चित्तौड़गढ़. जिला मुख्यालय के एक निजी चिकित्सालय में चिकित्सक और वहां कार्यरत एक नर्सिंगकर्मी के बीच हाथापाई हो गई. मामला शहर कोतवाली तक जा पहुंचा. यहां पर भी इनके तेवर कम नहीं पड़े और पुलिस की लाख समझाइश के बाद भी चिकित्सक नहीं माना तो पुलिस ने चिकित्सक और नर्सिंगकर्मी दोनों को उनकी रिपोर्ट के आधार पर शांति भंग करने के आरोप में अंदर बैठा दिया. मंगलवार शाम उपखंड अधिकारी के समक्ष दोनों को पेश किया गया, जहां से उन्हें पाबंद कर जमानत पर छोड़ा गया.
जानकारी के मुताबिक, जिला मुख्यालय के महाराणा प्रताप सेतु मार्ग पर संचालित हो रहे एक निजी चिकित्सालय पर्ल के चिकित्सक डॉक्टर अंकित मेहता और यहां कार्यरत नर्सिंगकर्मी अभिषेक शर्मा के बीच किसी बात को लेकर हाथापाई हो गई. दोनों ने ही वहां पर अपशब्दों का प्रयोग करते हुए एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए और इसके बाद मामला शहर कोतवाली तक जा पहुंचा.
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यहां पर दोनों पक्षों को बैठाकर पुलिस की ओर से एएसआई नवलराम ने समझाइश करने का प्रयास भी किया. लेकिन चिकित्सक अंकित मेहता ने अपने तेवरों को कम नहीं किया और अपशब्द का प्रयोग निरंतर उनकी तरफ से जारी रहा. इस पर पुलिस ने दोनों पक्षों की ओर से दी गई रिपोर्ट के आधार पर दोनों को शांति भंग करने के आरोप में अंदर बैठा दिया और देर शाम को दोनों को उपखंड अधिकारी श्यामसुंदर बिश्नोई के समक्ष पेश किया गया. यहां से उनको पाबंद करते हुए जमानत पर छोड़ा गया.