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चुनावों में रायशुमारी का केंद्र बनी सांवलिया सेठ की नगरी, राशमी प्रधान के नाम पर लगी मोहर

चित्तौड़गढ़ में सांवलिया सेठ की नगरी मंडफिया रायशुमारी का केंद्र बन गई है. चित्तौड़गढ़ जिले के पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव में पंचायत समिति राशमी के प्रधान के नाम और मोहर सांवलिया सेठ की नगरी में ही लगा है. भाजपा के विजयी हुए सदस्यों और पार्टी पदाधिकारियों ने भगवान सांवलिया सेठ के दर्शन कर नाम तय किए और मतदान के लिए रवाना हुए.

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चुनावों में रायशुमारी का केंद्र बनी सांवलिया सेठ की नगरी
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Published : Dec 10, 2020, 6:55 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिले सहित आस-पास के इलाकों और प्रदेश में भी कई स्थानों पर पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव हों या नगर निकाय चुनाव, सांवलिया सेठ की नगरी रायशुमारी का केंद्र बन कर उभरी है. प्रत्येक चुनाव में यहां प्रधान या निकाय प्रमुख को लेकर बैठक होती है. चित्तौड़गढ़ का मंडफिया कस्बा बाड़ाबंदी का भी प्रमुख केंद्र बना है.

चुनावों में रायशुमारी का केंद्र बनी सांवलिया सेठ की नगरी

इस बार भी चित्तौड़गढ़ जिले के पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव में राशमी प्रधान के नाम और मोहर सांवलिया सेठ की नगरी में ही लगी है. भाजपा के विजयी हुए सदस्यों और पार्टी पदाधिकारियों ने भगवान सांवलिया सेठ के दर्शन कर नाम तय किया और मतदान के लिए रवाना हुए.

जानकारी के अनुसार भगवान सांवलिया सेठ की नगरी मंडफिया कस्बा प्रदेश ही नहीं पूरे देश में प्रमुख धार्मिकस्थल के रूप में उभरा है. यह धार्मिक स्थान श्रद्धालुओं की आस्था का तो केंद्र है ही, हर माह निकलने वाला करोड़ों का चढ़ावा भी सभी का ध्यान अपनी ओर खींचता है. ऐसे में ये टेंपल टाउन के रूप में अपनी पहचान बना रहा है.

वहीं, श्रद्धालुओं की सुविधाओं को लेकर सांवलियाजी में कई निजी धर्मशालाएं, गेस्ट हाउस और होटलें बनकर तैयार हैं, जहां वीआईपी सुविधाएं उपलब्ध हैं. ऐसे में कुछ साल से मंडफिया कस्बे में श्रद्धालुओं का ठहराव बढ़ा है. वहीं, चुनाव को लेकर भी यहां बाड़ाबंदी की जाती रही है.

बाड़ाबंदी के दौरान जिला प्रमुख, पंचायत समिति प्रधान या नगर निकाय में अध्यक्ष का चयन हो कई बार सांवलिया सेठ की नगरी में नाम पर मुहर लगती आई है. इस बार भी चित्तौड़गढ़ जिले की राशमी पंचायत समिति के सदस्यों की आखिरी बाराबंदी मंडफिया कस्बे में हुई थी. यहां सभी भाजपा समर्थित सदस्यों को एक होटल में रुकवाया गया था. यहीं कपासन विधायक के निर्देश पर राशमी और पहुना मंडल के पदाधिकारियों ने बैठक में राशमी प्रधान के लिए नाम तय किया.

पढ़ें- चित्तौड़गढ़: पर्चा निकला और किस्मत बदल गई, बीजेपी की देवेंद्र कंवर बनीं प्रधान

यहां भगवान सांवलिया सेठ के जयकारे लगाते हुए सभी सदस्य और पदाधिकारी राशमी मतदान के लिए रवाना हुए. मंडफिया कस्बे से राशमी मुख्यालय करीब 60 किलोमीटर दूर पड़ता है. ऐसे में करीब डेढ़ घंटे की अवधि में यह सभी सदस्य वहां पहुंचकर मतदान करेंगे. राशमी में प्रधान बनाने को लेकर रायशुमारी के दौरान राशमी मंडल महामंत्री और चुनाव संयोजक राकेश नुवाल के अलावा पहुना और राशमी मंडल के अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी तथा कपासन विधायक अर्जुनलाल जीनगर के भाई लक्ष्मीलाल जीनगर, कुदरत हुसैन आदि मौजूद रहे.

यहां हुई बैठक में राशमी पंचायत समिति के वार्ड संख्या 1 से विजयी रहे दिनेश बुनकर के नाम पर राशमी में प्रधान के लिए सहमति बनी. गौरतलब है कि राशमी पंचायत समिति में भाजपा के 9 और कांग्रेस के 6 सदस्य विजयी रहे हैं. ऐसे में यहां भाजपा का बोर्ड बनना तय है.

चित्तौड़गढ़. जिले सहित आस-पास के इलाकों और प्रदेश में भी कई स्थानों पर पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव हों या नगर निकाय चुनाव, सांवलिया सेठ की नगरी रायशुमारी का केंद्र बन कर उभरी है. प्रत्येक चुनाव में यहां प्रधान या निकाय प्रमुख को लेकर बैठक होती है. चित्तौड़गढ़ का मंडफिया कस्बा बाड़ाबंदी का भी प्रमुख केंद्र बना है.

चुनावों में रायशुमारी का केंद्र बनी सांवलिया सेठ की नगरी

इस बार भी चित्तौड़गढ़ जिले के पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव में राशमी प्रधान के नाम और मोहर सांवलिया सेठ की नगरी में ही लगी है. भाजपा के विजयी हुए सदस्यों और पार्टी पदाधिकारियों ने भगवान सांवलिया सेठ के दर्शन कर नाम तय किया और मतदान के लिए रवाना हुए.

जानकारी के अनुसार भगवान सांवलिया सेठ की नगरी मंडफिया कस्बा प्रदेश ही नहीं पूरे देश में प्रमुख धार्मिकस्थल के रूप में उभरा है. यह धार्मिक स्थान श्रद्धालुओं की आस्था का तो केंद्र है ही, हर माह निकलने वाला करोड़ों का चढ़ावा भी सभी का ध्यान अपनी ओर खींचता है. ऐसे में ये टेंपल टाउन के रूप में अपनी पहचान बना रहा है.

वहीं, श्रद्धालुओं की सुविधाओं को लेकर सांवलियाजी में कई निजी धर्मशालाएं, गेस्ट हाउस और होटलें बनकर तैयार हैं, जहां वीआईपी सुविधाएं उपलब्ध हैं. ऐसे में कुछ साल से मंडफिया कस्बे में श्रद्धालुओं का ठहराव बढ़ा है. वहीं, चुनाव को लेकर भी यहां बाड़ाबंदी की जाती रही है.

बाड़ाबंदी के दौरान जिला प्रमुख, पंचायत समिति प्रधान या नगर निकाय में अध्यक्ष का चयन हो कई बार सांवलिया सेठ की नगरी में नाम पर मुहर लगती आई है. इस बार भी चित्तौड़गढ़ जिले की राशमी पंचायत समिति के सदस्यों की आखिरी बाराबंदी मंडफिया कस्बे में हुई थी. यहां सभी भाजपा समर्थित सदस्यों को एक होटल में रुकवाया गया था. यहीं कपासन विधायक के निर्देश पर राशमी और पहुना मंडल के पदाधिकारियों ने बैठक में राशमी प्रधान के लिए नाम तय किया.

पढ़ें- चित्तौड़गढ़: पर्चा निकला और किस्मत बदल गई, बीजेपी की देवेंद्र कंवर बनीं प्रधान

यहां भगवान सांवलिया सेठ के जयकारे लगाते हुए सभी सदस्य और पदाधिकारी राशमी मतदान के लिए रवाना हुए. मंडफिया कस्बे से राशमी मुख्यालय करीब 60 किलोमीटर दूर पड़ता है. ऐसे में करीब डेढ़ घंटे की अवधि में यह सभी सदस्य वहां पहुंचकर मतदान करेंगे. राशमी में प्रधान बनाने को लेकर रायशुमारी के दौरान राशमी मंडल महामंत्री और चुनाव संयोजक राकेश नुवाल के अलावा पहुना और राशमी मंडल के अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी तथा कपासन विधायक अर्जुनलाल जीनगर के भाई लक्ष्मीलाल जीनगर, कुदरत हुसैन आदि मौजूद रहे.

यहां हुई बैठक में राशमी पंचायत समिति के वार्ड संख्या 1 से विजयी रहे दिनेश बुनकर के नाम पर राशमी में प्रधान के लिए सहमति बनी. गौरतलब है कि राशमी पंचायत समिति में भाजपा के 9 और कांग्रेस के 6 सदस्य विजयी रहे हैं. ऐसे में यहां भाजपा का बोर्ड बनना तय है.

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