चित्तौड़गढ़. नौ माह कोख में पालने के बाद एक कलयुगी मां ने दो माह की नन्ही बालिका को सड़क के किनारे भगवान भरोसे छोड़ दिया. वहां से गुजरने वाले लोगों ने जब बच्चे के रोने की आवाज सुनी, तो हर किसी का दिल पसीज गया. राहगीरों ने तुरंत बच्ची को उठाया और सदर थाना ले गई. पुलिस की सूचना के बाद बाल कल्याण समिति ने बालिका को चिकित्सालय में भर्ती कराया है.
जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय में कुछ ही दूरी पर उदयपुर रोड के किनारे गुरुवार रात को अंधेरे में एक बच्चे के रोने की आवाज सुनी. इस पर राहगीर वहां एकत्रित हो गए. जब राहगीरों ने देखा तो वहां एक नवजात बालिका मिली. एक दंपति बच्ची को लेकर रात 11 बजे सदर थाने पहुंचा. वहीं थाना पुलिस ने बच्ची को बाल कल्याण समिति को सौंपा है. उसके बाद बच्ची को जिला चिकित्सालय ले गए.
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सदर थाना पुलिस ने बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश दशोरा और चाइल्ड लाइन को इसकी सूचना दी. इसके बाद उन्होंने बच्चे को जिला चिकित्सालय के एनआरसी में भर्ती कराया गया. बच्ची को पूर्ण रूप से स्वस्थ बताया गया है. जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों ने बच्ची का उपचार किया है. चिकित्सकों ने कहा कि बच्ची दो माह की है, बच्ची का वजन 3 किलो 500 ग्राम है और वो पूरी तरह स्वस्थ है. वहीं चिकित्सकों ने बच्ची को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया है. बच्ची को शिशु गृह में महिला पुलिसकर्मी की देख-रेख में रखा गया है.