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चित्तौड़गढ़: क्वालिटी भी किनारे, मजदूरों और किसानों के भरोसे समर्थन मूल्य के गेहूं की तुलाई

चित्तौड़गढ़ में रबी फसलों की उपज की समर्थन मूल्य पर खरीदारी की जा रही है. हालांकि इसके लिए अलग-अलग एजेंसी काम कर रही है, लेकिन मौके पर एजेंसी की ओर से किस प्रकार काम किया जा रहा है. जिसको गंगरार स्थित खरीद केंद्र से देखी जा सकती है. जहां न केवल क्वालिटी चेक की जा रही है. बल्कि मजदूर और किसान ही गेहूं की तुलाई करते देखे जा सकते हैं.

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किसानों के भरोसे समर्थन मूल्य के गेहूं की तुलाई
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Published : Apr 24, 2021, 4:12 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिले में 33 स्थानों पर रबी फसलों की उपज की समर्थन मूल्य पर खरीदारी की जा रही है. हालांकि इसके लिए अलग-अलग एजेंसी काम कर रही है, लेकिन मौके पर एजेंसी की ओर से किस प्रकार काम किया जा रहा है. इसकी बानगी गंगरार स्थित खरीद केंद्र से देखी जा सकती है. जहां न केवल क्वालिटी चेक की जा रही है. बल्कि मजदूर और किसान ही गेहूं की तुलाई करते देखे जा सकते हैं.

किसानों के भरोसे समर्थन मूल्य के गेहूं की तुलाई

जबकि नियमानुसार एजेंसी के कार्मिकों की मॉनिटरिंग में खरीददारी किए जाने का प्रावधान है. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ज्ञान मल खटीक की ओर से किए गए आकस्मिक निरीक्षण के दौरान खरीद केंद्र का यह सच उभर कर सामने आया. मौके पर खरीद एजेंसी भारतीय खाद्य निगम के कोई भी कर्मचारी नहीं मिले. खरीद से पहले क्वालिटी चेकअप का भी प्रावधान है.

पढ़ें: चित्तौड़गढ़ : 5 घंटे चला शिविर, मात्र 10 लोगों ने करवाया वैक्सिनेशन

परंतु इस केंद्र पर इसकी कोई पालना नहीं की जा रही थी और गेहूं की सीधे ही तुलाई की जा रही थी. वहीं, सीईओ उस समय और भी चौक पड़े जब मौके पर गेहूं की तुलाई मजदूरों और किसानों के भरोसे होते देखी. यहां तक की गेहूं के तुले हुए 15 सौ कट्टे खुले में ही पड़े मिले. जबकि पिछले कुछ दिनों से मौसम खराब चल रहा है और हल्की बूंदाबांदी के भी आसार जताए जा रहे हैं.

ऐसे में गेहूं के खराब होने की भी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. सीईओ ने बताया कि वाकई केंद्र पर कई प्रकार की और अव्यवस्थाएं पाई गई है. व्यवस्था में सुधार के लिए जिला कलेक्टर को रिपोर्ट भेजी गई है.

चित्तौड़गढ़. जिले में 33 स्थानों पर रबी फसलों की उपज की समर्थन मूल्य पर खरीदारी की जा रही है. हालांकि इसके लिए अलग-अलग एजेंसी काम कर रही है, लेकिन मौके पर एजेंसी की ओर से किस प्रकार काम किया जा रहा है. इसकी बानगी गंगरार स्थित खरीद केंद्र से देखी जा सकती है. जहां न केवल क्वालिटी चेक की जा रही है. बल्कि मजदूर और किसान ही गेहूं की तुलाई करते देखे जा सकते हैं.

किसानों के भरोसे समर्थन मूल्य के गेहूं की तुलाई

जबकि नियमानुसार एजेंसी के कार्मिकों की मॉनिटरिंग में खरीददारी किए जाने का प्रावधान है. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ज्ञान मल खटीक की ओर से किए गए आकस्मिक निरीक्षण के दौरान खरीद केंद्र का यह सच उभर कर सामने आया. मौके पर खरीद एजेंसी भारतीय खाद्य निगम के कोई भी कर्मचारी नहीं मिले. खरीद से पहले क्वालिटी चेकअप का भी प्रावधान है.

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परंतु इस केंद्र पर इसकी कोई पालना नहीं की जा रही थी और गेहूं की सीधे ही तुलाई की जा रही थी. वहीं, सीईओ उस समय और भी चौक पड़े जब मौके पर गेहूं की तुलाई मजदूरों और किसानों के भरोसे होते देखी. यहां तक की गेहूं के तुले हुए 15 सौ कट्टे खुले में ही पड़े मिले. जबकि पिछले कुछ दिनों से मौसम खराब चल रहा है और हल्की बूंदाबांदी के भी आसार जताए जा रहे हैं.

ऐसे में गेहूं के खराब होने की भी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. सीईओ ने बताया कि वाकई केंद्र पर कई प्रकार की और अव्यवस्थाएं पाई गई है. व्यवस्था में सुधार के लिए जिला कलेक्टर को रिपोर्ट भेजी गई है.

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