चित्तौड़गढ़. जिले में एक बालिका के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 50 हजार रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया है.
अपर लोक अभियोजक शोभा लाल जाट ने बताया कि पॉक्सो कोर्ट संख्या 1 के पीठासीन अधिकारी ने मामले की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है. अपर लोक अभियोजक ने बताया कि 27 अक्टूबर 2021 को एक व्यक्ति ने बस्सी पुलिस थाने में रिपोर्ट दी कि वह अपने खेत पर फसल की रखवाली के लिए गया था. उसकी पत्नी तथा पुत्र के साथ 14 वर्षीय पुत्री घर पर ही थी, लेकिन रात 8 बजे अचानक उसकी पुत्री घर से गायब हो गई. उसने अपनी पुत्री के गायब होने पर बस्सी निवासी मोहनलाल पुत्र मदनलाल भील पर शंका जताते हुए रिपोर्ट दर्ज करवाई.
पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर काफी तलाश के बाद बालिका को दस्तयाब करते हुए आरोपी मोहनलाल को गिरफ्तार कर लिया. बालिका ने पूछताछ में उदयपुर के एक होटल में मोहनलाल द्वारा दुष्कर्म करने की बात कही. इस पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत जांच करते हुए चालान न्यायालय में पेश किया. उन्होंने बताया कि पीठासीन अधिकारी ने दोनों ही पक्षों की सुनवाई के बाद बुधवार को आरोपी मोहनलाल को दोषी माना. साथ ही उसे 20 साल कठोर कारावास और 50 हजार रुपए के आर्थिक दंड से दंडित किया है. अपर लोक अभियोजक ने बताया कि अभियुक्त मोहनलाल को धारा 363 के तहत 5 वर्ष कारावास और 5000 रुपए जुर्माना, धारा 36 में 7 साल कठोर कारावास तथा 10000 रुपए जुर्माना से दंडित किया गया है. इसी प्रकार धारा 343 के अंतर्गत 2 वर्ष का कारावास तथा 10000 का जुर्माना लगाया है. साथ ही पॉक्सो एक्ट में 20 साल का कठोर कारावास और 25 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है.