चित्तौड़गढ़. देश में कोरोना संक्रमण के फैलने के बाद जेलों में बंद कैदियों की उनके परिजनों से समय-समय पर कराई जाने वाली मुलाकात बंद हो गई थी. सरकार के आदेश पर करीब 11 माह बाद बंदियों को उनके परिजनों से मिलवाया जा रहा है. जेल मुख्यालय के आदेश पर मंगलवार से ही इसकी शुरुवात हो गई है. चित्तौड़गढ़ जिला कारागृह में बन्दियों से मुलाकात करने के बाद उनके परिजनों के चेहरे पर भी प्रसन्नता देखी गई.
जानकारी के अनुसार देश भर में कोरोना संक्रमण के मामले कम होने और टीकाकरण आरंभ होने के बाद सरकार ने बन्दियों को राहत देते हुए नियमानुसार मुलाकात किए जाने की स्वीकृति प्रदान कर दी है. इसी आदेश के तहत 24 मार्च 2020 से बंद हुआ मुलाकातों का सिलसिला मंगलवार को फिर से आरंभ हो गया. मुलाकात के पहले दिन चित्तौड़गढ़ जेल में बंद 34 बंदियों के परिजनों ने उनसे मुलाकात की.
इस दौरान करीब 9 माह से बंदियों को वीडियो कॉलिंग के माध्यम से अपने परिजनों से बात कराई जा रही थी. सरकार ने मुलाकात के नए नियम लागू किए हैं, जिसमें विचाराधीन बंदियों को 15 दिन में एक बार अपने किसी एक परिजन से मुलाकात किए जाने की स्वीकृति होगी. पहले विचाराधीन बंदी 7 दिन में अपने परिजनों से मिल सकते थे. इसी तरह सजायाफ्ता बंदी अब एक माह में अपने किसी एक परिजन से मिल सकेंगे.
पहले सजायाफ्ता बंदी 15 दिन में तीन परिजनों से मिल सकते थे. इसके साथ ही सरकार ने मुलाकात के समय को 45 मिनट से कम कर 15 मिनट कर दिया है. बंदियों और परिजनों से मुलाकात के दौरान कोरोना गाइड लाइन की पूर्णतया पालना की जा रही है.