जयपुर. कोरोना पॉजिटिव चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा द्वारा अपने ही उपचार के दौरान आरयूएचएस अस्पताल का दौरा करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. भाजपा ने इस घटना की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री से रघु शर्मा के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई करने की मांग की है. साथ ही ये भी कहा है कि डॉ. रघु शर्मा को चिकित्सा मंत्री के पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है. भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री अलका सिंह गुर्जर ने इस मामले में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के साथ-साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी कटघरे में खड़ा किया.
राष्ट्रीय मंत्री अलका सिंह गुर्जर ने कहा कि मुख्यमंत्री तो कोरोना काल में खुद को अपने निवास पर क्वॉरेंटाइन किए हुए हैं और वहीं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तमाम बैठक करते हैं, लेकिन जिन चिकित्सा मंत्री पर प्रदेश में चिकित्सा इंतजाम दुरुस्त करवाने और महामारी को रोकने की जिम्मेदारी है, वो खुद अस्पताल में दौरा करके कोरोना का संक्रमण फैला रहे हैं. साथ ही अन्य लोगों की जिंदगी खतरे में डाल रहे हैं. अलका गुर्जर के अनुसार इस मामले में मुख्यमंत्री को आगे बढ़कर अपने मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए.
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व केबिनेट मंत्री रहे अरूण चतुर्वेदी ने इस मामले में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई करने की मांग भी की. चतुर्वेदी के अनुसार आरयूएचएस अस्पताल में अव्यवस्थाओं के कई वीडियो पिछले दिनों और लॉकडाउन के दौरान सामने आए, लेकिन उनपर कार्रवाई के बजाय मंत्री ने संज्ञान तक नहीं लिया और ना अस्पताल का कभी दौरा किया.
ऐसे में जब खुद कोरोना संक्रमित होकर इस अस्पताल में भर्ती हो गए, तब भी वहां अन्य चिकित्सकों को साथ में लेकर अस्पताल का ही दौरा कर रहे हैं, जो कि कोविड-19 की भी अवहेलना है. साथ ही उनके वजह से अस्पताल के स्टाफ और वहां मरीजों के साथ आए परिजनों के जीवन पर भी संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. चतुर्वेदी के अनुसार चिकित्सा मंत्री का यह दौरा केवल ढोंग और ढकोसला था, लेकिन इसमें भी कोरोना एडवाइजरी की धज्जियां उड़ाई गई है.
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गौरतलब है कि चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा हाल ही में कोरोना पॉजिटिव होने के बाद आरयूएचएस अस्पताल में भर्ती हुए थे. इस दौरान उन्होंने चिकित्सकों के साथ अस्पताल का दौरा भी कर डाला. जबकि वे खुद कोरोना पॉजिटिव थे. ऐसे में उनके इस दौरे को लेकर सवाल उठ रहे हैं और चुनावी सीजन में बीजेपी इस मुद्दे को हाथ से जाने नहीं देना चाहती है.
चिकित्सा मंत्री ने दिया गैरजिम्मेदारी का परिचय : कालीचरण सराफ
पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने कोरोना संक्रमित होते हुए आरयूएचएस अस्पताल का दौरा करने पर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के विरुद्ध कोरोना एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग की है. पूर्व मंत्री सराफ ने कहा कि सरकार के चिकित्सा मंत्री पर कोरोना महामारी से लड़ाई में राज्य की जनता को जागरूक करने और नियमों की पालना कराने की जिम्मेदारी है, लेकिन उन्होंने स्वंय खुलेआम कोरोना प्रोटोकाल तोड़कर बेहद गैरजिम्मेदाराना काम किया है.
पिछले आठ महीने से आरयूएचएस में कोरोना मरीजों के इलाज में बरती जा रही लापरवाही और प्रशासन की बदइंतजामियों की ओर सरकार का ध्यान कई बार आकर्षित किया गया, लेकिन चिकित्सा मंत्री जी ने आठ माह में कभी अस्पताल का दौरा नहीं किया ना ही कोई पुख्ता कदम उठाया. लेकिन आज आठ महीने में पहली बार व्यवस्थाओं को देखने का दिखावा करने के लिए अन्य लोंगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते हुए स्वयं संक्रमित होने के बावजूद लाव लश्कर के साथ पूरे अस्पताल में घूमना अत्यंत खेदजनक है, इससे जनता में गलत संदेश गया है.
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सराफ ने कहा कि चिकित्सा मंत्री संक्रमित होने पर अस्पताल में भर्ती हुए थे. ऐसे में कोरोना गाइडलाइन की पालना करना उनके लिए भी उतनी ही जरूरी है, जितनी अन्य आम मरीजों के लिए लेकिन, शायद वे स्वयं को कायदे कानून से ऊपर समझते हैं. कोरोना एक्ट का उल्लंघन करने पर 6 माह की कैद और 1 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन मंत्री जी के अनुसार यह आम आदमी पर लागू होता है, उन पर नहीं तभी तो अन्य लोंगों की जान जोखिम में डालकर अस्पताल में घूमने को बहानेबाजी करके सही ठहराने में लगे हैं.
पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ ने मांग करते हुए कहा कि स्वयं कोरोना संक्रमित अर्थात सुपर स्प्रैडर होते हुए अस्पताल का दौरा करके उन्होंने कोविड गाइडलाइन का सरेआम उल्लंघन किया है, यह एक बेहद गैरजिम्मेदाराना कदम होने के साथ ही अपराधिक कृत्य भी है. इसलिए उनके विरुद्ध महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई होनी चाहिए.