राम जाट ने पुलिस को बताया कि झगड़े में मोहरी देवी की मौत हो गई है, जबकि घायल जयपाल, राजकुमार, सरोज को इलाज के लिए सीकर ले जाया गया है.
वहीं जयपुर के एसएमएच अस्पताल में जयपाल की भी इलाज के दौरान मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने कुल 7 आरोपियों हरीराम पुत्र दुलाराम चैलासी, गोरधन पुत्र रामेश्वरलाल नायक निवासी खारिया कनिराम, विजय कुमार उर्फ प्रधान, विजयपाल पुत्र पूर्णाराम जाट निवासी सांडण, सुरेंद्र पुत्र हरीराम जाट चैतासी, राजेंद्र उर्फ राजू निवासी सूतोद, हेमराज को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान समय-समय पर पेश किए.
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अपर लोक अभियोजक डॉ. करणीदान चारण ने बताया कि मामले में आई विटनेस के तौर पर भगवानाराम और गोपालाराम अपने बयानों से फिर गए थे. अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 40 गवाहों के बयान न्यायालय में दर्ज करवाए गए. इसी प्रकार कुल 95 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए गए.
अपर लोक अभियोजक ने बताया कि अधिकांश स्वतंत्र गवाह मुकर जाने के बाद भी घायलों के बयान यथावत रहे. इसी प्रकार मलसीबास के रहने वाले मल्लाराम जाट ने रंजिश की घटना होने की तस्दीक की थी. प्रकरण में हेमराज को बरी किया गया है, जबकि विजय कुमार उर्फ प्रधान की मौत हो गई थी. मामले में न्यायालय ने आरोपी गोरधन, हरीराम, सुरेंद्र, राजेंद्र, विजयपाल को दोषसिद्ध करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है.