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चित्तौड़गढ़: श्रमिक की मौत मामले में 45 लाख की आर्थिक सहायता पर बनी बात, तीसरे दिन हुआ पोस्टमार्टम

चित्तौड़गढ़ में 21 जून को सीमेंट फैक्ट्री में एक श्रमिक की मौत के बाद परिजनों की ओर से दिया जा रहा धरना मंगलवार को समाप्त हो गया. यह धरना सीमेंट फैक्ट्री की ओर से 45 लाख की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की सहमति पर खत्म हुआ.

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धरना हुआ समाप्त
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Published : Jun 23, 2020, 7:23 PM IST

चितौड़गढ़. जिले के शंभूपुरा थाना क्षेत्र में आदित्यपुरम स्थित सीमेंट फैक्ट्री में एक श्रमिक की मौत के बाद परिजनों की ओर से दिया जा रहा धरना मंगलवार को 45 लाख की आर्थिक सहायता और एक परिजन को नौकरी देने की सहमति पर समाप्त हुआ. वहीं धरने के चलते लगभग तीन दिन से शव मोर्चरी में रखा हुआ था. जिसका मंगलवार को पोस्टमार्टम हुआ और शव परिजनों को सौंप दिया गया.

श्रमिक की मौत का मामला

जानकारी के अनुसार 21 जून को शंभूपुरा ग्राम पंचायत के केसर खेड़ी निवासी आसाराम जाट की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. इस मामले में शव को जिला चिकित्सालय के चीरघर में रखवाया गया. वहीं परिजनों ने इसकी सूचना समय पर नहीं देने और शव चिकित्सालय ले जाने का आरोप लगाते हुए, मृतक के आश्रितों को मुआवजा और नौकरी देने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर दिया.

पढ़ें: पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों पर सियासत तेज, गहलोत बोले- मुनाफा कमाने में लगी केंद्र सरकार

परिजनों ने सीमेंट फैक्ट्री से एक करोड़ रुपए का मुआवजा और किसी एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की. लेकिन सीमेंट फैक्ट्री मैनेजमेंट की ओर से कोई जवाब नहीं देने पर परिजनों और ग्रामीणों ने गेट के बाहर धरना दे दिया. यहां सोमवार को पूरे दिन भी कोई फैसला नहीं हो पाया. मृतक के परिजनों ने भी शव का पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर दिया और शव को मोर्चरी में रखवाया. इसी बीच जनप्रतिनिधियों और पुलिस ने भी समझाइश की. लेकिन परिजन और ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे.

पढ़ें: चित्तौड़गढ़: सीमेंट कंपनी में श्रमिक की संदिग्ध अवस्था में मौत, मुआवजे के लिए परिजनों का प्रदर्शन

वहीं इस मामले में तीसरे दिन मंगलवार को भी गतिरोध बरकरार रहा और धरना शुरू हो गया. दोपहर में जनप्रतिनिधियों की दखल अंदाजी के बाद सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन और परिजनों में समझौता हो गया. जानकारी में सामने आया कि करीब 45 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और एक परिजन को नौकरी पर सहमति पर धरना खत्म हुआ. प्रारंभिक तौर पर बताया जा रहा है कि 35 लाख रुपए सीमेंट फैक्ट्री की ओर से और 10 लाख रुपए चितौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने अपने मद पर कराने का आश्वासन दिया है. इसके बाद परिजन और समाज के लोग माने और धरना खत्म किया.

चितौड़गढ़. जिले के शंभूपुरा थाना क्षेत्र में आदित्यपुरम स्थित सीमेंट फैक्ट्री में एक श्रमिक की मौत के बाद परिजनों की ओर से दिया जा रहा धरना मंगलवार को 45 लाख की आर्थिक सहायता और एक परिजन को नौकरी देने की सहमति पर समाप्त हुआ. वहीं धरने के चलते लगभग तीन दिन से शव मोर्चरी में रखा हुआ था. जिसका मंगलवार को पोस्टमार्टम हुआ और शव परिजनों को सौंप दिया गया.

श्रमिक की मौत का मामला

जानकारी के अनुसार 21 जून को शंभूपुरा ग्राम पंचायत के केसर खेड़ी निवासी आसाराम जाट की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. इस मामले में शव को जिला चिकित्सालय के चीरघर में रखवाया गया. वहीं परिजनों ने इसकी सूचना समय पर नहीं देने और शव चिकित्सालय ले जाने का आरोप लगाते हुए, मृतक के आश्रितों को मुआवजा और नौकरी देने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर दिया.

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परिजनों ने सीमेंट फैक्ट्री से एक करोड़ रुपए का मुआवजा और किसी एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की. लेकिन सीमेंट फैक्ट्री मैनेजमेंट की ओर से कोई जवाब नहीं देने पर परिजनों और ग्रामीणों ने गेट के बाहर धरना दे दिया. यहां सोमवार को पूरे दिन भी कोई फैसला नहीं हो पाया. मृतक के परिजनों ने भी शव का पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर दिया और शव को मोर्चरी में रखवाया. इसी बीच जनप्रतिनिधियों और पुलिस ने भी समझाइश की. लेकिन परिजन और ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे.

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वहीं इस मामले में तीसरे दिन मंगलवार को भी गतिरोध बरकरार रहा और धरना शुरू हो गया. दोपहर में जनप्रतिनिधियों की दखल अंदाजी के बाद सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन और परिजनों में समझौता हो गया. जानकारी में सामने आया कि करीब 45 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और एक परिजन को नौकरी पर सहमति पर धरना खत्म हुआ. प्रारंभिक तौर पर बताया जा रहा है कि 35 लाख रुपए सीमेंट फैक्ट्री की ओर से और 10 लाख रुपए चितौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने अपने मद पर कराने का आश्वासन दिया है. इसके बाद परिजन और समाज के लोग माने और धरना खत्म किया.

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