चित्तौड़गढ़. रावतभाटा के बहुचर्चित देवा गुर्जर हत्याकांड (Deva Gurjar massacre) में एसआईटी को बड़ी सफलता हाथ लगी है. 15 दिन से एसआईटी उसकी तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही थी. रविवार को आखिरकार एसआईटी ने 6 और आरोपियों तक पहुंचने में कामयाबी (SIT arrested 6 more accused in Deva Gurjar murder case) हासिल की है. इसके साथ ही अब तक इस मामले में सभी 22 आोरपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है.
मामले के अनुसंधान अधिकारी एसआईटी के प्रभारी पारस जैन के अनुसार 4 अप्रैल को कोटा बेरियल रावतभाटा में सैलून की दुकान पर लगभग दो दर्जन लोगों ने देवा गुर्जर पर हमला बोल दिया था. इस हमले में बुरी तरह से घायल देवा ने कोटा में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. मुख्य आरोपी बाबू गुर्जर सहित 16 जने पूर्व में ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं जो कि न्यायालय के आदेश पर न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे हैं.
वहीं आज रामपुरिया चेचट निवासी गोपाल सिंह राजपूत, लाला उर्फ नरेंद्र सिंह पुत्र भवानी सिंह राजपूत, हेमंत कलाल, नानूराम मीणा, कालू लाल उर्फ सचिन गुर्जर तथा जुगराज पुत्र कालू लाल गुर्जर को भी एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया है. काफी दिनों से एसआईटी आरोपियों की तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही थी. इस प्रकरण से जुड़ी आरोपियों अब गिरफ्तार किया जा चुका है. अब तक कुल 22 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया जा चुका था.
12 साल से सक्रिय था अपराध में: देवा गुर्जर भी अपराध की दुनिया में सक्रिय था. साल 2010 में उसका पहला मुकदमा दर्ज हुआ था. अधिकांश मुकदमे उसके चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा इलाके में ही हुए हैं. जहां पर वह प्रॉपर्टी से लेकर लेन-देन के धंधे में भी सक्रिय था. देखते ही देखते उस पर 15 से ज्यादा मुकदमे कोटा और रावतभाटा में दर्ज हो गए. रावतभाटा पुलिस ने उसे हिस्ट्रीशीटर का तमगा भी मुकदमों की संख्या के आधार पर दे दिया था.