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पंचायती राज चुनाव को लेकर भाजपा की दूसरी बैठक, कांग्रेस में नहीं कोई हलचल - पंचायती राज चुनाव घोषणा

आने वाले पंचायती राज चुनाव में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ सकती है. ऐसा इसलिए, क्योंकि चुनाव की घोषणा के बाद कांग्रेस का जिला संगठन कहीं नहीं दिख रहा है. वहीं भाजपा की इस सिलसिले में रविवार को दूसरी बैठक हुई.

पंचायती चुनाव को लेकर भाजपा बैठक, BJP meeting Panchayati elections
भाजपा की दूसरी बैठक
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Published : Nov 1, 2020, 7:59 PM IST

चित्तौड़गढ़. पंचायती राज चुनाव की घोषणा के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. इस मामले को लेकर जिले में भाजपा ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है और शनिवार को इस सिलसिले में दूसरी बैठक हुई है. वहीं एक तरफ जहां जिला भाजपा संगठन चुनाव को लेकर सक्रिय है, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस का जिला संगठन कहीं नहीं दिख रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में जरूर दावेदारों ने सक्रियता दिखाई है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि नेतृत्वविहीन कांग्रेस पंचायती राज चुनाव को लेकर या तो गंभीर नहीं है या जिले के प्रमुख नेता अपनी ढपली-अपना राग अलापने में लगे है.

भाजपा की दूसरी बैठक

जानकारी के अनुसार पंचायती राज चुनाव की घोषणा के साथ ही जिले के 25 जिला परिषद सदस्यों और करीब 150 से अधिक पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव और पंचायत समितियों में प्रधान के साथ जिला परिषद किस दल की हो, इस पर दोनों ही प्रमुख दलों में से भाजपा अग्रणी दिखाई दे रही है. सात दिन पूर्व भी भारतीय जनता पार्टी के जिले के प्रमुख नेताओं ने गुलशन वाटिका में बैठक कर पंचायती राज चुनाव की तैयारियों पर समीक्षा की और विभिन्न स्तरों पर पर्यवेक्षकों की नियुक्ति, प्रत्याशियों की खोजबीन और इच्छुक उम्मीदवारों की टोह लेना शुरू कर दिया था.

पढ़ेंः जोधपुर ACB की बड़ी कार्रवाई, वनस्पति संरक्षण अधिकारी 27 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

बैठक में चित्तौड़गढ़ जिले के जनप्रीतिनिधियों के अलावा जिला पदाधिकारी तो थे ही साथ में संभाग प्रभारी और चित्तौड़गढ़ जिला प्रभारी और पूर्व मंत्री किरण माहेश्वरी भी मौजूद रही. वहीं रविवार को भी भाजपा जिला कार्यालय में बैठक हुई.

प्रत्याशियों के चयन के मुद्दे पर चर्चा...

रविवार को चुनाव के जिला प्रभारी दामोदर अग्रवाल ने पार्टी के आला अधिकारियों के साथ बैठक ली. प्रभारी ने सभी पदाधिकारियों के साथ प्रत्याशियों के चयन के मुद्दे पर विशेष चर्चा की. बैठक में अग्रवाल ने चुनाव के लिए प्रत्याशियों के मापदंड तय करने के लिए आवश्यक रूप से चर्चा की. भाजपा जिलाध्यक्ष गौतम तक ने बताया कि इस समन्वयक समिति की बैठक में पंचायत समिति और जिला परिषद प्रत्याशियों सदस्यों के लिए एक पैनल बनाने का सुझाव भी सामने आया है. जिसे मुख्यालय पर भेजा जाएगा और वहीं से प्रत्याशियों का चयन होगा.

उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश स्तर पर सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी अपनी अंदरूनी कलह से ही नहीं उभर पा रही है और उसे इसका खामियाजा आने वाले चुनाव में भुगतना ही पड़ेगा. बैठक में जिला प्रभारी दामोदर अग्रवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष गौतम दक, पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी कृपलानी, विधायक ललित ओस्तवाल, पूर्व विधायक सुरेश धाकड़, पूर्व जिलाध्यक्ष रतन गाडरी, भूमि विकास बैंक चेयरमैन कमलेश पुरोहित, नगर मंडल अध्यक्ष सागर सोनी, जिला उपाध्यक्ष रघु शर्मा, श्रवण सिंह राव सहित भाजपा के जिला भर से आए पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे.

पढ़ेंः कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने वल्लभ भाई पटेल और इंदिरा गांधी के चित्र पर अर्पित किए श्रद्धा सुमन

नेतृत्व के अभाव में नहीं हुई हरकत...

पिछले दिनों कांग्रेस के प्रदेश स्तर पर हुए सिरफुटव्वल के बाद जिले और ब्लॉक स्तर की सभी इकाईयों को भंग कर दिया था. कांग्रेस में जिला और ब्लॉक स्तर पर अधिकृत नेतृत्व नहीं होने के चलते पंचायती राज चुनाव को लेकर अभी तक कोई तैयारियां नहीं की है. जिले में पंचायत समिति व जिला परिषद चुनाव के साथ-साथ तीन नगर पालिकाओं में भी चुनाव होने है. इसके बावजूद कांग्रेस की सक्रियता नगण्य नजर आती है.

साथ ही जिले की पांच में से दो विधानसभाओं पर कांग्रेस के विधायक आसीन है, जबकि तीन विधानसभा क्षेत्रों में विधायक प्रत्याशियों के भरोसे कांग्रेस की नैय्या चल रही है. ना तो इन क्षेत्रों में ब्लॉक स्तर पर कांग्रेस का संगठन सक्रिय रूप से संचालित हो रहा है और ना ही जिला स्तर पर संगठन का कोई धणी-धोरी दिखाई दे रहा है. ऐसे में आने वाले चुनाव में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ सकती है.

चित्तौड़गढ़. पंचायती राज चुनाव की घोषणा के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. इस मामले को लेकर जिले में भाजपा ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है और शनिवार को इस सिलसिले में दूसरी बैठक हुई है. वहीं एक तरफ जहां जिला भाजपा संगठन चुनाव को लेकर सक्रिय है, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस का जिला संगठन कहीं नहीं दिख रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में जरूर दावेदारों ने सक्रियता दिखाई है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि नेतृत्वविहीन कांग्रेस पंचायती राज चुनाव को लेकर या तो गंभीर नहीं है या जिले के प्रमुख नेता अपनी ढपली-अपना राग अलापने में लगे है.

भाजपा की दूसरी बैठक

जानकारी के अनुसार पंचायती राज चुनाव की घोषणा के साथ ही जिले के 25 जिला परिषद सदस्यों और करीब 150 से अधिक पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव और पंचायत समितियों में प्रधान के साथ जिला परिषद किस दल की हो, इस पर दोनों ही प्रमुख दलों में से भाजपा अग्रणी दिखाई दे रही है. सात दिन पूर्व भी भारतीय जनता पार्टी के जिले के प्रमुख नेताओं ने गुलशन वाटिका में बैठक कर पंचायती राज चुनाव की तैयारियों पर समीक्षा की और विभिन्न स्तरों पर पर्यवेक्षकों की नियुक्ति, प्रत्याशियों की खोजबीन और इच्छुक उम्मीदवारों की टोह लेना शुरू कर दिया था.

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बैठक में चित्तौड़गढ़ जिले के जनप्रीतिनिधियों के अलावा जिला पदाधिकारी तो थे ही साथ में संभाग प्रभारी और चित्तौड़गढ़ जिला प्रभारी और पूर्व मंत्री किरण माहेश्वरी भी मौजूद रही. वहीं रविवार को भी भाजपा जिला कार्यालय में बैठक हुई.

प्रत्याशियों के चयन के मुद्दे पर चर्चा...

रविवार को चुनाव के जिला प्रभारी दामोदर अग्रवाल ने पार्टी के आला अधिकारियों के साथ बैठक ली. प्रभारी ने सभी पदाधिकारियों के साथ प्रत्याशियों के चयन के मुद्दे पर विशेष चर्चा की. बैठक में अग्रवाल ने चुनाव के लिए प्रत्याशियों के मापदंड तय करने के लिए आवश्यक रूप से चर्चा की. भाजपा जिलाध्यक्ष गौतम तक ने बताया कि इस समन्वयक समिति की बैठक में पंचायत समिति और जिला परिषद प्रत्याशियों सदस्यों के लिए एक पैनल बनाने का सुझाव भी सामने आया है. जिसे मुख्यालय पर भेजा जाएगा और वहीं से प्रत्याशियों का चयन होगा.

उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश स्तर पर सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी अपनी अंदरूनी कलह से ही नहीं उभर पा रही है और उसे इसका खामियाजा आने वाले चुनाव में भुगतना ही पड़ेगा. बैठक में जिला प्रभारी दामोदर अग्रवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष गौतम दक, पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी कृपलानी, विधायक ललित ओस्तवाल, पूर्व विधायक सुरेश धाकड़, पूर्व जिलाध्यक्ष रतन गाडरी, भूमि विकास बैंक चेयरमैन कमलेश पुरोहित, नगर मंडल अध्यक्ष सागर सोनी, जिला उपाध्यक्ष रघु शर्मा, श्रवण सिंह राव सहित भाजपा के जिला भर से आए पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे.

पढ़ेंः कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने वल्लभ भाई पटेल और इंदिरा गांधी के चित्र पर अर्पित किए श्रद्धा सुमन

नेतृत्व के अभाव में नहीं हुई हरकत...

पिछले दिनों कांग्रेस के प्रदेश स्तर पर हुए सिरफुटव्वल के बाद जिले और ब्लॉक स्तर की सभी इकाईयों को भंग कर दिया था. कांग्रेस में जिला और ब्लॉक स्तर पर अधिकृत नेतृत्व नहीं होने के चलते पंचायती राज चुनाव को लेकर अभी तक कोई तैयारियां नहीं की है. जिले में पंचायत समिति व जिला परिषद चुनाव के साथ-साथ तीन नगर पालिकाओं में भी चुनाव होने है. इसके बावजूद कांग्रेस की सक्रियता नगण्य नजर आती है.

साथ ही जिले की पांच में से दो विधानसभाओं पर कांग्रेस के विधायक आसीन है, जबकि तीन विधानसभा क्षेत्रों में विधायक प्रत्याशियों के भरोसे कांग्रेस की नैय्या चल रही है. ना तो इन क्षेत्रों में ब्लॉक स्तर पर कांग्रेस का संगठन सक्रिय रूप से संचालित हो रहा है और ना ही जिला स्तर पर संगठन का कोई धणी-धोरी दिखाई दे रहा है. ऐसे में आने वाले चुनाव में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ सकती है.

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