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चित्तौड़गढ़: युवाओं में पारम्परिक संस्कारों के प्रति घटती रूचि को लेकर संगोष्ठी - Kallaji Vedic University

चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग की तरफ से सौलह संस्कारों का ज्योतिषीय आधार विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी 18 जनवरी को आयोजित होगी. इस संगोष्ठी में युवाओं में पारम्परिक संस्कारों के प्रति घटती रूचि को लेकर मंथन होगा.

कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय, Kallaji Vedic University, Kallaji Vedic University Chittorgarh
युवाओं में पारम्परिक संस्कारों के प्रति घटती रूचि को लेकर संगोष्ठी
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Published : Jan 17, 2021, 10:25 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिले में युवाओं में पारम्परिक संस्कारों के प्रति घटती रूचि को लेकर निंबाहेड़ा स्थित श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग की तरफ से सौलह संस्कारों का ज्योतिषीय आधार विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी 18 जनवरी को आयोजित होगी.

दोपहर दो बजे से वेबीनार शुरू होगी जिसमें देश की विभिन्न भागों से विषय विशेषज्ञ शामिल होंगे. प्रवक्ता और वेबिनार संयोजक ज्योतिष विभागाध्यक्ष डाॅ. मृत्युंजय तिवारी ने बताया कि भारतीय सनातन धर्म में सौलह संस्कारों के महत्व को ज्योतिष के आधार पर प्रतिपादित करने और युवा पीढ़ी को पारम्परिक संस्कारों के साथ ज्योतिष का महत्व समझाने की दृष्टि से इस वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है.

मुख्य वक्ता काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के ज्योतिष विभागाध्यक्ष प्रो. चंद्रमोली उपाध्याय थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. लक्ष्मी शर्मा ने की वहीं विशिष्ठ अतिथि अध्यक्ष प्रबंधन मण्डल कैलाश मूंदड़ा है.

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उन्होंने बताया कि इस वेबिनार में सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्व विद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय, कविकुलगुरू कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय नागपुर के संकाय प्रमुख प्रो. कृष्ण कुमार पांडेय के साथ ही देश के प्रमुख ज्योतिष विद्वान विषय पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए युवा पीढ़ी का मार्ग दर्शन करेंगे. विश्वविद्यालय की तरफ से वेबीनार के आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है.

चित्तौड़गढ़. जिले में युवाओं में पारम्परिक संस्कारों के प्रति घटती रूचि को लेकर निंबाहेड़ा स्थित श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग की तरफ से सौलह संस्कारों का ज्योतिषीय आधार विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी 18 जनवरी को आयोजित होगी.

दोपहर दो बजे से वेबीनार शुरू होगी जिसमें देश की विभिन्न भागों से विषय विशेषज्ञ शामिल होंगे. प्रवक्ता और वेबिनार संयोजक ज्योतिष विभागाध्यक्ष डाॅ. मृत्युंजय तिवारी ने बताया कि भारतीय सनातन धर्म में सौलह संस्कारों के महत्व को ज्योतिष के आधार पर प्रतिपादित करने और युवा पीढ़ी को पारम्परिक संस्कारों के साथ ज्योतिष का महत्व समझाने की दृष्टि से इस वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है.

मुख्य वक्ता काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के ज्योतिष विभागाध्यक्ष प्रो. चंद्रमोली उपाध्याय थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. लक्ष्मी शर्मा ने की वहीं विशिष्ठ अतिथि अध्यक्ष प्रबंधन मण्डल कैलाश मूंदड़ा है.

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उन्होंने बताया कि इस वेबिनार में सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्व विद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय, कविकुलगुरू कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय नागपुर के संकाय प्रमुख प्रो. कृष्ण कुमार पांडेय के साथ ही देश के प्रमुख ज्योतिष विद्वान विषय पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए युवा पीढ़ी का मार्ग दर्शन करेंगे. विश्वविद्यालय की तरफ से वेबीनार के आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है.

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