चित्तौड़गढ़. राजस्थान सरपंच संघ के तत्वावधान में गुरुवार को चित्तौड़गढ़ के सरपंचों ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. ग्राम पंचायतों को राज्य वित्त आयोग की राशि हस्तांतरित करने के साथ ही राजस्थान सरपंच संघ के मांग पत्र पर सकारात्मक आदेश करवाने की मांग की गई.
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जानकारी के अनुसार राजस्थान सरपंच संघ जयपुर के तत्वावधान में चित्तौड़गढ़ के सरपंच संघ ने गुरुवार को जिला कलेक्ट्री पहुंच कर जिला कलक्टर को अपनी मांगों के समर्थन में मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा है. इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार के वर्तमान कार्यकाल में विगत 2 सालों से कुछ प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की ओर से पंचायती राज के प्रशासनिक और वित्तीय हितों पर लगातार कुठाराघात किया जा रहा है. इसके चलते पंचायती राज संस्थाओं की वित्तीय हालत बहुत ज्यादा नाजुक हो गई है.
पिछले 2 सालों में केंद्रीय वित्त आयोग की राशि के अतिरिक्त राज्य वित्त आयोग का एक रुपया भी ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित नहीं किया गया है. यहां तक की राज्य वित्त आयोग की पंचम सिफारिशों के अनुसार साल 2019- 20 में 2964.31 करोड़ रुपयों में से एक रुपया भी ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित नहीं किया गया. ज्ञापन में कहा गया है कि पूरे राज्य में 11, 344 ग्राम पंचायते है. इसका बजट अभी तक उन्हें उपलब्ध नहीं कराया गया है. ऐसे में सभी गांवों में विकास के सभी कार्य ठप्प पड़े हैं.
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वहीं, ज्ञापन में सभी सरपंच प्रतिनिधियों ने कहा है कि सरपंचों का वेतन 4000 से बढ़ा कर 15000 किया जाए. सरपंच संघ की ओर से मुख्यमंत्री को आधार के आगे पंचायती राज संस्थाओं को पंचम वित्त आयोग की साल 2019-20 की राशि 2964.31 करोड़ रुपए आगामी 7 दिवस में ग्राम पंचायतों के खाते में हस्तांतरित करवाने की मांग की. साथ ही कहा कि छठे वेतन आयोग का गठन नहीं होने तक राज्य सरकार के आगामी बजट में ग्राम पंचायतों के आधारभूत विकास के लिए 5000 करोड की विशेष पैकेज की घोषणा नहीं की जाती है तो राजस्थान सरपंच संघ को बड़ा आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा. इसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी.