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चित्तौड़गढ़: सांवलियाजी मंदिर के दो गेट किए बंद, विरोध में उतरे व्यवसायी और ग्रामीण

चित्तौड़गढ़ जिले के कृष्णधाम श्री सांवलियाजी मंदिर के दो द्वारों को एडीएम के आदेश के बाद बंद कर दिया गया है. जिसको लेकर मंडफिया ग्रामीण और व्यापारियों ने मंदिर कार्यालय पहुंच कर विरोध किया. लोगों का कहना है कि 2 द्वारों को बंद करने से समस्या हो रही है. वहीं मंदिर मंडल के चेयरमेन ने इसका कारण सुरक्षा के लिए गार्डों की कमी होना बताया.

सांवलियाजी मंदिर के दो द्वार बंद, चित्तौड़गढ़ में श्री सांवलियाजी मंदिर, Shree Sanwaliyaji Temple in Chittorgarh, Two gates of Sanwaliyaji temple closed
सांवलियाजी मंदिर के द्वार बंद करने पर लोगों का विरोध
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Published : Mar 9, 2020, 8:13 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिले के प्रख्यात कृष्णधाम श्री सांवलियाजी मंदिर में दो द्वार बंद कर देने के बाद लोगों में आक्रोश का माहौल है. इससे एक तरफ जहां आम यात्री को करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल चल कर दर्शनार्थ जाना पड़ रहा है. वहीं व्यवसाय भी ठप्प हो रहा है. मंडफिया के स्थानीय निवासियों को भी दर्शन करने में दिक्कत हो रही है. ऐसे में सोमवार दोपहर लगभग 30 से अधिक व्यवसायी और गांव के प्रबुद्धजन मंदिर कार्यालय पहुंचे. वहां विरोध दर्ज कराते हुए धरने पर बैठ गए. बाद में अपनी मांग के सम्बंध में उपखंड अधिकारी को ज्ञापन दिया. साथ ही मंदिर मंडल के चेयरमेन को भी अपनी परेशानी बताई. चेयरमेन ने इस सम्बंध में मुख्य निष्पादन अधिकारी से बात कर गेट खुलवाने का आश्वासन दिया है.

सांवलियाजी मंदिर के द्वार बंद करने पर लोगों का विरोध

जानकारी के अनुसार जिले के मंडफिया स्थित श्री सांवलियाजी मंदिर में प्रदेश के लिए तीन द्वार है. एक द्वार बस स्टैंड और दुकानों की तरफ है. दूसरा गांव (घंटाघर द्वार) की तरफ, जहां से अधिकांश स्थानीय ग्रामीण दर्शनार्थ आते हैं. वहीं एक द्वार और है. जहां सिंहद्वार का निर्माण हाल ही में पूरा हुआ है. ऐसे में श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल के मुख्य निष्पादन अधिकारी (अतिरिक्त जिला कलक्टर) ने दो दिन पहले आदेश जारी कर दुकानों और गांव की तरफ दोनों ही द्वार को बंद करवा दिया. वहीं सिंहद्वार से सभी यात्रियों का प्रवेश शुरू कर दिया.

ये पढ़ेंः चित्तौड़गढ़ः सांवलिया सेठ का खुला भंडार, फाग महोत्सव कल

ऐसे में किसी भी यात्री को दर्शन करने में करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल चल कर जाना पड़ रहा है. इतना ही नहीं पुन अपने वाहन तक आने में भी इतना ही सफर करना पड़ रहा है. इससे भगवान श्री सांवलियाजी सेठ का दर्शन यात्रियों को भारी पड़ रहा है. दो दिन से की गई इस व्यवस्था से जहां यात्री तो परेशान है ही स्थानीय श्रद्धालु भी काफी परेशान है. इसका कारण यह है कि पहले स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए अलग द्वार था. यहां नियमित 400 से 500 लोग नियमित दर्शनार्थ आते हैं. इनमें से कुछ सुबह तो कुछ शाम का तो कई ऐसे हैं, जो दोनों समय दर्शन करने पहुंचते हैं. इनमें से कईयों की उम्र 60 वर्ष से ज्यादा है.

ये पढ़ेंः प्रभारी मंत्री का दौरा औपचारिकता, प्रशासन की रिपोर्ट पर किसानों को फूटी कौड़ी भी मुआवजा नहीं मिलेगा: राठौड़

बस स्टैंड और मार्केट की ओर स्थित गेट बंद कर देने से व्यापारियों का व्यवसाय ठप्प हो गया है. इससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया. सोमवार दोपहर बड़ी संख्या में लोग श्री सांवलियाजी मंदिर कार्यालय पहुंचे, जहां विरोध जताते हुए धरने पर बैठ गए. इनके साथ गांव के कई प्रबुद्धजन भी थे, जो सभी द्वार खुलवाने की मांग पर अड़े हुए थे. बाद में सभी ने उपखंड अधिकारी अंशुल आमेरिया और श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल के चेयरमेन कन्हैयादास वैष्णव को अपनी समस्याओं से अवगत कराया इस पर अधिकारी व चेयरमेन ने समस्या के समाधान का उचित निस्तारण का आश्वासन दिया. ग्रामीणों और प्रबुद्धजनों का आरोप है कि इससे स्थानीय व बाहरी सभी यात्री परेशान होंगे. पर्याप्त संख्या में सुरक्षा गार्ड नहीं होने के कारण भी यह दोनों गेट बंद कर दिए.

चित्तौड़गढ़. जिले के प्रख्यात कृष्णधाम श्री सांवलियाजी मंदिर में दो द्वार बंद कर देने के बाद लोगों में आक्रोश का माहौल है. इससे एक तरफ जहां आम यात्री को करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल चल कर दर्शनार्थ जाना पड़ रहा है. वहीं व्यवसाय भी ठप्प हो रहा है. मंडफिया के स्थानीय निवासियों को भी दर्शन करने में दिक्कत हो रही है. ऐसे में सोमवार दोपहर लगभग 30 से अधिक व्यवसायी और गांव के प्रबुद्धजन मंदिर कार्यालय पहुंचे. वहां विरोध दर्ज कराते हुए धरने पर बैठ गए. बाद में अपनी मांग के सम्बंध में उपखंड अधिकारी को ज्ञापन दिया. साथ ही मंदिर मंडल के चेयरमेन को भी अपनी परेशानी बताई. चेयरमेन ने इस सम्बंध में मुख्य निष्पादन अधिकारी से बात कर गेट खुलवाने का आश्वासन दिया है.

सांवलियाजी मंदिर के द्वार बंद करने पर लोगों का विरोध

जानकारी के अनुसार जिले के मंडफिया स्थित श्री सांवलियाजी मंदिर में प्रदेश के लिए तीन द्वार है. एक द्वार बस स्टैंड और दुकानों की तरफ है. दूसरा गांव (घंटाघर द्वार) की तरफ, जहां से अधिकांश स्थानीय ग्रामीण दर्शनार्थ आते हैं. वहीं एक द्वार और है. जहां सिंहद्वार का निर्माण हाल ही में पूरा हुआ है. ऐसे में श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल के मुख्य निष्पादन अधिकारी (अतिरिक्त जिला कलक्टर) ने दो दिन पहले आदेश जारी कर दुकानों और गांव की तरफ दोनों ही द्वार को बंद करवा दिया. वहीं सिंहद्वार से सभी यात्रियों का प्रवेश शुरू कर दिया.

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ऐसे में किसी भी यात्री को दर्शन करने में करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल चल कर जाना पड़ रहा है. इतना ही नहीं पुन अपने वाहन तक आने में भी इतना ही सफर करना पड़ रहा है. इससे भगवान श्री सांवलियाजी सेठ का दर्शन यात्रियों को भारी पड़ रहा है. दो दिन से की गई इस व्यवस्था से जहां यात्री तो परेशान है ही स्थानीय श्रद्धालु भी काफी परेशान है. इसका कारण यह है कि पहले स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए अलग द्वार था. यहां नियमित 400 से 500 लोग नियमित दर्शनार्थ आते हैं. इनमें से कुछ सुबह तो कुछ शाम का तो कई ऐसे हैं, जो दोनों समय दर्शन करने पहुंचते हैं. इनमें से कईयों की उम्र 60 वर्ष से ज्यादा है.

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बस स्टैंड और मार्केट की ओर स्थित गेट बंद कर देने से व्यापारियों का व्यवसाय ठप्प हो गया है. इससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया. सोमवार दोपहर बड़ी संख्या में लोग श्री सांवलियाजी मंदिर कार्यालय पहुंचे, जहां विरोध जताते हुए धरने पर बैठ गए. इनके साथ गांव के कई प्रबुद्धजन भी थे, जो सभी द्वार खुलवाने की मांग पर अड़े हुए थे. बाद में सभी ने उपखंड अधिकारी अंशुल आमेरिया और श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल के चेयरमेन कन्हैयादास वैष्णव को अपनी समस्याओं से अवगत कराया इस पर अधिकारी व चेयरमेन ने समस्या के समाधान का उचित निस्तारण का आश्वासन दिया. ग्रामीणों और प्रबुद्धजनों का आरोप है कि इससे स्थानीय व बाहरी सभी यात्री परेशान होंगे. पर्याप्त संख्या में सुरक्षा गार्ड नहीं होने के कारण भी यह दोनों गेट बंद कर दिए.

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