चित्तौड़गढ़. देश में महिलाओं के खिलाफ प्रतिदिन आपराधिक घटनाएं बढ़ रही है. इस घटनाओं से बचने के लिए महिलाओं को अपनी रक्षा के लिए खुद ही आगे आना होगा. महिलाएं अपनी सुरक्षा के प्रति सजग रहे, शारीरिक और मानसिक रूप से किसी भी विपरीत परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहें, इसके लिए महिला आत्मरक्षा शिविर के प्रथम बैच पुलिस लाइन में शुरू किया गया.
इस बैच में करीब 100 किशोरियों और युवतियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रशिक्षण के शुभारंभ पर पुलिस अधीक्षक ने बालिकाओं को सम्बोधित करते हुए मानसिक रूप से मजबूत होने की प्रेरणा दी.
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आत्मरक्षा प्रशिक्षण की शुरुवात बुधवार अपरान्ह पुलिस लाइन स्थित अनवेंशन भवन में हुई. प्रशिक्षण शिविर में पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल ने सबको सम्बोधित करते हुए कहा कि इस शिविर में 13 साल से ज्यादा की बालिकाएं और महिलाएं भाग ले सकती है. यह प्रशिक्षण 7 दिनों तक चलेगा. अनिल कयाल ने कहा कि इस प्रशिक्षण शिविर का मुख्य उद्देश्य यह है कि महिलाओं और बालिकाओं को किसी भी सार्वजनिक स्थानों पर या दैनिक जीवन में किसी प्रकार के उत्पीड़न और अत्याचार का सामना ना करना पड़े.
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एसपी कयाल ने बताया कि इस योजना के तहत जिले में स्थायी प्रशिक्षण केन्द्र पुलिस लाइन में है, जहां महिला मास्टर ट्रेनर की सहायता से इंडोर और आउटडोर कोर्स के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. यह प्रशिक्षण केन्द्र स्पेशल इन्वेस्टीगेशन यूनिट फॉर क्राईम अगेन्स्ट वीमन यूनिट के अधीनस्थ कार्य करेगा. इस मौके पर एएसपी सरितासिंह, डिप्टी शाहना खानम, आरआई सुनीलकुमार सिंह, महिला थानाधिकारी सुशीला खोईवाल, हवलदार मेजर विकास राघव आदि मौजूद थे.