चित्तौड़गढ़. जिले में बुधवार को निजी बस ऑपरेटर्स ने कपासन मार्ग स्थित प्रादेशिक परिवहन कार्यालय के बाहर विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान निजी बस ऑपरेटर्स ने अपनी मांगों को लेकर प्रादेशिक परिवहन अधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा. वहीं, इस बीच परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आश्वासन के बाद धरना प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया. हालांकि, बस संचालकों ने चेतावनी दी है कि 3 दिन में समस्या का समाधान नहीं हुआ फिर से सभी बस ऑपरेटर एकजुट होकर धरना प्रदर्शन शुरू करेंगे.
चित्तौड़गढ़ प्राइवेट बस एसोसिएशन के सचिव इरशाद मोहम्मद ने बताया कि राजस्थान के समस्त जिलों में आरसी सरेंडर कर 6 माह का वाहन कर माफ करने, लॉकडाउन की अवधि के बीमा प्रीमियम माफ करने और 6 माह के वाहन बैंक ऋण की किश्तों का ब्याज माफ करने सहित अन्य मांगों को लेकर जिले के समस्त निजी बस ऑपरेटर्स ने चित्तौड़गढ़ प्राइवेट बस एसोसिएशन के बैनर तले धरना दिया. इस दौरान जिले के समस्त निजी बस ऑपरेटर प्रादेशिक परिवहन कार्यालय पहुंचे.
इरशाद मोहम्मद ने कहा कि धरने के दौरान प्रादेशिक परिवहन कार्यालय के बाहर करीब 70 से अधिक बसें पहुंची. बसों में स्टाफ मौजूद था. दोपहर को राजस्थान निजी बस ऑपरेटर्स के प्रदेशाध्यक्ष अनिल जैन, महामंत्री सत्यनारायण साहू और राज्य परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास के बीच वार्तालाप हुई. इसके बाद परिवहन मंत्री ने इस समस्या का 3 दिन में समाधान करने का आश्वासन दिया. इस आश्वासन के बाद शाम 5 बजे चित्तौड़गढ़ प्राइवेट बस एसोसिएशन के बैनर तले धरना समाप्त किया गया. इरशाद मोहम्मद ने बताया कि इससे पहले सभी निजी बस ऑपरेटर्स ने प्रादेशिक परिवहन अधिकारी जगदीश प्रसाद बैरवा को मांगों का ज्ञापन सौंपा. इस पर प्रादेशिक परिवहन अधिकारी ने उच्च स्तर पर बात करने का आश्वासन भी दिया.
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इस दौरान निजी बस ऑपरेटर्स ने कहा कि जहां लॉकडाउन की अवधि में सरकार ने मजदूरों को राहत दी है. वहीं, निजी बसों के कर्मचारियों के लिए भी सोचना चाहिए, जो कि बेरोजगार हो जाएंगे. ऐसा इसलिए, क्योंकि कई निजी बस संचालक लॉकडाउन के दौरान बिगड़ी आर्थिक स्थिति के चलते इन बसों को चलाने में सक्षम नहीं हैं.
निजी बस ऑपरेटर्स ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में कोई भी बस सड़क पर नहीं आई और आय का स्त्रोत खत्म हो गया. ऐसे में बस संचालक टैक्स कैसे जुटा पाएंगे और परिवहन विभाग को कैसे देंगे. वहीं, लगातार बीमा प्रीमियम भरने में भी सक्षम नहीं है. साथ ही कहा कि बैंकों से ऋण लेकर ये बसें निजी बस संचालक चलाते हैं. अधिक ब्याज दर होने के कारण इनकी किस्त 40 हजार रुपये से लेकर 70 हजार रुपये प्रति माह होती हैं. किस्त 3 माह तक तो चुका दिया गया. लेकिन, अब ट्रैफिक और पीक सीजन खत्म होने के बाद आय नहीं हो पाएगी. इसके लिए समस्त निजी बस ऑपरेटर बसों की आरसी सरेंडर करना चाह रहे थे. लेकिन, परिवहन विभाग की हठधर्मिता के बाद आरसी सरेंडर नहीं की गई.
धरना प्रदर्शन में चित्तौड़गढ़ प्राइवेट बस एसोसिएशन के अध्यक्ष राधेश्याम हेड़ा, उपाध्यक्ष ओमप्रकाश डूंगरवाल, अर्जुनलाल जैन, सचिव इरशाद मोहम्मद शेख, कोषाध्यक्ष गोविंद प्रकाश गांधी, रामलाल चारण आदि मौजूद थे. प्रदर्शन के दौरान सभी ने मास्क लगाया और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की.