चित्तौड़गढ़. कोरोना के चलते पूरे प्रदेश में लॉकडाउन लगा हुआ है. ऐसे में चित्तौड़गढ़ जिले के छात्र भी कोटा सहित अन्य जिलों में फंसे छात्रों को लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. इस सम्बंध में जिला प्रशासन ने ऐसे छात्रों की सूचियां मांगी है. जिला कलेक्टर ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में इसकी जानकारी दी है.
जिला कलेक्टर चेतन देवड़ा ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए बताया कि कोटा के विभिन्न इंस्टिट्यूट में अध्ययनरत जिले के विद्यार्थियों के अभिभावकों से उनके बालक- बालिकाओं को लाने के लिए आवेदन मांगे गए थे. इसमें जिले भर से 189 आवेदन प्राप्त हुए हैं. सभी को लाने के लिए कोटा जिला प्रशासन से बात कर ली गई है और सभी बच्चों को लाने के लिए रोडवेज की बसें लगाई जा रही हैं. शनिवार देर शाम तक सभी बालक-बालिकाओं को जिले में लाया जाएगा.
उन्होंने बताया कि कुल 189 आवेदन मे से 87 रावतभाटा और 102 चित्तौड़गढ़ के हैं. यहां लाने के बाद सभी 102 छात्रों को गेस्ट हाउस में रखा जाएगा. यहां पर उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी और रिपोर्ट आने के बाद सभी को अपने-अपने अभिभावकों को सौंपा जाएगा.
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जिला कलेक्टर ने कहा कि कोरोना के संक्रमण को लेकर अभी तक 578 सैंपल लिए गए हैं और सभी सैंपल नेगेटिव पाए गए हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि अभी तक जिले भर में 14 लाख 20 हजार 918 लोगों का सर्वे किया गया है, जिसमें से 585 विदेशी और 14 लाख 20 हजार 333 जिले के लोग हैं. उन्होंने बताया की जिले भर में 41 हजार 542 लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया गया है.
वहीं, जिले में बाजारों के खोलने संबंधी मामले में कई व्यवसाय शामिल किए गए हैं. इसके चलते सभी चेक पोस्टों पर बाहर से आने और जाने वालों पर सख्ती की गई है और उनकी पूरी जानकारी रखी जा रही है. पत्रकार वार्ता में जिला पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव, अतिरिक्त जिला कलेक्टर मुकेश कुमार का लाल भी मौजूद रहे.