चित्तौड़गढ़. चाइल्ड लाइन ने बच्चों को रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति को सौंप दिया है. बच्चों की शुक्रवार सुबह काउंसलिंग कर उनका कोविड-19 टेस्ट करवाया गया. बच्चों को गाड़ी लौहार क्वॉरेंटाइन सेंटर में आइसोलेटेड करवाया गया है.
ट्रेन में सफर कर रहे इन बच्चों की तलाशी के दौरान उनके पास से 30 हजार से भी अधिक राशि में मिली. इनके परिजनों को भी सूचना कर दी गई है. चित्तौड़गढ़ चाइल्ड लाइन के निदेशक भोजराजसिंह ने बताया कि उज्जैन जिले के खाचरोद निवासी 12 और 14 वर्षीय दो बच्चे अपने गांव में अकेले रह रहे थे. उनके माता-पिता मजदूरी के लिए राजस्थान के रामदेवरा गए हुए हैं.
माता-पिता की याद आने पर दोनों अपनी मां से बात कर रामदेवरा के लिए निकल गए. सबसे पहले दोनों उज्जैन से इंदौर पहुंचे और अपने किसी रिश्तेदार के यहां रुके. फिर इंदौर से बस में बैठ गए. बस वाले ने चित्तौड़गढ़ की गंभीरी रोड के करीब बच्चों को उतार कर कह दिया कि इंदौर-जोधपुर की ट्रेन यहां से मिलेगी. दोनों बच्चे रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करते रहे.
कई घंटों तक बच्चों को अकेले बैठे देख स्टेशन मास्टर ने आरपीएफ थाना पुलिस को इसकी सूचना दी. इस पर आरपीएफ ने तुरंत इसकी जानकारी दी. देर रात चाइल्ड लाइन रेलवे स्टेशन पहुंची और बच्चों को रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया. उस समय बच्चों के पास पांच हजार रुपए मिले. शुक्रवार सुबह दोनों बच्चों का कोविड टेस्ट करवाया गया और उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में भेज दिया गया. वहां बच्चों की काउंसलिंग भी की गई.
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अधिक जानकारी लेने पर उनके पास से 25,460 रुपए और मिले. जब रुपए के बारे में उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि माता-पिता के कहने पर उन्होंने एक अपना एक बकरा बेच दिया और उससे 30 हजार रुपए मिले. बाकी 460 रुपए मजदूरी कर कमाया है. अभी उनके पास से कुल 30460 रुपए मिले हैं. जिन्हें बाल कल्याण समिति के पास रखवाया गया है. इनके पास से मिले रुपयों को लेकर संदेह बना हुआ है.
प्राप्त राशि के बारे में भी जानकारी ली जा रही है. घर वापसी के समय यह राशि वापस बच्चों को दे दी जाएगी. अभी संबंधित थानों में बच्चों की जानकारी पहुंचाई जाएगी और उनके माता-पिता से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है. बच्चों ने बताया कि उज्जैन से चित्तौड़ आने के दौरान उनके पास जो मोबाइल था वह भी खो गया. इस कारण बच्चे अपने माता-पिता का नंबर भी नहीं बता पा रहे हैं.
कपासन में बाहर घूम रहे थे चार संक्रमित, मामला दर्ज
चित्तौड़गढ़ के कपासन में पुलिस ने चार कोरोना संक्रमित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है. ये चारों लॉकडाउन के बावजूद बाहर घूम रहे थे. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस के अनुसार कोरोना काल में राज्य सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन की अवहेलना कर ये लोग मानव जीवन को खतरे में डालने जैसा काम कर रहे थे. जिला पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव के निर्देश पर इन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए.
लूणी में सामाजिक कार्यक्रम में भीड़
पंचायत समिति लूणी के ग्राम पंचायत लूणावास खारा में सामाजिक कार्यक्रम के दौरान गाइडलाइन के उल्लंघन का मामला सामने आया. लूणी एसडीएम गोपाल परिहार के निर्देशानुसार नायब तहसीलदार रवि शेखर चौधरी के नेतृत्व में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. नायब तहसीलदार ने आकस्मिक निरक्षण के दौरान सामाजिक कार्यक्रम में भीड़ ज्यादा सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं होने पर दस हजार का चालान काट कर जुर्माना राशि वसूली की. लूणावास निवासी लालाराम पुत्र बालाराम के घर पर सामाजिक कार्यक्रम में कम जगह में बहुत अधिक लोग बिना सोशल डिस्टेंसिंग के एक साथ बैठे मिले थे.