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जब खेल-खेल में दुपट्टा बना मासूम का कफन...

चित्तौड़गढ़ के प्रतापनगर इलाके में शनिवार दोपहर एक ह्रदय विदारक घटना हुई है. घर में खेलते समय एक बालक के गले में कपड़े का फंदा लग गया और उसकी मौत हो गई. इस दौरान इसके माता-पिता पास ही स्थित कमरे में सो रहे थे. लेकिन पास के कमरे में इसकी आहट तक नहीं सुनाई दी. करीब दो घण्टे बाद नींद खुली तो फंदे पर लटका देख माता-पिता की चीख निकल गई. बालक को जिला चिकित्सालय पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

चित्तौड़गढ़ न्यूज  बच्चे ने लगाई फांसी  10 साल के बच्चे की मौत  boy hangs himself while playing  10 year old child dies  Child hanged  Chittorgarh News
दुपट्टा बना मासूम का कफन
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Published : Mar 13, 2021, 8:32 PM IST

चित्तौड़गढ़. रेलवे में गार्ड के रूप में कार्यरत रामजीलाल, जो प्रतापनगर में प्रेम प्रकाश पालीवाल के मकान में किराए से रहते हैं. रामजीलाल का करीब 11 साल का बेटा दिवांशु कक्षा चार में पढ़ता था. शनिवार दोपहर दिवांशु को अकेले खेलने के लिए छोड़, माता-पिता दूसरे कमरे में सो गए.

दुपट्टा बना मासूम का कफन

बता दें कि घटना दोपहर 12 से 2 बजे के बीच की है. उसी दौरान बच्चा दिवांशु अन्य कमरे में खेल रहा था. यहां उसने पास में ही पड़े दुपट्टे को कपड़े लटकाने के हैंगर में दिवांशु ने पलंग पर चढ़कर बांध दिया. इससे पहले दिवांशु ने अपने पांव को बांधा और पास में ही रखे कपड़े से मुंह को भी लपेट लिया. फिर हैंगर से लटके रस्सी को फंदा बनाकर अपने गले में डाल दिया.

यह भी पढ़ें: चित्तौड़गढ़: पुलिस और तस्करों के बीच फायरिंग में कार पलटी, डोडा चूरा जब्त

संभवत: इस दौरान वह असंतुलित होकर पलंग से गिर गया, जिससे गले में फांसी का फंदा लग गया. दोपहर करीब ढाई बजे जब दिवांशु के माता-पिता जगे और दूसरे कमरे में पहुंचे तो अंदर का नजारा देखते ही उनकी होश उड़ गए और चीख निकल गई. चारों ओर खिलौने और कपड़े बिखरे हुए थे. दिवांशु के पांव और मुंह बांधा हुआ था और वहीं, वह फंदे पर झूल रहा था.

यह भी पढ़ें: फिर अवैध बजरी परिवहन करने वालों पर कसा शिकंजा, छह डम्पर पकड़े

इनकी चीख पुकार सुन, पड़ोसी तरसेम सिंह और मकान मालिक सहित अन्य लोग आ गए. बालक को नीचे उतारा और आनन-फानन में उसे जिला चिकित्सालय पहुंचाया. यहां जांच के बाद चिकित्सक ने बालक को मृत घोषित कर दिया. इसकी सूचना चिकित्सालय पुलिस चौकी के जाब्ते ने सदर थाना पुलिस को दी. इस पर सदर थाने का जाब्ता जिला चिकित्सालय पहुंचा और घटना की जानकारी ली. पुलिस पिता की रिपोर्ट पर मर्ग दर्जकर शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया.

यह भी पढ़ें: नारकोटिक्स आयुक्त पहुंचे अफीम के खेत, जानी किसानों को समस्या

बता दें कि रामलालजी मूलतः दौसा जिले के निवासी हैं. ऐसे में बालक के शव को दौसा ले गए, जहां दिवांशु का अंतिम संस्कार किया जाएगा. बताया जा रहा है कि दिवांशु चौथी क्लास में पढ़ता था और उसे मोबाइल का भी कोई शौक नहीं था. इधर, सदर थानाधिकारी दर्शन सिंह ने बताया कि खेल-खेल में हादसा होने से बालक की जान चली गई.

चित्तौड़गढ़. रेलवे में गार्ड के रूप में कार्यरत रामजीलाल, जो प्रतापनगर में प्रेम प्रकाश पालीवाल के मकान में किराए से रहते हैं. रामजीलाल का करीब 11 साल का बेटा दिवांशु कक्षा चार में पढ़ता था. शनिवार दोपहर दिवांशु को अकेले खेलने के लिए छोड़, माता-पिता दूसरे कमरे में सो गए.

दुपट्टा बना मासूम का कफन

बता दें कि घटना दोपहर 12 से 2 बजे के बीच की है. उसी दौरान बच्चा दिवांशु अन्य कमरे में खेल रहा था. यहां उसने पास में ही पड़े दुपट्टे को कपड़े लटकाने के हैंगर में दिवांशु ने पलंग पर चढ़कर बांध दिया. इससे पहले दिवांशु ने अपने पांव को बांधा और पास में ही रखे कपड़े से मुंह को भी लपेट लिया. फिर हैंगर से लटके रस्सी को फंदा बनाकर अपने गले में डाल दिया.

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संभवत: इस दौरान वह असंतुलित होकर पलंग से गिर गया, जिससे गले में फांसी का फंदा लग गया. दोपहर करीब ढाई बजे जब दिवांशु के माता-पिता जगे और दूसरे कमरे में पहुंचे तो अंदर का नजारा देखते ही उनकी होश उड़ गए और चीख निकल गई. चारों ओर खिलौने और कपड़े बिखरे हुए थे. दिवांशु के पांव और मुंह बांधा हुआ था और वहीं, वह फंदे पर झूल रहा था.

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इनकी चीख पुकार सुन, पड़ोसी तरसेम सिंह और मकान मालिक सहित अन्य लोग आ गए. बालक को नीचे उतारा और आनन-फानन में उसे जिला चिकित्सालय पहुंचाया. यहां जांच के बाद चिकित्सक ने बालक को मृत घोषित कर दिया. इसकी सूचना चिकित्सालय पुलिस चौकी के जाब्ते ने सदर थाना पुलिस को दी. इस पर सदर थाने का जाब्ता जिला चिकित्सालय पहुंचा और घटना की जानकारी ली. पुलिस पिता की रिपोर्ट पर मर्ग दर्जकर शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया.

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बता दें कि रामलालजी मूलतः दौसा जिले के निवासी हैं. ऐसे में बालक के शव को दौसा ले गए, जहां दिवांशु का अंतिम संस्कार किया जाएगा. बताया जा रहा है कि दिवांशु चौथी क्लास में पढ़ता था और उसे मोबाइल का भी कोई शौक नहीं था. इधर, सदर थानाधिकारी दर्शन सिंह ने बताया कि खेल-खेल में हादसा होने से बालक की जान चली गई.

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