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कपासन: पीयूष की सांपों को बचाने की मुहिम, एक कॉल पर पहुंच जाते हैं सांपों को रेस्क्यू करने

चित्तौड़गढ़ जिले के राशमी कस्बे के बीआरजीबी बैंक में कार्यरत पीयूष कांबले ने सांपों को बचाने की मुहिम छेड़ रखी है. सांपों को बचाने के काम को उसने अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है. पीयूष रात 2 बजे भी एक कॉल पर रेस्क्यू करने निकल पड़ते हैं. मूक प्राणी को बचाने और इंसान की सुरक्षा की जिम्मेदारी पीयूष के मन में बसी हुई है.

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Published : Oct 18, 2019, 12:23 PM IST

कपासन (चित्तौड़गढ़). जिले के पीयूष कांबले सांपों को बचाने का काम करते हैं, इसके लिए वे सांपों को खुद रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ते हैं. ताकि इनसे डरकर लोग इन्हें जान से न मार दें. इस साल बारिश के महीनों में पीयूष ने करीब सैकड़ों सांपों को रेस्क्यू कर जंगल में सुरक्षित छोड़ा है. कई घरों से गोहरा और बिछ्छू को भी रेस्क्यू कर जंगल में सुरक्षित छोड़ा है. अब तक कोबरा, क्रेट, वाइपर जैसे जहरीले सांपों के अलावा ट्रिंककिट, अजगर, रेट स्नेक, रसल सेंड बोआ, चैकड़ को रेस्क्यू किया है.

पीयूष की सांपों को बचाने की मुहिम

पीयूष कांबले ने बताया कि राशमी क्षेत्र से सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे तो देखा कि दुर्लभ प्रजाति अलबिनो कोबरा नाम से जाना जाने वाले सर्प है. जिसकी सूचना वनविभाग को दी गई. अलबिनो कोबरा सर्प की प्रजाति कम पाई जाती हैं. इसमें सबसे अधिक जहर होता हैं. साप को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया गया. जिस पर चित्तौड़गढ़ वनविभाग की टीम और पीयूष कांबले की संयुक्त टीम ने रेस्क्यू करके पकड़ा और इसको जंगल में ले जाकर ठंडे वातावरण में छोड़ा.

पढे़ं- स्पेशल स्टोरी: कलेक्टर SP ऐसे भी, दिव्यांग जनों को लेकर मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखने पहुंचे, कहा- अपनापन देने का प्रयास

निशुल्क देते हैं सेवाएं

घर हो या बाड़ा या फिर आसपास के क्षेत्र में अगर सांप, गोयरा सहित दूसरे वन्यजीव निकल आए तो उन्हें टीम के सदस्य निशुल्क रेस्क्यू करते हैं. इस काम का एक भी रुपया ये लोग नहीं लेते हैं. पीयूष की एक टीम है. जिसमें राधेश्याम रेगर, दिनेश चन्द्र खटीक आदि सदस्यों शामिल है. जिसकी मदद दिन प्रतिदिन क्षेत्र में विभिन्न प्रजाति के जीव जन्तु रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. पीयूष की इस कोशिश के चलते सांपो की सुरक्षा के प्रति लोगों को रुझान बढ़ा है. उनका उद्देश्य मूक प्राणियों का जीवन और इंसान को खतरे से बचाना है.

कपासन (चित्तौड़गढ़). जिले के पीयूष कांबले सांपों को बचाने का काम करते हैं, इसके लिए वे सांपों को खुद रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ते हैं. ताकि इनसे डरकर लोग इन्हें जान से न मार दें. इस साल बारिश के महीनों में पीयूष ने करीब सैकड़ों सांपों को रेस्क्यू कर जंगल में सुरक्षित छोड़ा है. कई घरों से गोहरा और बिछ्छू को भी रेस्क्यू कर जंगल में सुरक्षित छोड़ा है. अब तक कोबरा, क्रेट, वाइपर जैसे जहरीले सांपों के अलावा ट्रिंककिट, अजगर, रेट स्नेक, रसल सेंड बोआ, चैकड़ को रेस्क्यू किया है.

पीयूष की सांपों को बचाने की मुहिम

पीयूष कांबले ने बताया कि राशमी क्षेत्र से सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे तो देखा कि दुर्लभ प्रजाति अलबिनो कोबरा नाम से जाना जाने वाले सर्प है. जिसकी सूचना वनविभाग को दी गई. अलबिनो कोबरा सर्प की प्रजाति कम पाई जाती हैं. इसमें सबसे अधिक जहर होता हैं. साप को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया गया. जिस पर चित्तौड़गढ़ वनविभाग की टीम और पीयूष कांबले की संयुक्त टीम ने रेस्क्यू करके पकड़ा और इसको जंगल में ले जाकर ठंडे वातावरण में छोड़ा.

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निशुल्क देते हैं सेवाएं

घर हो या बाड़ा या फिर आसपास के क्षेत्र में अगर सांप, गोयरा सहित दूसरे वन्यजीव निकल आए तो उन्हें टीम के सदस्य निशुल्क रेस्क्यू करते हैं. इस काम का एक भी रुपया ये लोग नहीं लेते हैं. पीयूष की एक टीम है. जिसमें राधेश्याम रेगर, दिनेश चन्द्र खटीक आदि सदस्यों शामिल है. जिसकी मदद दिन प्रतिदिन क्षेत्र में विभिन्न प्रजाति के जीव जन्तु रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. पीयूष की इस कोशिश के चलते सांपो की सुरक्षा के प्रति लोगों को रुझान बढ़ा है. उनका उद्देश्य मूक प्राणियों का जीवन और इंसान को खतरे से बचाना है.

Intro:कपासन-दुर्लभ प्रजाति के अलबिनो कोबरा नामक सर्प को राशमी क्षेत्र से वन विभाग एवं पीयूष कामले की संयुक्त टीम ने रेस्क्यू किया।

एक कॉल पर सांप को पकड़ने पहुंच जाते हैं पियुषBody:

कपासन(चित्तोड़गढ)| राशमी कस्बे के बीआरजीबी बैंक में कार्यरत पीयूष काम्बले ने सांपों को बचाने की मुहिम छेड़ रखी है। सांपों को बचाने के काम को उसने अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है। पीयूष कामले रात दो बजे भी एक कॉल पर रेस्क्यू करने निकल पड़ते हैं। मूक प्राणी को बचाने और इंसान की सुरक्षा की जिम्मेदारी पियुष कामले के मन में बसी हुई है। इसी जुनून के चलते इस साल बारिश के महीनों में पियुष कामले ने करीब सैकड़ों सांपों को रेस्क्यू कर जंगल में सुरक्षित छोड़ा है। पियुष कामले ने कई घरों से गोहरा व बिज्जू को भी रेस्क्यू कर जंगल में सुरक्षित छोड़ा है। अब तक कोबरा, क्रेट, वाइपर जैसे जहरीले सांपों के अलावा ट्रिंककिट, अजगर, रेट स्नेक, रसल सेंड बोआ, चैकड़ को रेस्क्यू किया है। साथ ज्यादा कॉल आने पर कारण राधेश्याम रेगर, दिनेश चन्द्र खटीक आदि सदस्यों की टीम गठित कर रखी जिसकी मदद दिन प्रतिदिन क्षेत्र में विभिन्न प्रजाति के जीव जन्तु रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं जिसके कारण सांपो की सुरक्षा के प्रति लोगों को रुझान बढ़ा है। उनका उद्देश्य मूक प्राणियों का जीवन और इंसान को खतरे से बचाना है।
इसी प्रकार राशमी क्षेत्र से सूचना मिलने पर पीयूष कामले मौके पर पहुंचा तो वह देखा कि दुर्लभ प्रजाति अलबिनो कोबरा नाम जाने वाले सर्प है ।जिसकी सूचना वनविभाग को दी जिस पर चित्तोड़गढ़, कपासन, राशमी की वनविभाग की टीम एवं पीयूष काम्बले की सयुक्त टीम ने रेस्क्यू करके बड़ी मस्क़त से अलबिनो कोबरा नामक सर्प का रेस्क्यू करके पकड़ा और इसको जंगल में ले जाकर ठंडे वातावरण में छोडा साथ वन विभाग शम्भू लाल शर्मा ने बताया कि इस पर जाती का सांप चित्तौड़गढ़ पहली बार देखा गया है। इसको देखने ग्रामीण उपस्थित हुए और जानकारी मिली कि पूर्व प्रधान नकुल सिंह भाटी मुरोली के कृषि फार्म हाउस पर वाइपर साप आने की सूचना पर पियुष कामले तुरंत मौके पर पहुंचे 2 घंटे की बड़ी मस्कत के बाद पौने 6 फिट सांप को रेस्क्यू पाए। पीयूष कामले ने बताया कि वाइपर सर्प की प्रजापति इस इलाके में कम पाई जाती हैं। वाइपर सर्प में सबसे अधिक जहर होता हैं। साप को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया गया।
निशुल्क सेवा करते हैं: घर हो या बाड़ा या फिर आसपास के क्षेत्र में अगर सांप, गोहरा सहित दूसरे वन्यजीव निकल आएं तो उन्हें टीम के सदस्य निशुल्क रेस्क्यू करते हैं।Conclusion:बाइट--पीयूष काम्बले, बीआरकेजीबी बैंक में कार्यरत, विदर्भ सर्प मित्र समिति सदस्य नागपुर
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