ETV Bharat / state

निजी बसों में कोरोना को लेकर नहीं दिखे कोई भी इंतजाम, यात्री भगवान भरोसे - Sanitation is not done in buses

चित्तौड़गढ़ में अनलॉक-1.0 के शुरू होते ही लोगों की सुविधा को लेकर सरकार द्वारा बस सेवा शुरू की गई है. ऐसे में बस सेवा के शुरू होते ही निजी बस एसोसिएशन ने कोरोना को देखते हुए बड़े-बड़े दावे किए, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही देखने को मिल रही है.

निजी बसों में स्क्रीनिंग की व्यवस्था नहीं, No screening in private buses
रोडवेज में यात्रियों की हो रही थर्मल स्कैनिंग
author img

By

Published : Jun 19, 2020, 7:18 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिले में लोगों की जरूरत को देखते हुए रोडवेज द्वारा बस सेवा शुरू की गई थी और उनके द्वारा संक्रमण मुक्त बस सेवा का दावा भी किया जा रहा है. इसके लिए जहां बसों को सैनिटाइज किया जा रहा है. वहीं बस में सवार होने से पहले सवारी की स्क्रीनिंग भी हो रही हैं.

ऐसे में अब हड़ताल समाप्त होने के बाद शुरू हुई निजी बसें तीन दिन में ही बेपटरी हो गई है. जहां निजी बसों में सवारियां नहीं हैं, तो वहीं सुरक्षा को लेकर भी गंभीरता देखने को नहीं मिली है. बसों के सैनिटाइज करने की कोई व्यवस्था नहीं हैं.

रोडवेज में यात्रियों की हो रही थर्मल स्क्रीनिंग

पढ़ें- प्रदेश में 52 नए कोरोना केस, अब तक 331 मरीजों की मौत, कुल पॉजिटिव आंकड़ा पहुंचा 13,909 पर

जानकारी के अनुसार अनलॉक 1.0 में लोगों की आवाजाही शुरू हो गई है. इसके लिए राज्य सरकार के निर्देश पर रोडवेज की बसें शुरू कर दी गई है. बड़ी संख्या में यात्री भी अपने घरों को जाने के लिए बस स्टैंड पर पहुंच रहे हैं. सरकार के नियमों के आधार पर कोरोना से बचने के सभी उपाय करने के बाद ही बसों में यात्रा कर पा रहे हैं.

ऐसे में रोडवेज बसों में जो यात्री यात्रा कर रहे हैं, उन्हें थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद ही अंदर जाने दिया जा रहा है. मास्क और ग्लव्स लगाने की भी हिदायत दी जा रही है. बस ड्राइवर और परिचालक को भी मास्क, सैनिटाइजर और ग्लव्स लगाना अनिवार्य किया गया है. साथ ही सभी बसों को कई बार सैनिटाइज भी किया जा रहा है.

रोडवेज बस के चलने से पहले हर यात्री को अपना हाथ सैनिटाइज करना होगा. यहां तक की परिचालक भी सवारी बिठाने से पहले उनकी स्क्रीनिंग कर हाथ सैनिटाइज करवा रहे हैं. ऐसे में इसके विपरीत प्राइवेट बसों की व्यवस्था बेपटरी हो गई है. वैसे तो अभी नाम मात्र की बसें ही शुरू हो पाई है, लेकिन दावों के उलट बसों में संक्रमण से बचाव के कोई इंतजाम नहीं हैं.

बिना सैनिटाइजेशन और थर्मल स्क्रीनिंग के ही लोग बसों से यात्रा कर रहे हैं. संचालन से पहले सरकार द्वारा कुछ नियम जारी किए गए थे. इसके तहत बस अड्डों और बसों के अंदर संक्रमण से बचाव के लिए कई व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए गए थे. निजी बस संचालकों का दावा है कि उनके द्वारा बसों को सैनिटाइज किया जा रहा है. लेकिन अभी तक किसी भी बस को सैनिटाइज करते हुए नहीं देखा गया है.

पढ़ें- राज्यसभा चुनाव जीतकर राहुल गांधी को देंगे जन्मदिन का तोहफाः कांग्रेस विधायक

यहां तक प्राइवेट बस स्टैंड पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. अधिकांश बसों में स्क्रीनिंग के लिए मशीन भी नहीं है. ऐसे में निजी बस एसोसिएशन के दावे हवा हो रहे हैं. संक्रमण से बचाव के लिए निजी बसों की पूरी व्यवस्था चरमरा गई है. आलम ये है कि बसों में बीच रास्ते से चढ़ने वाली सवारियों की स्क्रीनिंग की भी कोई व्यवस्था नहीं है.

चित्तौड़गढ़. जिले में लोगों की जरूरत को देखते हुए रोडवेज द्वारा बस सेवा शुरू की गई थी और उनके द्वारा संक्रमण मुक्त बस सेवा का दावा भी किया जा रहा है. इसके लिए जहां बसों को सैनिटाइज किया जा रहा है. वहीं बस में सवार होने से पहले सवारी की स्क्रीनिंग भी हो रही हैं.

ऐसे में अब हड़ताल समाप्त होने के बाद शुरू हुई निजी बसें तीन दिन में ही बेपटरी हो गई है. जहां निजी बसों में सवारियां नहीं हैं, तो वहीं सुरक्षा को लेकर भी गंभीरता देखने को नहीं मिली है. बसों के सैनिटाइज करने की कोई व्यवस्था नहीं हैं.

रोडवेज में यात्रियों की हो रही थर्मल स्क्रीनिंग

पढ़ें- प्रदेश में 52 नए कोरोना केस, अब तक 331 मरीजों की मौत, कुल पॉजिटिव आंकड़ा पहुंचा 13,909 पर

जानकारी के अनुसार अनलॉक 1.0 में लोगों की आवाजाही शुरू हो गई है. इसके लिए राज्य सरकार के निर्देश पर रोडवेज की बसें शुरू कर दी गई है. बड़ी संख्या में यात्री भी अपने घरों को जाने के लिए बस स्टैंड पर पहुंच रहे हैं. सरकार के नियमों के आधार पर कोरोना से बचने के सभी उपाय करने के बाद ही बसों में यात्रा कर पा रहे हैं.

ऐसे में रोडवेज बसों में जो यात्री यात्रा कर रहे हैं, उन्हें थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद ही अंदर जाने दिया जा रहा है. मास्क और ग्लव्स लगाने की भी हिदायत दी जा रही है. बस ड्राइवर और परिचालक को भी मास्क, सैनिटाइजर और ग्लव्स लगाना अनिवार्य किया गया है. साथ ही सभी बसों को कई बार सैनिटाइज भी किया जा रहा है.

रोडवेज बस के चलने से पहले हर यात्री को अपना हाथ सैनिटाइज करना होगा. यहां तक की परिचालक भी सवारी बिठाने से पहले उनकी स्क्रीनिंग कर हाथ सैनिटाइज करवा रहे हैं. ऐसे में इसके विपरीत प्राइवेट बसों की व्यवस्था बेपटरी हो गई है. वैसे तो अभी नाम मात्र की बसें ही शुरू हो पाई है, लेकिन दावों के उलट बसों में संक्रमण से बचाव के कोई इंतजाम नहीं हैं.

बिना सैनिटाइजेशन और थर्मल स्क्रीनिंग के ही लोग बसों से यात्रा कर रहे हैं. संचालन से पहले सरकार द्वारा कुछ नियम जारी किए गए थे. इसके तहत बस अड्डों और बसों के अंदर संक्रमण से बचाव के लिए कई व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए गए थे. निजी बस संचालकों का दावा है कि उनके द्वारा बसों को सैनिटाइज किया जा रहा है. लेकिन अभी तक किसी भी बस को सैनिटाइज करते हुए नहीं देखा गया है.

पढ़ें- राज्यसभा चुनाव जीतकर राहुल गांधी को देंगे जन्मदिन का तोहफाः कांग्रेस विधायक

यहां तक प्राइवेट बस स्टैंड पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. अधिकांश बसों में स्क्रीनिंग के लिए मशीन भी नहीं है. ऐसे में निजी बस एसोसिएशन के दावे हवा हो रहे हैं. संक्रमण से बचाव के लिए निजी बसों की पूरी व्यवस्था चरमरा गई है. आलम ये है कि बसों में बीच रास्ते से चढ़ने वाली सवारियों की स्क्रीनिंग की भी कोई व्यवस्था नहीं है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.