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चित्तौड़गढ़: पेट्रोल पंप पर फायरिंग का खुलासा, एयर गन के चैंबर को क्लियर करते समय गलती से दब गया था ट्रिगर

चित्तौड़गढ़ में एक पेट्रोल पंप पर फायरिंग की घटना का पुलिस ने खुलासा किया है. पुलिस का कहना है कि ये घटना कोई साजिश नहीं थी बल्कि गलती से एक व्यक्ति से एयरगन का ट्रिगर दब गया था.

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चित्तौड़गढ़ पेट्रोल पंप पर फायरिंग का खुलासा
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Published : Dec 27, 2020, 10:38 AM IST

चित्तौड़गढ़. कोटा मार्ग पर बस्सी के पास रिलायंस पेट्रोल पंप पर 24 दिसंबर की रात फायरिंग की घटना से सनसनी फैल गई थी. हालांकि, इस मामले में पुलिस तक कोई रिपोर्ट नहीं पहुंची लेकिन पुलिस ने अपने स्तर पर जब इस मामले को खंगाला तो कुछ और ही घटना उभर कर सामने आई.

25 दिसंबर को मीडिया कर्मी की सूचना पर बस्सी थाना प्रभारी ने मामले को जांच में लिया. पड़ताल के दौरान पंप कर्मचारियों ने पुलिस को बताया कि कोटा नंबर की एक कार रात करीब 8:30 बजे पंप पर पहुंची. जिसमें एक महिला और दो युवक बैठे थे. पंप से पेट्रोल भरवाने के बाद वे लोग रवाना हुए कि अचानक एक फायर की आवाज सुनी. थाना प्रभारी ने पंप के सीसीटीवी फुटेज निकाले. जिसमें कोटा नंबर की एक कार दिखाई दी. कार के नंबर के आधार पर पुलिस ने जांच की तो कार कोटा निवासी विजय प्रकाश मीणा के नाम से पंजीकृत पाई गई. शनिवार सुबह हेड कांस्टेबल महेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक टीम कोटा पहुंची.

यह भी पढ़ें. सुजानगढ़ में बदमाशों ने दो ट्रकों पर बोला धावा, 1 लाख रुपए से ज्यादा की लूट

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि बारां निवासी मनोज पुत्र बाबूलाल मीणा सरकारी शिक्षक है. मनोज छुट्टियां होने के कारण अपनी पत्नी और मित्र अरविंद के साथ अपने गांव जा रहे थे. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह ने बताया कि पंप पर तेल भर आने के बाद चलती गाड़ी में मनोज एयर गन के चेंबर में कोई राउंड है या नहीं इसको चेक करने के दौरान गलती से ट्रिगर दब गया.

पुलिस जांच के दौरान सामने आया कि उसका मंतव्य किसी को डराने धमकाने का नहीं था. मनोज ने 19 दिसंबर को ही माउंट आबू से 1200 रुपए में एयर गन खरीदा जिससे गांव में खेत से जानवरों को डरा धमकाकर भगाया जा सके.

चित्तौड़गढ़. कोटा मार्ग पर बस्सी के पास रिलायंस पेट्रोल पंप पर 24 दिसंबर की रात फायरिंग की घटना से सनसनी फैल गई थी. हालांकि, इस मामले में पुलिस तक कोई रिपोर्ट नहीं पहुंची लेकिन पुलिस ने अपने स्तर पर जब इस मामले को खंगाला तो कुछ और ही घटना उभर कर सामने आई.

25 दिसंबर को मीडिया कर्मी की सूचना पर बस्सी थाना प्रभारी ने मामले को जांच में लिया. पड़ताल के दौरान पंप कर्मचारियों ने पुलिस को बताया कि कोटा नंबर की एक कार रात करीब 8:30 बजे पंप पर पहुंची. जिसमें एक महिला और दो युवक बैठे थे. पंप से पेट्रोल भरवाने के बाद वे लोग रवाना हुए कि अचानक एक फायर की आवाज सुनी. थाना प्रभारी ने पंप के सीसीटीवी फुटेज निकाले. जिसमें कोटा नंबर की एक कार दिखाई दी. कार के नंबर के आधार पर पुलिस ने जांच की तो कार कोटा निवासी विजय प्रकाश मीणा के नाम से पंजीकृत पाई गई. शनिवार सुबह हेड कांस्टेबल महेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक टीम कोटा पहुंची.

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पुलिस पूछताछ में सामने आया कि बारां निवासी मनोज पुत्र बाबूलाल मीणा सरकारी शिक्षक है. मनोज छुट्टियां होने के कारण अपनी पत्नी और मित्र अरविंद के साथ अपने गांव जा रहे थे. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह ने बताया कि पंप पर तेल भर आने के बाद चलती गाड़ी में मनोज एयर गन के चेंबर में कोई राउंड है या नहीं इसको चेक करने के दौरान गलती से ट्रिगर दब गया.

पुलिस जांच के दौरान सामने आया कि उसका मंतव्य किसी को डराने धमकाने का नहीं था. मनोज ने 19 दिसंबर को ही माउंट आबू से 1200 रुपए में एयर गन खरीदा जिससे गांव में खेत से जानवरों को डरा धमकाकर भगाया जा सके.

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