कपासन (चित्तौड़गढ़). जिले के पीयूष कांबले सांपों को बचाने का काम करते हैं, इसके लिए वे सांपों को खुद रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ते हैं. ताकि इनसे डरकर लोग इन्हें जान से न मार दें. इस साल बारिश के महीनों में पीयूष ने करीब सैकड़ों सांपों को रेस्क्यू कर जंगल में सुरक्षित छोड़ा है. कई घरों से गोहरा और बिछ्छू को भी रेस्क्यू कर जंगल में सुरक्षित छोड़ा है. अब तक कोबरा, क्रेट, वाइपर जैसे जहरीले सांपों के अलावा ट्रिंककिट, अजगर, रेट स्नेक, रसल सेंड बोआ, चैकड़ को रेस्क्यू किया है.
पीयूष कांबले ने बताया कि राशमी क्षेत्र से सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे तो देखा कि दुर्लभ प्रजाति अलबिनो कोबरा नाम से जाना जाने वाले सर्प है. जिसकी सूचना वनविभाग को दी गई. अलबिनो कोबरा सर्प की प्रजाति कम पाई जाती हैं. इसमें सबसे अधिक जहर होता हैं. साप को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया गया. जिस पर चित्तौड़गढ़ वनविभाग की टीम और पीयूष कांबले की संयुक्त टीम ने रेस्क्यू करके पकड़ा और इसको जंगल में ले जाकर ठंडे वातावरण में छोड़ा.
निशुल्क देते हैं सेवाएं
घर हो या बाड़ा या फिर आसपास के क्षेत्र में अगर सांप, गोयरा सहित दूसरे वन्यजीव निकल आए तो उन्हें टीम के सदस्य निशुल्क रेस्क्यू करते हैं. इस काम का एक भी रुपया ये लोग नहीं लेते हैं. पीयूष की एक टीम है. जिसमें राधेश्याम रेगर, दिनेश चन्द्र खटीक आदि सदस्यों शामिल है. जिसकी मदद दिन प्रतिदिन क्षेत्र में विभिन्न प्रजाति के जीव जन्तु रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. पीयूष की इस कोशिश के चलते सांपो की सुरक्षा के प्रति लोगों को रुझान बढ़ा है. उनका उद्देश्य मूक प्राणियों का जीवन और इंसान को खतरे से बचाना है.