चित्तौड़गढ़. देशभर में जहां जीवनदायिनी ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है. वहीं केंद्र और राज्य सरकार चिकित्सालय में ऑक्सीजन की सप्लाई सुचारू रूप से करने के लिए हर तरह से प्रयास कर रही है. जिससे आमजन की जिंदगी बचाई जा सके, लेकिन चित्तौड़गढ़ जिले में गंगरार उपखंड अधिकारी ही आजोलिया का खेड़ा क्षेत्र में संचालित हो रहे ऑक्सीजन गैस प्लांट को सुचारू रूप से चलाने में बाधा बने हुए हैं. इसके चलते यह ऑक्सीजन प्लांट बुधवार सुबह 8 बजे से करीब 4 घंटे तक बंद रहा.
इससे करीब 6 जिलों में इस प्लांट से ऑक्सीजन की जाने वाली आपूर्ति भी बाधित हुई है. ऑक्सीजन परिवहन करने वाले वाहन चालकों ने भी गंगरार उपखंड अधिकारी पर उन्हें रोकने के गंभीर आरोप भी लगाएं हैं. इसके अलावा जब प्लांट बंद होने की सूचना विश्वसनीय सूत्रों से मीडियाकर्मियों को मिली. इसपर वहां जाने पर सामने आया कि प्लांट को काफी समय से बंद किया हुआ था और वहांपर उपस्थित ऑक्सीजन परिवहन करने वाले गाड़ी के चालकों से जब बात की गई तो उन्होंने सीधा आरोप गंगरार उपखंड अधिकारी मुकेश मीणा पर लगाया.
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इनका आरोप है कि आए दिन उपखंड अधिकारी की ओर से ऑक्सीजन परिवहन करने से उनको रोका जा रहा है. बीती रात भी उन्हीं के कहने पर 2 घंटे तक गाड़ियों में प्लांट से ऑक्सीजन के सिलेंडर नहीं भरने दिए गए थे. इसके बाद जब प्लांट बंद होने की सूचना उपखंड अधिकारी मुकेश कुमार मीणा को मिली तो करीब 11.15 बजे ऑक्सीजन प्लांट पहुंचे. यहां पर उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि इस प्लांट को रख रखाव के लिए बंद किया गया है. इसके साथ ही उपखंड अधिकारी मीडिया कर्मियों के कई सवालों के जवाब पर टालमटोल करते हुए दिखे. जबकि जानकारी में सामने आया है कि उपखंड अधिकारी का इस प्लांट संचालक पर समय-समय पर दबाव बनाने की भी बात सामने आई और कई बार यह भी देखने में आया है कि उपखंड अधिकारी ने ऑक्सीजन प्लांट संचालक पर हर तरह से दबाव बनाने का प्रयास किए हैं.
इसके साथ ही जब इसकी सूचना अतिरिक्त जिला कलेक्टर भू अवप्ति अम्बालाल मीणा को मिली तो वह भी आजोलिया का खेड़ा स्थित ऑक्सीजन प्लांट पहुंचे. जहांपर उन्होंने संबंधित अधिकारियों पर प्लांट बंद होने के कारण का पता लगाया. उन्होंने बताया कि चित्तौड़गढ़ में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है और चित्तौड़गढ़ से अन्य जिलों को भी ऑक्सीजन सप्लाई कर रहा है. बरहाल चित्तौड़गढ़ सहित कई अन्य जिलों में कोरोना केस दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं. ऐसे में ऑक्सीजन हर मरीज के लिए जीवनदायिनी और संजीवनी का काम कर रही है. ऐसे में प्रशासन के आला अधिकारियों को इस बारे में तत्परता के साथ संज्ञान लेने की आवश्यकता है. जिससे की जीवनदायिनी ऑक्सीजन के प्लांट को सुचारू रूप से चलाकर हजारों जिंदगियों को बचाया जा सके